कोरोना से देशभर में हाहाकार, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी पर SC ने मांगा केंद्र सरकार से जवाब

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 22, 2021
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के रोज बढ़ते मामले और साथ में दवाओं-ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनकी क्या योजना है। हाई कोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की सुनवाई को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है। 



मौजूदा स्थिति को 'राष्ट्रीय आपातकाल' के समान बताते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन और दवाओं की सप्लाई और टीकाकरण को लेकर भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की योजना बताए।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार बिंदुओं पर जवाब मांगा है। केंद्र ने कहा है कि सरकार ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी जवाओं की सप्लाई, टीकाकरण की प्रक्रिया और लॉकडाउन लगाने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं...इनपर जवाब दे। 

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इस दौरान यह भी कहा कि मौजूदा समय में देश के छह हाई कोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की सुनवाई हो रही है। इसमें दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, कलकत्ता और इलाहाबाद हाई कोर्ट शामिल हैं। चीफ जस्टिस ने इतने हाई कोर्टों में सुनवाई को लेकर कहा, 'इससे भ्रम पैदा हो रहा है।' 

लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल यानी कल होगी। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एमिकस क्युरी भी नियुक्त किया है। 

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर गुरुवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और इस दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाए जाने के रास्तों और विकल्पों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान अधिकारियों ने पिछले कुछ सप्ताहों में ऑक्सीन की आपूर्ति बेहतर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्यों की ऑक्सीजन की मांग और उसके अनुसार उसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों की ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है। बयान के मुताबिक 20 राज्यों की ओर से प्रतिदिन 6785 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की वर्तमान मांग के मुकाबले 21 अप्रैल से उन्हें 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की जा रही है।

 

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