नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसानों में आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने चेतावनी दी है कि वह इसके खिलाफ 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने जा रहा है। भारतीय मजदूर संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो देशव्यापी हड़ताल भी की जा सकती है।

बता दें कि सरकार ने तीन नए लेबर कोड लाकर दर्जनों श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया है। भारतीय मजदूर संघ वैसे आमतौर पर लेबर कोड पारित होने का स्वागत कर रहा है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उसका विरोध है। मजदूर संघ इन कोड के कई प्रावधानों को 'श्रमिक विरोधी' मानता है जैसे हड़ताल का अधिकार खत्म करना, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव आदि।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बिनय कुमार सिन्हा ने कहा, 'हाल में बीएमस के 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया है। इसमें यह तय हुआ है कि नए लेबर कोड के श्रमिक विरोधी प्रावधानों के खिलाफ लगातार राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाए। सम्मेलन में एक प्रमुख प्रस्ताव यह पारित हुआ है कि सरकार से यह मांग की जाए कि वह नए लेबर कोड से श्रमिक विरोधी प्रावधानों को तत्काल हटाये।'
भारतीय मजदूर संघ 10 से 16 अक्टूबर तक 'चेतावनी सप्ताह' का आयोजन करेगा और इसके तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इसके बाद संगठन 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा।

बता दें कि सरकार ने तीन नए लेबर कोड लाकर दर्जनों श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया है। भारतीय मजदूर संघ वैसे आमतौर पर लेबर कोड पारित होने का स्वागत कर रहा है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उसका विरोध है। मजदूर संघ इन कोड के कई प्रावधानों को 'श्रमिक विरोधी' मानता है जैसे हड़ताल का अधिकार खत्म करना, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव आदि।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बिनय कुमार सिन्हा ने कहा, 'हाल में बीएमस के 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया है। इसमें यह तय हुआ है कि नए लेबर कोड के श्रमिक विरोधी प्रावधानों के खिलाफ लगातार राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाए। सम्मेलन में एक प्रमुख प्रस्ताव यह पारित हुआ है कि सरकार से यह मांग की जाए कि वह नए लेबर कोड से श्रमिक विरोधी प्रावधानों को तत्काल हटाये।'
भारतीय मजदूर संघ 10 से 16 अक्टूबर तक 'चेतावनी सप्ताह' का आयोजन करेगा और इसके तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इसके बाद संगठन 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा।