नई दिल्ली। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला का आज जन्मदिन है। रोहित वेमुला आज होते तो अपना जन्मदिन मना रहे होते लेकिन उन्होंने यहां कुंडली मारे बैठे जातीय भेदभाव की वजह से अपनी जान दे दी। बहुजन आंदोलन को धार देने वाले रोहित वेमुला का जन्म 30 जनवरी 1989 को आन्ध्र प्रदेश में हुआ था। बहुत ही मुफलिसी में जीवन व्यतीत करने वाले रोहित वेमुला कड़ी मेहनत कर और भविष्य के बहुत सारे सपने संजोये हैदराबाद विवि पहुंचे। यहां से वे पीएचडी कर रहे थे। लेकिन जातीय हिंसकों की साजिशों ने उन्हें जीने नहीं दिया।

रोहित की मानसिक स्थिति को इस स्तर तक पहुंचा दिया गया कि उन्होंने आत्महत्या का फैसला ले लिया। रोहित के अंतिम खत से पहले भी उसने एक खत वीसी को लिखा था। उसमें उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता था। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक वैज्ञानिक की तरह सोच रखने वाला इंसान आत्महत्या के ख्याल को दबा नहीं पाया।
हालांकि उनकी मौत को एक साल हो चुका है लेकिन सरकार की छत्रछाया में पल रहे कातिलों को अभी तक आंच नहीं आई है। इसके साथ ही इस आत्महत्या के लिए जिम्मेदार माने जा रहे वीसी अप्पाराव को सजा के बजाय प्रधानमंत्री ने खुद बेस्ट शिक्षक के अवॉर्ड से सम्मानित किया है।
Courtesy: National Dastak

रोहित की मानसिक स्थिति को इस स्तर तक पहुंचा दिया गया कि उन्होंने आत्महत्या का फैसला ले लिया। रोहित के अंतिम खत से पहले भी उसने एक खत वीसी को लिखा था। उसमें उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता था। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक वैज्ञानिक की तरह सोच रखने वाला इंसान आत्महत्या के ख्याल को दबा नहीं पाया।
हालांकि उनकी मौत को एक साल हो चुका है लेकिन सरकार की छत्रछाया में पल रहे कातिलों को अभी तक आंच नहीं आई है। इसके साथ ही इस आत्महत्या के लिए जिम्मेदार माने जा रहे वीसी अप्पाराव को सजा के बजाय प्रधानमंत्री ने खुद बेस्ट शिक्षक के अवॉर्ड से सम्मानित किया है।
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