आदरणीय योगी जी,
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश,
मेरे व्हाट्स एप में आपके राज्य के परीक्षार्थियों के हज़ारों मेसेज भर गए हैं। अलग-अलग परीक्षाओं के पीड़ित छात्र मुझे लिखते रहते हैं। मैंने प्राइम टाइम में दिखाया। आज आने वाले अनगिनत मेसेज में एक खुदकुशी की तस्वीर है। चुनाव के बाद तीन-चार ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं। ज़ाहिर है अपने साथियों की आत्महत्या से ये लोग आहत हैं। फिलहाल 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले के बारे में छात्र पत्र लिख रहे हैं कि मैं इसे उठाऊं ताकि आपकी सरकार अदालत में इस मामले की सुनवाई जल्दी निपटाने में मदद करे और नौजवानों को नियुक्ति पत्र मिले।
समाज और मीडिया इन नौजवानों से उदासीन हो चुका है। ये नौजवान भी मीडिया पर वही देख रहे थे जिसे मैं प्रोपेगैंडा कहता हूं। पर इसकी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए। एक भी नौजवान ने आपकी सरकार के बारे में बुरी बात नहीं कही है। परेशानी के वक्त में नौजवान स्वाभाविक रूप से मुर्दाबाद कर देते हैं। आप जब विपक्ष में थे तब आपके साथ नौजवान सरकारों का खूब मुर्दाबाद करते थे। लेकिन ये नौजवान परेशान होते हुए भी आपकी पार्टी, आपके और प्रधानमंत्री मोदी में गहरी आस्था रखते हैं। मैंने कई छात्रों से बात की है। वे एक बार भी अनादर से बात नहीं करते हैं। ये आपके ही वोटर हैं। बेरोज़गारी झेलते हुए भी आपकी पार्टी की जीत में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। तो फिर सरकार को भी इनका पूरा ख़्याल रखना चाहिए।
आप काफी व्यस्त रहते हैं। कुछ परीक्षाओं के पीड़ितों से आप मिलते भी हैं। अच्छा होता कि इनकी समस्या का निपटारा जल्दी होता। उनके पत्र की काफी यहां पोस्ट कर रहा हूं।
नमस्ते रवीश कुमार सर,
सर आपने विनम्र निवेदन है कि यूपी में 69000 भर्ती के बारे में आप एक बार जरूर अपने चैनल पर यह मुद्दा उठाएं ।
मामला यह है कि 6 2019 जनवरी को पेपर हुआ था जिसके अगले दिन सरकार ने योग्यता को ध्यान में रखते हुए 60% 65% पासिंग मार्किंग लगाई जिसका शिक्षामित्रों के द्वारा कोर्ट ऐसे चैलेंज किया गया जिसमें सरकार का ढीला रवैय्या होने से अपनी 60 65 % पासिंग मार्किंग को नही बचा पाई जिससे मामला डबल बेंच में चला गया और वहा भी अभी भी सरकार का ढीला रवैया है एडवोकेट जनरल कोर्ट में आते ही नही है जिससे की मामला जल्द से जल्द पूरा हो ।
प्लीज sir ये मुद्दा अपने चैनल पर एक बार जरूर दिखाए जिससे यूपी सरकार की नींद खुले ।
धन्यवाद सर
आपके राज्य के एक और परीक्षा के पीड़ित छात्रों ने कई मेसेज भेजे हैं। उम्मीद है आपका सूचना विभाग मेरे पत्र को आप तक पहुंचाएगा और आप अपने मतदाता युवाओं का ख़्याल रखेंगे और जल्दी से नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। मैं उनका पत्र यहां पोस्ट कर रहा हूं।
रवीश कुमार जी,
सुप्रभात ।
आपकी विशुद्ध कार्यशैली से पूरा भारत भलीभांति परिचित है इसी क्रम में आपको मैं (व्यक्तिगत नही बल्कि 16000 छात्रों की )अपनी समस्या से अवगत कराना चाहता हूं मैं एक सिविल सेवा का अभ्यर्थी हूं, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2016 से सहायक कोषागार और लेखाकार के लिए रिक्तियां निकाली गई थी, तत्पश्चात उसकी परीक्षा ली गयी, चूंकि उस समय साक्षात्कार का भी प्रावधान था अतः साक्षात्कार भी लिया गया, 2017 में नई सरकार आते ही उस साक्षात्कार प्रणाली को निरस्त कर दिया गया
और 2018 में दिसम्बर तक फिर से साक्षात्कार लिया गया, अब वर्तमान में सरकार इस अधियाचन में सहायक कोषागार की रिक्तियां वापस लेना चाह रही हैं ( कुल 2700 रिक्तियों में से 540 वापस ले रही है और 2160 रिक्ति का परिणाम निकालना चाह रही है ) 3 साल बाद ऐसा कैसे निर्णय है , छात्र 3 साल बाद कहाँ जाएं, दो दो बार साक्षात्कार, अगर ऐसा ही मजाक करना था तो अधियाचन , अधीनस्थ आयोग को दिया ही क्यों गया ? कृपया हेल्प करें बाकी सारी बातें हम विस्तार से आपको बताएंगे ।
आपके प्रत्युत्तर की अपेक्षा रहेगी ।
प्लीज रिप्लाई
अतुल मिसरा
यूपी
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई राज्यों में नौजवान पीड़ित हैं। कांग्रेस शासित राज्यों में भी उनका हाल अच्छा नहीं है। आप भी समझते हैं कि टीवी पर इन मुद्दों के लिए कहां जगह होती है। किसी पत्रकार ने आपसे किसी मीडिया कान्कलेव में नौजवानों से संबंधित पत्र भी नहीं लिखा होगा। इसलिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं। एक दो मेसेज आते तो नज़रअंदाज़ कर देता लेकिन मुख्यमंत्री जी हज़ारों छात्रों ने मुझे मेसेज किया है। लिहाज़ा आप सही ग़लत का पता लगाकर उन्हें साफ़ साफ संदेश दे दें।
मुझे कई लोगों ने कहा कि इनकी बात न उठाऊं क्योंकि ये बीजेपी के मतदाता है। मैं यह अपराध नहीं करना चाहता। यह अनैतिक होगा। ये भारत के नागरिक हैं। मैं उन लोगों से असहमत हूं जो मुझे ऐसा करने से रोक रहे हैं। मुझे पता है कि आप नियुक्ति नहीं देंगे तब भी ये नौजवान आपकी पार्टी को ही वोट देंगे। तो क्या इन्हें सज़ा मिलनी चाहिए। मेरी राय में इन्हें नौकरी मिलनी चाहिए।
मुझे यकीन है कि आपके जैसा सह्रदय नेता तुरंत इनकी समस्याओं का समाधान करेगा। जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन के कई कारण है मगर एक कारण यह भी है कि वहां के नौजवानों को सरकारी नौकरियां मिलेंगी। मेरी गुज़ारिश है कि यूपी के नौजवानों को भी सरकारी नौकरियां मिलें। आशा है आप अपने मतदाता और नौजवानों को निराश नहीं करेंगे।
आपका,
रवीश कुमार
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश,
मेरे व्हाट्स एप में आपके राज्य के परीक्षार्थियों के हज़ारों मेसेज भर गए हैं। अलग-अलग परीक्षाओं के पीड़ित छात्र मुझे लिखते रहते हैं। मैंने प्राइम टाइम में दिखाया। आज आने वाले अनगिनत मेसेज में एक खुदकुशी की तस्वीर है। चुनाव के बाद तीन-चार ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं। ज़ाहिर है अपने साथियों की आत्महत्या से ये लोग आहत हैं। फिलहाल 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले के बारे में छात्र पत्र लिख रहे हैं कि मैं इसे उठाऊं ताकि आपकी सरकार अदालत में इस मामले की सुनवाई जल्दी निपटाने में मदद करे और नौजवानों को नियुक्ति पत्र मिले।
समाज और मीडिया इन नौजवानों से उदासीन हो चुका है। ये नौजवान भी मीडिया पर वही देख रहे थे जिसे मैं प्रोपेगैंडा कहता हूं। पर इसकी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए। एक भी नौजवान ने आपकी सरकार के बारे में बुरी बात नहीं कही है। परेशानी के वक्त में नौजवान स्वाभाविक रूप से मुर्दाबाद कर देते हैं। आप जब विपक्ष में थे तब आपके साथ नौजवान सरकारों का खूब मुर्दाबाद करते थे। लेकिन ये नौजवान परेशान होते हुए भी आपकी पार्टी, आपके और प्रधानमंत्री मोदी में गहरी आस्था रखते हैं। मैंने कई छात्रों से बात की है। वे एक बार भी अनादर से बात नहीं करते हैं। ये आपके ही वोटर हैं। बेरोज़गारी झेलते हुए भी आपकी पार्टी की जीत में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। तो फिर सरकार को भी इनका पूरा ख़्याल रखना चाहिए।
आप काफी व्यस्त रहते हैं। कुछ परीक्षाओं के पीड़ितों से आप मिलते भी हैं। अच्छा होता कि इनकी समस्या का निपटारा जल्दी होता। उनके पत्र की काफी यहां पोस्ट कर रहा हूं।
नमस्ते रवीश कुमार सर,
सर आपने विनम्र निवेदन है कि यूपी में 69000 भर्ती के बारे में आप एक बार जरूर अपने चैनल पर यह मुद्दा उठाएं ।
मामला यह है कि 6 2019 जनवरी को पेपर हुआ था जिसके अगले दिन सरकार ने योग्यता को ध्यान में रखते हुए 60% 65% पासिंग मार्किंग लगाई जिसका शिक्षामित्रों के द्वारा कोर्ट ऐसे चैलेंज किया गया जिसमें सरकार का ढीला रवैय्या होने से अपनी 60 65 % पासिंग मार्किंग को नही बचा पाई जिससे मामला डबल बेंच में चला गया और वहा भी अभी भी सरकार का ढीला रवैया है एडवोकेट जनरल कोर्ट में आते ही नही है जिससे की मामला जल्द से जल्द पूरा हो ।
प्लीज sir ये मुद्दा अपने चैनल पर एक बार जरूर दिखाए जिससे यूपी सरकार की नींद खुले ।
धन्यवाद सर
आपके राज्य के एक और परीक्षा के पीड़ित छात्रों ने कई मेसेज भेजे हैं। उम्मीद है आपका सूचना विभाग मेरे पत्र को आप तक पहुंचाएगा और आप अपने मतदाता युवाओं का ख़्याल रखेंगे और जल्दी से नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। मैं उनका पत्र यहां पोस्ट कर रहा हूं।
रवीश कुमार जी,
सुप्रभात ।
आपकी विशुद्ध कार्यशैली से पूरा भारत भलीभांति परिचित है इसी क्रम में आपको मैं (व्यक्तिगत नही बल्कि 16000 छात्रों की )अपनी समस्या से अवगत कराना चाहता हूं मैं एक सिविल सेवा का अभ्यर्थी हूं, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2016 से सहायक कोषागार और लेखाकार के लिए रिक्तियां निकाली गई थी, तत्पश्चात उसकी परीक्षा ली गयी, चूंकि उस समय साक्षात्कार का भी प्रावधान था अतः साक्षात्कार भी लिया गया, 2017 में नई सरकार आते ही उस साक्षात्कार प्रणाली को निरस्त कर दिया गया
और 2018 में दिसम्बर तक फिर से साक्षात्कार लिया गया, अब वर्तमान में सरकार इस अधियाचन में सहायक कोषागार की रिक्तियां वापस लेना चाह रही हैं ( कुल 2700 रिक्तियों में से 540 वापस ले रही है और 2160 रिक्ति का परिणाम निकालना चाह रही है ) 3 साल बाद ऐसा कैसे निर्णय है , छात्र 3 साल बाद कहाँ जाएं, दो दो बार साक्षात्कार, अगर ऐसा ही मजाक करना था तो अधियाचन , अधीनस्थ आयोग को दिया ही क्यों गया ? कृपया हेल्प करें बाकी सारी बातें हम विस्तार से आपको बताएंगे ।
आपके प्रत्युत्तर की अपेक्षा रहेगी ।
प्लीज रिप्लाई
अतुल मिसरा
यूपी
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई राज्यों में नौजवान पीड़ित हैं। कांग्रेस शासित राज्यों में भी उनका हाल अच्छा नहीं है। आप भी समझते हैं कि टीवी पर इन मुद्दों के लिए कहां जगह होती है। किसी पत्रकार ने आपसे किसी मीडिया कान्कलेव में नौजवानों से संबंधित पत्र भी नहीं लिखा होगा। इसलिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं। एक दो मेसेज आते तो नज़रअंदाज़ कर देता लेकिन मुख्यमंत्री जी हज़ारों छात्रों ने मुझे मेसेज किया है। लिहाज़ा आप सही ग़लत का पता लगाकर उन्हें साफ़ साफ संदेश दे दें।
मुझे कई लोगों ने कहा कि इनकी बात न उठाऊं क्योंकि ये बीजेपी के मतदाता है। मैं यह अपराध नहीं करना चाहता। यह अनैतिक होगा। ये भारत के नागरिक हैं। मैं उन लोगों से असहमत हूं जो मुझे ऐसा करने से रोक रहे हैं। मुझे पता है कि आप नियुक्ति नहीं देंगे तब भी ये नौजवान आपकी पार्टी को ही वोट देंगे। तो क्या इन्हें सज़ा मिलनी चाहिए। मेरी राय में इन्हें नौकरी मिलनी चाहिए।
मुझे यकीन है कि आपके जैसा सह्रदय नेता तुरंत इनकी समस्याओं का समाधान करेगा। जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन के कई कारण है मगर एक कारण यह भी है कि वहां के नौजवानों को सरकारी नौकरियां मिलेंगी। मेरी गुज़ारिश है कि यूपी के नौजवानों को भी सरकारी नौकरियां मिलें। आशा है आप अपने मतदाता और नौजवानों को निराश नहीं करेंगे।
आपका,
रवीश कुमार