एक और दिग्गज नेता ने बढ़ाईं बीजेपी की मुश्किलें

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 30, 2018

राजस्थान विधानसभा चुनावों में मतदान की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है, वैसे-वैसे भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अलग-अलग सीटों पर तो हजारों कार्यकर्ता पार्टी छोड़ ही चुके हैं, साथ ही, कई दिग्गज और वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़ते जा रहे हैं।
 

सुमित्रा सिंह
Image Courtesy: Amar Ujala


दौसा के सांसद हरीश चंद्र मीणा के कांग्रेस में जाने के बाद अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और 9 बार विधायक रह चुकीं सुमित्रा सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर, कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा की दिक्कतें बढ़ा दी हैं।

झुंझनू जिले की कद्दावर नेता सुमित्रा सिंह का सजातीय जाट समुदाय में ही नहीं, बाकी जातियों में भी अच्छा आधार है जिससे माना जा रहा है कि झुंझनू में भाजपा को भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

राजस्थान पीसीसी चीफ सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाथ पांडे समेत तमाम नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने वाली सुमित्रा सिंह ने पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर 1957 में पिलानी से लड़ा और जीता था जिसके बाद से वे 4 बार झुंझनू से विधायक चुनी गईं।

1985 में वे लोकदल और 1990 में जनता दल के टिकट पर भी चुनाव जीतीं। 1998 में निर्दलीय भी चुनाव जीत चुकी हैं। वर्ष 2003 में वे भाजपा की टिकट पर विधायक बनी थी जिसके बाद राजस्थान की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनने का गौरव उन्होंने हासिल किया था।।

भाजपा ने 2013 में उन्हें टिकट नहीं दिया था और इस बार भी उनकी अनदेखी की। इसके बाद मतदान के करीब सप्ताह भर पहले सुमित्रा सिंह ने कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा को अपने साथ हुए सलूक का करारा जवाब दिया है।
 

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