गोरक्षकों ने राजस्थान में पांच मुस्लिमों पर किया हमला, एक की मौत

Published on: April 6, 2017
सोशल मीडिया पर इन हमलों के कई वीडियो क्लीप प्रसारित हो रहे थे। लेकिन मंगलवार की दोपहर को इन्हें पोस्ट करने वालों ने इसे अपने फेसबुक पेज से डिलीट कर दिया था।



विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के स्वयंभू गोरक्षकों ने राजस्थान के अलवर जिले में पांच मुस्लिमों की बेहद निर्दयता से पिटाई की। जबकि उनके पास इस बात के दस्तावेजी सबूत थे कि वे अपने साथ जिन मवेशियों को ले जा रहे थे जयपुर के पशु मेले से खरीदे गए थे। वे शनिवार की शाम इन मवेशियों को अपने गृह राज्य हरियाणा ले जा रहे थे।

पिटाई से बुरी तरह घायल पांचों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इनमें से 55 वर्षीय पहलू खां की सोमवार को शाम को मौत हो गई। यह घटना राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर हुई।



 

पुलिस ने कहा मुस्लिमों ने इस बात के दस्तावेजी सबूत (रसीदें) दिखाए कि उन्होंने इन गायों को वैध तरीके से खरीदा है। इसके बावजूद उन पर हमले किए गए। इस घटना में अब तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

सबरंगइंडिया को अटैक के वे वीडियो क्लीप मिले हैं, जिन्हें अलवर के बहरोड़ के किसी राज हिंदू संतोरिया ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया है। (https://www.facebook.com/rajyadav84).

जिन वीडियो को मंगलवार की शाम डीलिट कर दिया गया है उनके लिंक नीचे दिए गए हैं-


https://www.facebook.com/rajyadav84/videos/754411514726728/

https://www.facebook.com/rajyadav84/videos/754412194726660/

https://www.facebook.com/rajyadav84/videos/754412494726630/



बहरोड़ पुलिस थाने के एसएचओ रमेश चंद सिनसिनवार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा - विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े गोरक्षकों ने शनिवार की शाम नेशनल हाईवे नंबर आठ पर जगुवास के पास चार वाहनों को रोक लिया। इन कथित गोरक्षकों का कहना था कि इन वाहनों से गैरकानूनी तरीके से पशुओं की तस्करी की जा रही थी। ये वाहन जयपुर से आ रहे थे और हरियाणा के नूंह जिले की ओर जा रहे थे।

मुस्लिमों पर हमले के दौरान गोरक्षकों ने वाहनों के हिंदू ड्राइवर अर्जुन को छोड़ दिया। लेकिन पहलू खां की उन्होंने जान ले ली। पोस्टमार्टम के बाद उनकी लाश उनके परिवार वालों को सौंप दी गई।

खान के साथ पिक-अप ट्रक में आ रहे 22 साल के अजमत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया - हम शनिवार को जयपुर के पशु मेले से आ रहे आ रहे थे। हमने 75000 रुपये में दो दुधारू गायें खरीदी थीं और हमारे पास इनकी पुख्ता रसीदें थीं। हम उन्हें छिपा कर भी नहीं ले जा रहे थे। हमने उन्हें पिक-अप ट्रक में लाद रखा था। लेकिन शनिवार को शाम छह बजे गोरक्षकों ने हमारे वाहन रोक लिए और हमारे नाम पूछे। उन्होंने हमारे ड्राइवर अर्जुन को जाने दिया।

 इस हमले में अजमत के साथ इरशाद, आरिफ और रफीक घायल हुए थे। वे मंगलवार को नूंह लौट आए थे। उनका आरोप था कि  बहरोड़ के कैलाश अस्पताल में उनकी ठीक से देखभाल नहीं हुई। अस्पताल में हर कोई  हमें हिकारत से देख रहा था। अजमत 35 वर्षीय भाई यूसूफ ने आरोप लगाया कि ठीक से इलाज न होने की वजह से पहलू की मौत हो गई। 

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