UP चुनाव: भाजपा को सजा दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव में उतरेगा संयुक्त किसान मोर्चा

Written by Navnish Kumar | Published on: February 3, 2022
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में मोर्चा लोगों के बीच जाएगा और बताएगा कि भाजपा ने उनके (किसानों के) साथ धोखा किया है। अभी तक सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। उत्तर प्रदेश के 57 किसान संगठनों के साथ मिलकर एसकेएम के प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अनेक गांवों में पहुंचेंगे। दूसरे व तीसरे चरण के लिए प्रचार इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। गुरुवार को एसकेएम नेताओं ने प्रेस से कहा, हमारे 57 किसान संगठन यूपी के गांव-गांव में पहुंचेंगे और लोगों से भाजपा को सजा देने की अपील करेंगे। हरियाणा के किसान संगठन भी उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक पत्र भी जारी किया है जिसका शीर्षक है, 'इस चुनाव में किसान विरोधी बीजेपी को सजा दें।'



एसकेएम नेता योगेंद्र यादव, दर्शनपाल और राकेश टिकैत ने कहा, भाजपा अपने वादों से मुकर गई है। लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी मंत्री अपने पद पर हैं। किसान आंदोलन में सरकार ने जिन वादों पर काम करने के लिए भरोसा दिलाया था, अब वह उन्हें भूल चुकी है। अब चुनाव में भाजपा को वही वादे याद दिलाने हैं। कहा, उत्तर प्रदेश के चुनाव में लोगों को बताया जाएगा कि भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। अभी तक सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। यूपी में अगर कोई दल या नेता खुद को किसानों से संबंद्ध बताता है तो उसके साथ एसकेएम का कोई नाता नहीं होगा। एसकेएम, गांव-गांव जाकर लोगों को पर्चा वितरित करेगा जिसमें भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का खुलकर बताया गया है। मोर्चा मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, सिद्धार्थनगर, झांसी, बनारस, गोरखपुर व लखनऊ आदि में प्रेसवार्ता भी करेगा।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''बजट से बहुत उम्मीद थी, लेकिन नुक़सान हुआ है। उत्तर प्रदेश में हमारा सभी से ये सवाल रहेगा, जो भी वोट मांगने आएंगे उनसे पूछेंगे कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?'' भाकियू  नेता ने कहा, ''वोटर्स को एक पर्चा देंगे जिसमें कई सारे सवाल होंगे, सभी वोट मांगने वालों से उसमें हां या ना में जवाब लेंगे। उत्तराखंड में भी ये पर्चा लोगों को बांटेंगे जिसमें हमारे सवाल हैं। इसका जवाब वोट मांगने आये सभी से लेंगे। इन जवाबों के आधार पर वोटर खुद तय करेगा कि किसको वोट देना है?'' राकेश टिकैत ने ट्विटर पर बयान भी जारी किया है। जिसका शीर्षक है, 'इस चुनाव में किसान विरोधी बीजेपी (BJP) को सजा दें।'

एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा को इस चुनाव में किसान विरोधी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने पर मजबूर किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोर्चा नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि एमएसपी क़ानून को लेकर जो क़ानून बनाने की बात कही थी वो अभी तक नहीं बन पायी। जो मामले किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज किये गये थे वो अभी तक ख़त्म नहीं किये गये हैं, बिजली बिल को लेकर भी जो वादा किया था उसको लेकर भी कोई काम नहीं किया सरकार ने। इसलिये विश्वासघात दिवस मनाया था हमने।

किसान नेता हन्नान मोल्ला ने कहा कि एसकेएम वोटर को पर्चा देंगे। छोटी-छोटी मीटिंग होगी हर स्तर पर। बीजेपी को सजा देंगे। उत्तर प्रदेश में जगह-जगह वोटर्स के पास ज़ायेंगे। वहीं दर्शन पाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मिशन हमने लखीमपुर खीरी घटना के बाद शुरू किया था। अभी भी उनके मुद्दे पेंडिंग है, इसलिये मिशन उत्तर प्रदेश अभी जारी रहेगा। लखीमपुर मामले में अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया गया है अब तक। इसकी वजह से बीजेपी का ग्राफ़ काफ़ी नीचे आया है। बीजेपी को इसका ख़ामियाज़ा भुगतना होगा।

पंजाब भी जाएगा मोर्चा
योगेंद्र यादव ने कहा, हरियाणा और पंजाब से हजारों वालंटियर यूपी चुनाव में पहुंचेंगे। एसकेएम, किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगेगा। वह तो केवल लोगों से इतना कहेगा कि वे भाजपा को सजा दें। हमारा काम किसानों विरोधी दलों को सबक सिखाना है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को क्या सजा मिलनी चाहिए, ये बात लोग अच्छे से जानते हैं। क्या आप पंजाब जाएंगे, इस सवाल के जवाब में किसान नेताओं ने कहा, वहां भी जा रहे हैं। वहां किसी दल को स्पोर्ट करने के लिए नहीं कहेंगे। एसकेएम ने उन लोगों को अपने संगठन से बाहर रखा है, जो नियमों के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ रहे हैं। किसी संगठन को बाहर नहीं किया है। नेताओं को बाहर रखा गया है। किसान संगठन सभी से चाहे वो अमरिंदर सिंह हों या अकाली दल, सवाल करेंगे।



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