PMO ने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यालय का स्टाफ घटाया, डॉ. मनमोहन सिंह के अनुरोध को ठुकराया

Written by Sabrang India Staff | Published on: June 25, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके कार्यालय के 14 सदस्यीय कर्मचारियों को बरकरार रखने से इनकार किया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय के कर्मचारियों की संख्या को घटाया गया है। 26 मई, 2019 को इन कर्मचारियों को पांच तक सीमित कर दिया गया था जिसमें दो व्यक्तिगत सहायक, एक लोअर डिवीजन क्लर्क और दो चपरासी शामिल हैं। 26 मई को पीएमओ की तरफ से सिंह को बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता को लाभ देने से इनकार कर दिया था।



आउटलुक इंडिया डॉट कॉम पर प्रकाशित रिपोर्ट  के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (1991-1996) के कार्यकाल के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि सभी पूर्व पीएम पद छोड़ने के बाद पांच साल के लिए कैबिनेट मंत्री के बराबर लाभ के हकदार होंगे। सुविधाओं में एक 14-सदस्यीय स्टाफ, मुफ्त कार्यालय व्यय, चिकित्सा सुविधाएं, छह घरेलू कार्यकारी क्लास एयर टिकट और एक वर्ष के लिए एसपीजी कवर शामिल हैं। पांच साल के बाद वे केवल एक व्यक्तिगत सहायक और चपरासी रख सकते हैं। हालांकि तब से एक अलिखित नियम है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के अनुरोध पर यह लाभ बढ़ा दिया जाता है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि यह पहली बार है कि भाजपा रूल बुक में बदलाव कर रही है। पिछली सरकारों ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पी वी नरसिम्हा राव और आई के गुजराल के पूरक स्टाफ का कार्यकाल बढ़ाया था। मनमोहन सिंह के कार्यालय के करीबी सूत्रों के अनुसार, पूर्व पीएम ने 2 फरवरी, 2019 को प्रधान सचिव को एक नोट के माध्यम से पूरक कर्मचारियों के कार्यकाल की अवधि को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया।

रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कोई प्रतिक्रिया नहीं होने के बाद, सिंह ने 18 मार्च को फिर से पीएम को एक पत्र लिखा। उन्होंने 25 मई को चुनाव परिणाम के बाद इस कार्यालय में गृह मंत्रालय से एक आदेश प्राप्त किया कि वह केवल पांच- दो पीए, एक एलडीसी, और दो चपरासी रख सकते हैं।

आदेश मिलने के बाद सिंह ने उसी दिन पीएम को लिखा कि अपने कार्यालय के सुचारू कामकाज के लिए कम से कम नौ कर्मचारियों को बढ़ाने के लिए कहा था। सूत्र ने कहा, ‘दो सप्ताह के बाद प्रधानमंत्री के सचिव नृपेन्द्र मिश्रा ने मनमोहन सिंह को फोन किया और सूचित किया कि उनके अनुरोध को पीएम ने ठुकरा दिया है।‘

अधिकारी यह भी बताते हैं कि पूर्व पीएम के कार्यालय में तीन वरिष्ठ श्रेणियों-उप-सचिव, अवर-सचिव और निदेशक स्तर के पदों में कटौती की गई है। अधिकारी ने कहा, “यह अतीत में किसी भी पीएम के साथ नहीं हुआ है। सिंह को कर्मचारियों की कमी के कारण कठिनाई हो रही है। हमारा कार्यालय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक काम करता है। कार्यालय को पीएमओ और अन्य मंत्रालयों के साथ संवाद करने के लिए कम से कम निदेशक स्तर के अधिकारियों की आवश्यकता होती है। अभी हमारे पास कार्यालय में केवल अनुभाग अधिकारी हैं।” उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेकर सिंह भी परेशान थे। सिंह ने कथित तौर पर कहा है कि मैं इस सरकार से किसी सकारात्मक कार्रवाई को लेकर आशान्वित नहीं हूं।

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