पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक बार फिर आर्थिक मंदी को लेकर चिंता जाहिर की है। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि मंदी की वजह से महाराष्ट्र पर असर पड़ा है। ऑटो हब बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हर तीसरा व्यक्ति बेरोजगार है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज किसानों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। निवेशक महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में शिफ्ट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस बहुप्रचारित डबल इंजन मॉडल पर भाजपा वोट मांगती है, वह असफल हो गया है। महाराष्ट्र ने आर्थिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। लगातार चौथे साल महाराष्ट्र की मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ नीचे आ रही है।
उन्होंने संकटग्रस्त पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के परेशान 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत देने के लिए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। मुंबई में पीएमसी खाताधारकों से मुलाकात में मनमोहन सिंह ने कहा, 'पीएमसी में जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यूपूर्ण है. मेरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक के गवर्नर से आग्रह है कि इस मामले को तत्काल देखें और साथ मिलकर कोई व्यावहारिक समाधान निकालें ताकि 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिले।'
मनमोहन सिंह ने कहा कि यह मैटर सुप्रीम कोर्ट के पास है, इसलिए मैं ज्यादा नहीं कहूंगा, लेकिन मुझे भरोसा है कि रिजर्व बैंक इसके लिए कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगा और उम्मीद है कि सरकार ऐसा कोई कदम उठाएगी, जिससे 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिल सके।' उन्होंने कहा कि ऐसे जमाकर्ता जिन्हें किडनी ट्रांसप्लांट जैसे बेहद जरूरी काम के लिए पैसा चाहिए, उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद देनी चाहिए।
पिछले महीने भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति लगातर बिगड़ रही है मगर सरकार इस पर जरा भी गंभीर नहीं है। आने वाले दिनों में हालात किस हद तक खराब हो सकते हैं, सरकार को इसका अहसास तक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में तत्काल जरूरी कदम उठाने चाहिए।
मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश में विकास दर घटकर पांच फीसदी रह गई है। यह 2008 की याद दिलाती है, जब यूपीए सरकार के वक्त अर्थव्यवस्था एकदम घटकर नीचे आ गई थी।
उन्होंने कहा कि जिस बहुप्रचारित डबल इंजन मॉडल पर भाजपा वोट मांगती है, वह असफल हो गया है। महाराष्ट्र ने आर्थिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। लगातार चौथे साल महाराष्ट्र की मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ नीचे आ रही है।
उन्होंने संकटग्रस्त पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के परेशान 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत देने के लिए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। मुंबई में पीएमसी खाताधारकों से मुलाकात में मनमोहन सिंह ने कहा, 'पीएमसी में जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यूपूर्ण है. मेरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक के गवर्नर से आग्रह है कि इस मामले को तत्काल देखें और साथ मिलकर कोई व्यावहारिक समाधान निकालें ताकि 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिले।'
मनमोहन सिंह ने कहा कि यह मैटर सुप्रीम कोर्ट के पास है, इसलिए मैं ज्यादा नहीं कहूंगा, लेकिन मुझे भरोसा है कि रिजर्व बैंक इसके लिए कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगा और उम्मीद है कि सरकार ऐसा कोई कदम उठाएगी, जिससे 16 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिल सके।' उन्होंने कहा कि ऐसे जमाकर्ता जिन्हें किडनी ट्रांसप्लांट जैसे बेहद जरूरी काम के लिए पैसा चाहिए, उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद देनी चाहिए।
पिछले महीने भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति लगातर बिगड़ रही है मगर सरकार इस पर जरा भी गंभीर नहीं है। आने वाले दिनों में हालात किस हद तक खराब हो सकते हैं, सरकार को इसका अहसास तक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में तत्काल जरूरी कदम उठाने चाहिए।
मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश में विकास दर घटकर पांच फीसदी रह गई है। यह 2008 की याद दिलाती है, जब यूपीए सरकार के वक्त अर्थव्यवस्था एकदम घटकर नीचे आ गई थी।