नई दिल्ली। साल 2018 का आज आखिरी दिन है। ऐसे में लोग तमाम तरह के प्रण कर रहे हैं और अगली साल से कई बुराइयां छोड़ने का संकल्प ले रहे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर एक संकल्प वायरल हो रहा है जिसे पूरा होने का आखिरी दिन है। यह संकल्प है बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री उमा भारती का। उमा भारती ने संकल्प लिया था कि अगर 2018 में गंगा साफ नहीं हुई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी।
उमा ने कहा था कि ‘मां गंगा के साथ करोड़ों भारतीयों के साथ मेरी भी आस्था जुड़ी है। मोदी सरकार आने के बाद मां गंगा का निर्मलीकरण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। गंगा के पानी को निर्मल बनाना मेरे जीवन का लक्ष्य है। यदि मेरे कार्यकाल में गंगा का पानी निर्मल नहीं हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी।'
अविरल और निर्मल कहलाने वाली गंगा आज भी गंदगी के आगोश में बहने को मजबूर है। अब मोदी सरकार को एक दूसरे भगीरथ की तलाश है जो नमामि गंगे के प्रोजेक्ट को पूरा कर सके ताकि मोदी फिर कह सकें कि ‘मां गंगे ने बुलाया है’। इस बार नितिन गडकरी को नमामि प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिली है। लेकिन चर्चा हो रही है केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सफाई मामलों की मंत्री रहीं उमा भारती भारती की जिन्हें नमामि गंगा प्रोजेक्ट से हटा दिया गया। उमा अब केवल पेयजल और सैनिटेशन मंत्रालय देखेंगीं।
गडकरी अपने काम को पूरा करने की रफ्तार के लिए जाने जाते हैं। अब गडकरी के सामने वो प्रोजेक्ट है जो अब तक कई सरकारों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों के दौर को देख चुका है। वो गंगा है जिसमें आस्था और कचरा एक साथ बहता है। गडकरी को उसी गंगा को स्वच्छ कर आस्था को गहरा करना है।
उमा ने कहा था कि ‘मां गंगा के साथ करोड़ों भारतीयों के साथ मेरी भी आस्था जुड़ी है। मोदी सरकार आने के बाद मां गंगा का निर्मलीकरण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। गंगा के पानी को निर्मल बनाना मेरे जीवन का लक्ष्य है। यदि मेरे कार्यकाल में गंगा का पानी निर्मल नहीं हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगी।'
अविरल और निर्मल कहलाने वाली गंगा आज भी गंदगी के आगोश में बहने को मजबूर है। अब मोदी सरकार को एक दूसरे भगीरथ की तलाश है जो नमामि गंगे के प्रोजेक्ट को पूरा कर सके ताकि मोदी फिर कह सकें कि ‘मां गंगे ने बुलाया है’। इस बार नितिन गडकरी को नमामि प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिली है। लेकिन चर्चा हो रही है केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सफाई मामलों की मंत्री रहीं उमा भारती भारती की जिन्हें नमामि गंगा प्रोजेक्ट से हटा दिया गया। उमा अब केवल पेयजल और सैनिटेशन मंत्रालय देखेंगीं।
गडकरी अपने काम को पूरा करने की रफ्तार के लिए जाने जाते हैं। अब गडकरी के सामने वो प्रोजेक्ट है जो अब तक कई सरकारों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों के दौर को देख चुका है। वो गंगा है जिसमें आस्था और कचरा एक साथ बहता है। गडकरी को उसी गंगा को स्वच्छ कर आस्था को गहरा करना है।