पश्चिम बंगाल में कई लोगों को आधार कार्ड निष्क्रिय होने के पत्र मिले हैं। इसे लेकर लोग नागरिकता खोने या न खोने के संदेह में हैं। इस बीच राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में CAA समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इसी क्रम में बर्दवान के कई लोगों को सरकारी विभाग से एक चिट्ठी मिली है। जिसे पढ़कर लोगों के होश उड़ गए हैं। दरअसल, 1-2 नहीं, बल्कि करीब 60 लोगों को आधार डिएक्टिवेशन का लेटर मिलने का दावा किया जा रहा है। इसको लेकर स्थानीय निवासी चिंतित हैं। पूर्वी बर्दवान के जमालपुर ब्लॉक के कई निवासियों को बीते कुछ दिनों से डाक से ऐसे पत्र मिले हैं जिनमें कहा गया है कि आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिया गया है। यह पत्र भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के रांची क्षेत्रीय कार्यालय से जमालपुर ब्लॉक के जौग्राम, अबुजाहाटी क्षेत्र के लगभग 60 लोगों को डाक द्वारा भेजा गया है।
सन्मार्ग डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, जमालपुर ब्लॉक के अबूझहाटी-1 ग्राम पंचायत के जुहीहाटी गांव के करीब 50 लोगों को पिछले कुछ दिनों से ऐसे पत्र मिल रहे हैं। यह पत्र जौग्राम में कई लोगों तक भी पहुंचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रिया सरकार, पुतुल सरकार, विपुल विश्वास, लिपिका विश्वास समेत कई लोगों ने दावा किया है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आधार कार्ड को इस तरह निष्क्रिय क्यों किया गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके राशन, बैंक लेनदेन समेत आधार पर निर्भर काम बंद कर दिए गए हैं। इस संबंध में किसी ने भी ब्लॉक प्रशासन से कोई जानकारी नहीं मांगी।
‘इससे CAA का कोई भी लेना-देना नहीं’
लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हुआ। आधार निष्क्रिय करने के पत्र की जानकारी जिला प्रशासन को भी मिल गई है। आधार को लेकर प्रशासन भी अनभिज्ञ है। जमालपुर ब्लॉक के BDO पार्थसारथी डे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने मामले की जानकारी ली। लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने आधार के टोल फ्री नंबर (1947) पर कॉल करने की भी कोशिश की। लेकिन उस नंबर पर संपर्क नहीं हो सका। उनका मानना है कि CAA का इस आधार निष्क्रियता से कोई लेना-देना नहीं है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि आधार कार्ड के विनियमन 28 में आधार कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है। मूल रूप से, इस धारा के तहत आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिया जाता है यदि संदिग्ध ‘विदेशी’ है या निवास दस्तावेज संतोषजनक नहीं हैं। पत्र पाकर लोग काफी चिंतित हो गए है। बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA लागू कर दिया जाएगा। इस बीच आधार डिएक्टिवेशन का नोटिस मिलने के बाद कई लोग परेशान हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि भाजपा हमेशा चुनाव से पहले नागरिकता अधिकार कार्यान्वयन के मुद्दों के साथ आती है। तृणमूल प्रमुख ने लोगों के आधार कार्ड खारिज होने पर भी चिंता जताई। बनर्जी ने बीरभूम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "बर्दवान के जमालपुर में लगभग 50 आधार कार्ड खारिज कर दिए गए हैं। इसी तरह की चीजें बीरभूम, उत्तरी 24 परगना, बर्दवान और कई अन्य जिलों में हो रही हैं।"
बनर्जी ने सीएए के खिलाफ लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "चुनाव के दौरान, आप (भाजपा) सीएए के लिए चिल्ला रहे हैं। एक बार लोगों के आधार कार्ड खारिज हो गए, बैंक खाते डीलिंक हो जाएंगे और लोगों को पांच साल से पहले अपनी नागरिकता वापस नहीं मिलेगी।" उन्होंने लोगों को "नागरिकता जाल" से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि हर कोई पहले से ही देश का नागरिक है और उनके पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान और राशन कार्ड हैं। बनर्जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "अब, यदि आधार कार्ड खारिज हो जाते हैं, तो लोगों को राज्य से विभिन्न राज्य-संचालित योजनाओं में उनके बैंक खातों में पैसा नहीं मिलेगा। यह हमारे धन को आम लोगों तक पहुंचने से रोकने की केंद्र की चाल है।" उन्होंने प्रशासन को एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया, जहां वे लोग पंजीकरण करा सकें, जिनके आधार कार्ड खारिज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम मामले को देखेंगे और प्रशासन आवश्यक कदम उठाएगा। हम किसी भी कीमत पर लाभार्थियों को पैसा भेजेंगे।"
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने किया था 7 दिन में CAA लागू करने का दावा
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में कहा था कि मैं गांरटी देता हूं कि देशभर में 7 दिनों के अंदर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा। ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ही नहीं, देशभर में अगले 7 दिनों के अंदर CAA लागू हो जाएगा। ठाकुर बनगांव से भाजपा के सांसद हैं। इसे लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भाजपा अब CAA का शोर मचा रही है। ये उनकी राजनीति है। हमने सभी को नागरिकता दी है और जो लोग बॉर्डर इलाकों में रह रहे हैं उन्हें सब कुछ दिया जा रहा है। वे राज्य के नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट डालने का अधिकार मिला हुआ है। हालांकि बाद में उन्होंने जुबान फिसलने का हवाला देते हुए अपने बयान से पलटी मार ली थी।
जन्म तिथि प्रमाण के रूप में आधार पर नई एडवाइजरी की उम्मीद
इस बीच खबर आ रही है कि जनता और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को असुविधा से बचाने और 'जन्मतिथि' प्रमाण के रूप में आधार के उपयोग को बंद करने के हालिया निर्देश के बारे में चिंता कम करने के लिए, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जल्द ही एक स्पष्टीकरण जारी करने की संभावना है कि जो लोग उम्र के लिए आईडी प्रमाण पर भरोसा करते हैं वे 'जोखिम-आधारित मूल्यांकन' करने के बाद ऐसा कर सकते हैं।
यूआईडीएआई ने दिसंबर 2023 में जारी एक संदेश में पहचान को प्रमाणित करने के लिए आधार का उपयोग करने वाली सभी एजेंसियों से किसी व्यक्ति की जन्मतिथि की पुष्टि के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से इसे हटाने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने कहा कि यह उसकी बताई गई स्थिति की पुनरावृत्ति थी और विभिन्न उच्च न्यायालय के फैसलों द्वारा इसे रेखांकित किया गया था। अब, आधार आईडी कार्ड एक प्रमुख अस्वीकरण के साथ आते हैं कि वे "पहचान का प्रमाण हैं, नागरिकता या जन्म तिथि का नहीं।"
इस मुद्दे पर एक हालिया प्रश्न का उत्तर देते हुए, वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा: "मुझे यकीन है कि केंद्रीय मंत्रालय यह देखने के लिए एक उचित व्यवस्था बनाएंगे कि जनता और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।"
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द हिंदू को संकेत दिया कि यूआईडीएआई निर्देश वापस नहीं लेगा, लेकिन जल्द ही उन एजेंसियों के लिए एक सलाह जारी करेगा जो कल्याणकारी लाभों और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन उद्देश्यों के लिए आधार प्रमाणीकरण पर भरोसा करते हैं।
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सन्मार्ग डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, जमालपुर ब्लॉक के अबूझहाटी-1 ग्राम पंचायत के जुहीहाटी गांव के करीब 50 लोगों को पिछले कुछ दिनों से ऐसे पत्र मिल रहे हैं। यह पत्र जौग्राम में कई लोगों तक भी पहुंचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रिया सरकार, पुतुल सरकार, विपुल विश्वास, लिपिका विश्वास समेत कई लोगों ने दावा किया है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आधार कार्ड को इस तरह निष्क्रिय क्यों किया गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके राशन, बैंक लेनदेन समेत आधार पर निर्भर काम बंद कर दिए गए हैं। इस संबंध में किसी ने भी ब्लॉक प्रशासन से कोई जानकारी नहीं मांगी।
‘इससे CAA का कोई भी लेना-देना नहीं’
लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हुआ। आधार निष्क्रिय करने के पत्र की जानकारी जिला प्रशासन को भी मिल गई है। आधार को लेकर प्रशासन भी अनभिज्ञ है। जमालपुर ब्लॉक के BDO पार्थसारथी डे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने मामले की जानकारी ली। लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने आधार के टोल फ्री नंबर (1947) पर कॉल करने की भी कोशिश की। लेकिन उस नंबर पर संपर्क नहीं हो सका। उनका मानना है कि CAA का इस आधार निष्क्रियता से कोई लेना-देना नहीं है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि आधार कार्ड के विनियमन 28 में आधार कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है। मूल रूप से, इस धारा के तहत आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिया जाता है यदि संदिग्ध ‘विदेशी’ है या निवास दस्तावेज संतोषजनक नहीं हैं। पत्र पाकर लोग काफी चिंतित हो गए है। बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA लागू कर दिया जाएगा। इस बीच आधार डिएक्टिवेशन का नोटिस मिलने के बाद कई लोग परेशान हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि भाजपा हमेशा चुनाव से पहले नागरिकता अधिकार कार्यान्वयन के मुद्दों के साथ आती है। तृणमूल प्रमुख ने लोगों के आधार कार्ड खारिज होने पर भी चिंता जताई। बनर्जी ने बीरभूम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "बर्दवान के जमालपुर में लगभग 50 आधार कार्ड खारिज कर दिए गए हैं। इसी तरह की चीजें बीरभूम, उत्तरी 24 परगना, बर्दवान और कई अन्य जिलों में हो रही हैं।"
बनर्जी ने सीएए के खिलाफ लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "चुनाव के दौरान, आप (भाजपा) सीएए के लिए चिल्ला रहे हैं। एक बार लोगों के आधार कार्ड खारिज हो गए, बैंक खाते डीलिंक हो जाएंगे और लोगों को पांच साल से पहले अपनी नागरिकता वापस नहीं मिलेगी।" उन्होंने लोगों को "नागरिकता जाल" से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि हर कोई पहले से ही देश का नागरिक है और उनके पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान और राशन कार्ड हैं। बनर्जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "अब, यदि आधार कार्ड खारिज हो जाते हैं, तो लोगों को राज्य से विभिन्न राज्य-संचालित योजनाओं में उनके बैंक खातों में पैसा नहीं मिलेगा। यह हमारे धन को आम लोगों तक पहुंचने से रोकने की केंद्र की चाल है।" उन्होंने प्रशासन को एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया, जहां वे लोग पंजीकरण करा सकें, जिनके आधार कार्ड खारिज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम मामले को देखेंगे और प्रशासन आवश्यक कदम उठाएगा। हम किसी भी कीमत पर लाभार्थियों को पैसा भेजेंगे।"
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने किया था 7 दिन में CAA लागू करने का दावा
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में कहा था कि मैं गांरटी देता हूं कि देशभर में 7 दिनों के अंदर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा। ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ही नहीं, देशभर में अगले 7 दिनों के अंदर CAA लागू हो जाएगा। ठाकुर बनगांव से भाजपा के सांसद हैं। इसे लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भाजपा अब CAA का शोर मचा रही है। ये उनकी राजनीति है। हमने सभी को नागरिकता दी है और जो लोग बॉर्डर इलाकों में रह रहे हैं उन्हें सब कुछ दिया जा रहा है। वे राज्य के नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट डालने का अधिकार मिला हुआ है। हालांकि बाद में उन्होंने जुबान फिसलने का हवाला देते हुए अपने बयान से पलटी मार ली थी।
जन्म तिथि प्रमाण के रूप में आधार पर नई एडवाइजरी की उम्मीद
इस बीच खबर आ रही है कि जनता और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को असुविधा से बचाने और 'जन्मतिथि' प्रमाण के रूप में आधार के उपयोग को बंद करने के हालिया निर्देश के बारे में चिंता कम करने के लिए, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जल्द ही एक स्पष्टीकरण जारी करने की संभावना है कि जो लोग उम्र के लिए आईडी प्रमाण पर भरोसा करते हैं वे 'जोखिम-आधारित मूल्यांकन' करने के बाद ऐसा कर सकते हैं।
यूआईडीएआई ने दिसंबर 2023 में जारी एक संदेश में पहचान को प्रमाणित करने के लिए आधार का उपयोग करने वाली सभी एजेंसियों से किसी व्यक्ति की जन्मतिथि की पुष्टि के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से इसे हटाने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने कहा कि यह उसकी बताई गई स्थिति की पुनरावृत्ति थी और विभिन्न उच्च न्यायालय के फैसलों द्वारा इसे रेखांकित किया गया था। अब, आधार आईडी कार्ड एक प्रमुख अस्वीकरण के साथ आते हैं कि वे "पहचान का प्रमाण हैं, नागरिकता या जन्म तिथि का नहीं।"
इस मुद्दे पर एक हालिया प्रश्न का उत्तर देते हुए, वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा: "मुझे यकीन है कि केंद्रीय मंत्रालय यह देखने के लिए एक उचित व्यवस्था बनाएंगे कि जनता और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।"
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द हिंदू को संकेत दिया कि यूआईडीएआई निर्देश वापस नहीं लेगा, लेकिन जल्द ही उन एजेंसियों के लिए एक सलाह जारी करेगा जो कल्याणकारी लाभों और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन उद्देश्यों के लिए आधार प्रमाणीकरण पर भरोसा करते हैं।
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