भारत में सांप्रदायिक सद्भाव तोड़ने वाली घटनाओं पर अमेरिकी लेखिका पद्मा लक्ष्मी ने दुख जताया

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 29, 2022
भारतीय-अमेरिकी सुपरमॉडल और लेखक पद्मा लक्ष्मी ने भारत में चल रही व्यापक नफरत को लेकर चिंता जताई है। पद्मा लक्ष्मी ने कई ट्वीट्स कर कहा है कि भारत में ‘व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी’ बयानबाज़ी चल रही है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि हिंदू ‘इस डर पैदा करने’ और ‘दुष्प्रचार’ के जाल में नहीं फंसेंगे।



भारतीय-अमेरिकी सुपरमॉडल और लेखक पद्मा लक्ष्मी ने कहा है कि भारत में या कहीं और हिंदुत्व को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को ‘इस प्राचीन, विशाल भूमि’ पर शांतिपूर्वक रहना चाहिए। पद्मा लक्ष्मी के इन ट्वीट्स ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग उनका पक्ष ले रहे हैं, वहीं कुछ लोगों ने पद्म लक्ष्मी की आलोचना की है। किसी ने कहा कि पद्मा लक्ष्मी सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही हैं तो वहीं किसी ने कहा कि उन्हें भारत की एकता पर सवाल नहीं उठाने चाहिए।

51 वर्षीय पद्मा लक्ष्मी ने बीते 27 अप्रैल को कई ट्वीट्स कर कहा कि देश में ‘व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी’ बयानबाजी चल रही है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि हिंदू ‘इस डर पैदा करने’ और ‘दुष्प्रचार’ के जाल में नहीं फंसेंगे।



हनुमान जयंती पर एक शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच हिंसा और राम नवमी के जुलूस के दौरान मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में हिंसा पर ‘द गार्जियन’ और ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के समाचार लेखों को शेयर करते हुए लक्ष्मी ने कहा कि ‘सच्ची आध्यात्मिकता’ में नफरत की कोई जगह नहीं है।

पद्मा लक्ष्मी ने जो ट्वीट किए हैं, उनमें लिखा है, 'यह देखकर दुख होता है कि भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का जश्न किस तरह मनाया जाता है। मुस्लिम विरोधी बयानबाजी लोगों में डर पैदा करती है और उनमें जहर भर देती है। यह प्रोपेगेंडा खतरनाक और नापाक है क्योंकि जब आप किसी को उससे कम समझते हैं तो उसके उत्पीड़न में भाग लेना बहुत आसान हो जाता है।' न्यूयॉर्क में रहने वाली ‘टॉप शेफ’ कार्यक्रम की होस्ट ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को एक साथ मिलकर शांतिपूर्वक रहना चाहिए।


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा है, 'प्यारे हिन्दुओं, इस डर पैदा करने वाले के आगे मत झुको। भारत में या कहीं और हिंदू धर्म के लिए कोई खतरा नहीं है। सच्ची आध्यात्मिकता में किसी भी प्रकार की घृणा को बोने के लिए कोई जगह शामिल नहीं है। इस प्राचीन, विशाल भूमि में सभी धर्मों के लोगों को एक साथ शांति से रहने में सक्षम होना चाहिए।'



बता दें कि अप्रैल माह में देशभर के कई राज्यों में सांप्रदायिक तनाव व हिंसा की खबरें आई हैं। इस महीने मुस्लिमों का रमजान व हिंदुओं के कई त्योहार पड़ने के चलते महीने के शुरू से ही सांप्रदायिक तनाव की खबरें आती रही हैं। हालांकि, इन सभी वारदातों में एक बात कॉमन है कि प्रशासन अल्पसंख्यकों को दी जा रही गाली गलौज पर चुप्पी साधे रहा है। इसके साथ ही झड़पों के लिए ज्यादातर अल्पसंख्यकों को ही निशाना बनाकर उनपर कार्रवाई की गई है। चाहे वह जहांगीरपुरी हो या मध्य प्रदेश का खरगोन। 

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