भाजपा की वजह से देश शर्मिंदा, एक और भाजपा नेता निकला पाकिस्तानी एजेंट

Published on: February 13, 2017
सतना। भाजपा के नेता एक के बाद एक पाकिस्तानी एजेंट के रुप में पकड़े जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले भाजपा की आईटी सेल में काम करने वाले एक भाजपा नेता को मध्य प्रदेश की एटीएस ने पाकिस्तान की जासूसी करने के आरोप में पकड़ा था अब इस मामले में एक और भाजपा नेता गिरफ्तार हूआ है। इसके अलावा एटीएस ने प्रदेश में चल रहे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। 

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इस जासूसी रैकेट में एटीएस ने पाया है कि जो भी लोग गिरफ्तार हो रहे हैं उनके तालुक्कात बीजेपी से है। बीजेपी युवा मोर्चा के आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना के बाद अब भोपाल के सतना से गिरफ्तार एजेंट बलराम का नाम भी बीजेपी और बजरंग दल से जुड़ रहा है। 
 
एटीएस ने भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और सतना से कुल 13 लोगों को पकड़ा है। ये लोग आईएसआई को सेना की खुफिया सूचनाएं मुहैया कराते थे। जासूसी के काम में टेलीफोन एक्सचेंज और उसके कर्मचारियों की मदद ली जा रही थी। बदले में पाकिस्तान से हवाला के जरिए रकम पहुंचाई जाती थी। यह रकम सतना निवासी बलराम सिंह के जरिए प्रदेश में फैले पूरे नेटवर्क तक पहुंचती थी। यह खुलासा एटीएस आईजी संजीव शमी ने मीडिया के सामने किया।
 
जासूस बलराम सतना से 25 किलोमीटर दूर थाना क्षेत्र सुहास गांव में रहा रहा था। बताया जा रहा है कि बलराम का परिवार खेतिहार किसान है। बलराम के परिवारवालों को नहीं पता था कि उनका बेटा देशविरोधी गतिविधियों में शामिल है। परिजनों ने बताया कि बलराम 6 साल पहले काम की तलाश में विदेश गया था उसके बाद वहां से आकर वो परिवार से अलग रहने लगा। जानकारी में पता चला है कि बलराम का पूरा नाम बलराम सिंह दिखित है और वो मूलरुप से जाबर पुर बांदा का रहने बाला है।
 
बलराम के मां-बाप 40  साल से सतना जिले के सुहास गांव में रह रहे हैं। दो भाई, एक बहन में बलराम सबसे बड़ा है। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि बलराम 10वीं पास है और वह सेना में नौकरी करना चाहता था। लेकिन वह फिजिकल पास कर लेने के बाद लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाया। जब बलराम की सेना में नौकरी नहीं लगी तो वह दुबई नौकरी करने चला गया। परिजनों ने बताया कि बलराम सुहास गांव में कम रहता था अक्सर वह रिश्तेदारी और सतना में रहता था। 

परिजनों के मुताबिक, उन्हें भी तब पता चला जब पुलिस ने एक पत्र देकर सूचना दी कि आपका बेटा जासूसी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। बलराम के भाई और पिता इस गिरफ्तारी से दहशत में हैं। वहीं परिजन बलराम के काम से अपने को अलग कर रहे हैं। 
 
बता दें कि एटीएस की गिरफ्तारी के बाद अब इस गांव में सनसनी फैल गई है। गांव का कोई भी शख्स विश्वास नहीं कर पा रहा है कि इस गांव का एक लड़का पाकिस्तान के लिए जासूसी करता है। गांव के सरपंच की माने तो सुहास गांव जिले का दूसरा सैन्य बाहुल्य गांव है। यहां के 200 से ज्यादा लोग सेना में भर्ती हैं और वह सरहद पर देश की रक्षा करते हैं, लेकिन बलराम की इस हरकत के बाद पूरा गांव शर्मिंदगी महसूस कर रहा है।

बलराम के पास 60 बैंक खातों का रिकॉर्ड, बड़ी संख्या में सिम, मोबाइल फोन और फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज सिस्टम बरामद हुए हैं। पकड़े गए छह लोगों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एटीएस रिमांड पर भेज दिया गया।
 
जिन लोगों को पकड़ा गया है उनमें भोपाल से तीन, ग्वालियर से पांच, जबलपुर से दो और सतना से तीन लोग शामिल हैं। इनमें से छह बलराम सिंह (सतना), कुश पंडित, जितेंद्र ठाकुर, रीतेश खुल्लर, जितेंद्र यादव और त्रिलोक सिंह भदौरिया (पांचों ग्वालियर) को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने बलराम को 14 फरवरी तक और अन्य पांच को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

सतना के पॉश इलाके संग्राम कालोनी में किराए के मकान से बलराम सिंह टेरर फंडिंग के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। उसने बकायदा कमरे में एक्सचेंज भी लगा रखा था। एटीएस की गिरफ्त में आए बलराम ने कई अहम जानकारियां दी हैं। जिसके बाद उससे जुड़े नेटवर्क को खंगाल रही एटीएस की टीम ने दो और संदेहियों राजेश जायसवाल व राजीव को भी हिरासत में ले लिया है। आईएसआई जासूसी रैकेट में एक के बाद एक खुलासे होते जा रहे हैं।

Courtesy: National Dastak

 

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