पोषाहार घोटाले में दो भाजपा नेता गिरफ्तार

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: August 2, 2018
राजस्थान में सालों से चले आ रहे पोषाहार घोटाले में हर रोज़ नए-नए खुलासे होने लगे हैं। इस मामले में एसीबी की कार्रवाई के बाद पता चला है कि नागौर जिले में ही आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषाहार घोटाला हर माह 40 से 50 लाख तक का हो रहा था।


ये घोटाला पिछले चौदह-पंद्रह सालों से जारी था और शुरू में आंशिक घोटाला होने के बाद ठेकेदार अब पूरा का पूरा पोषाहार ही हड़पने लगे थे। उधर राज्य की महिलाएं-बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे थे। इस मामले में अधिकारियों समेत भाजपा से जुड़े 2 ठेकेदार भी गिरफ्तार हुए हैं।


(Courtesy: Patrika)



पूरे मामले में अधिकारियों ने भी जमकर लूट की है। अधिकारियों ने भी भ्रष्टाचार कई स्तरों पर करना शुरू कर दिया था। सप्लाई में भी वे कमीशन ले रहे थे और फिर ठेकेदार जब फर्जी बिल पेश करता था, तो उसे पास करने के लिए भी रिश्वत लेते थे।

एसीबी ने पोषाहार घोटाले में नागौर महिला और बाल विकास की उपनिदेशक उषा रानी, ठेकेदार हरिसिंह, योगेश दायमा और किशोर बेंदा को गिरफ्तार किया है। जानकारी मिली है कि पोषाहार घोटाले में गिरफ्तार ठेकेदार किशोर बेंदा और योगेश दायमा भाजपा के नेता हैं और सहकारिता मंत्री अजय सिंह के काफी खास माने जाते हैं। इसी कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी।
एसीबी कोर्ट ने तीनों को फिलहाल रिमांड पर दिया है।

पूछताछ के बाद पूरे मामले में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। एसीबी के अजमेर एसपी कैलाश विश्नोई के हवाले से पत्रिका ने छापा है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी पोषाहार के बजट का 40 प्रतिशत कमीशन लेते थे और बाकी 60 प्रतिशत हिस्सा ठेकेदार रख लेते थे। आंगनवाड़ियों में पोषाहार या तो बिलकुल नहीं भेजा जाता था या फिर महीने में एक दिन ही जाता था। कई केंद्रों में कई-कई महीनों से पोषाहार नहीं भेजा गया था।

एसीबी ने कार्यालयों और ठेकेदारों से अहम दस्तावेज़ जब्त किए हैं और अब वह गिरफ्तार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ करेगी।

एसीबी को करीब क माह पहले आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषाहार घोटाले की शिकायत मिली थी और महीने भर की निगरानी के बाद उसने एक साथ 11 स्थानों पर छापे मारे।

 

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