लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने भोपाल जेल में सिमी के सदस्य होने के आरोप में क़ैद आरोपियों पर जेल प्रशासन द्वारा बर्बर पिटाई और हत्या करने की साज़िश का आरोप लगाया है.
मंच ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग करते हुए हस्तक्षेप करने की अपील की है.
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने भोपाल जेल में बंद आरोपियों के परिजनों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर कहा है कि सिमी से जुड़े होने के आरोप में भोपाल जेल में बंद 22 मुस्लिम नौजवानों को जेल के अंदर लगातार टाॅर्चर किया जा रहा है.
राजीव यादव ने आगे बताया कि, पिछले साल 31 अक्टूबर 2016 को भोपाल में हुए फ़र्ज़ी मुठभेड़ जिसमें 8 आरोपियों की हत्या पुलिस ने कर दी थी, के बाद से ही बाक़ी बचे आरोपियों को मारा-पीटा जा रहा है. पिटाई का यह क्रम हर दूसरे-तीसरे दिन होता है, जिसमें जेल अधिकारी हत्या, बलात्कार और डकैती जैसे आरोपों में बंद 8 आरोपियों से सिमी के एक आरोपी को लाठी और डंडों से पिटवाता है और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाता है. पिटाई के दौरान उनसे अल्लाह और मुसलमानों को अपशब्द कहने के लिए कहा जाता है जिससे इनकार करने पर उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा जाता है.
राजीव यादव ने कहा है कि परिजनों से मुलाक़ात के दौरान आरोपियों ने बताया है कि उन्हें पिछले साल की फ़र्ज़ी मुठभेड़ के बाद से ही लगातार पुलिस द्वारा किसी भी दिन फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार देने की धमकी दी जाती रहती है और उनसे कहा जाता है कि सरकार उन्हीं की है, वो जो चाहे कर सकते हैं. परिजनों को आरोपियों ने यह भी बताया है कि फ़र्ज़ी एनकांउटर के बाद से ही उनके खाने में कटौती कर दी गई और पानी भी दिन भर में सिर्फ़ एक बोतल दिया जा रहा है, जिससे क़ैदी पीने से लेकर शौच करने और वजू करने तक का काम करने पर मजबूर हैं.
राजीव यादव ने कहा कि भोपाल जेल में बंद क़ैदियों के परिजनों से पूछताछ में खंडवा निवासी फ़रहाद की मां सायरा बानो ने रिहाई मंच को बताया कि अबू फ़ैसल को इतना पीटा गया है कि उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया है. वहीं इक़रार शेख ने भोपाल हाईकोर्ट में हलफ़नामा दिया है कि उनके दाढ़ी के बाल नोचे जा रहे हैं तथा सर के बाल आधे काट दिए गए हैं. उसके पैरों के तलवों पर बुरी तरह मारा जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि अगर उसके बयान पर अदालत ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हो सकता है कि अगली पेशी से पहले ही उसकी हत्या कर दी जाए. इक़रार शेख़ को यह बयान देने के बाद जेल में दुबारा पीटा गया, जिसकी सूचना उसने मुलाक़ात के दौरान अपने परिजनों को दी है. रूबीना ने रिहाई मंच को भेजे सूचना में बताया है कि मुलाक़ात के दौरान क़ैदियों पर यह दबाव भी डाला जा रहा है कि वे परिजनों से अपने टाॅर्चर की बात नहीं बताएं, नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा.
राजीव यादव ने कहा है कि भोपाल जेल में बंद सिमी के आरोपियों के ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं है और वे जल्दी ही छूटने वाले हैं, इसीलिए पिछले साल उनमें से 8 लोगों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में एटीएस ने मार दिया था और बाक़ी बचे लोगों को भी मारने की साज़िश की जा रही है या उन्हें इस स्थिति में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि वे खुद बीमारी और कमज़ोरी से मर जाएं.
राजीव यादव ने कहा कि सायरा बानो के दो बेटों फ़रहाद और अरशद को एटीएस ने 2011 में उठाकर सिमी का आतंकी बताते हुए 2009 में रतलाम में एटीएस इंस्पेक्टर सीताराम की हत्या का आरोपी बना दिया. इनमें से अरशद अभी ज़मानत पर बाहर है. इन दोनों की मौजूदा उम्र 28-30 है जबकि सिमी पर सितम्बर 2001 से ही प्रतिबंध है, जिसके चलते कहीं पर भी उसकी शाखा नहीं है और यह संगठन प्रतिबंध के बाद से ही न्यायालय में अपने प्रतिबंध के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ रहा है.
राजीव यादव ने कहा कि एटीएस के आरोप के मुताबिक़ सिमी पर प्रतिबंध लगने के समय आरोपियों अरशद और फ़रहाद की उम्र 14-15 साल रही होगी जो उसके इस दावे को मज़ाक़ साबित करने के लिए पर्याप्त है कि वे कभी सिमी से जुड़े होंगे और उसके कहने पर उसके प्रतिबंध के 8 साल बाद किसी अपराध को अंजाम दिया होगा.
राजीव यादव ने कहा कि निराधार और खोखले आरोपों के कारण ही इनके मामले में सुनवाई और गवाहियों को लगातार टाला जा रहा है और उनके बरी हो जाने की सूरत में एटीएस को होने वाली बदनामी से बचाने के लिए उन्हें जेल में ही मार देने की साज़िश रची जा रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है.
Courtesy: Two Circles
मंच ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग करते हुए हस्तक्षेप करने की अपील की है.
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने भोपाल जेल में बंद आरोपियों के परिजनों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर कहा है कि सिमी से जुड़े होने के आरोप में भोपाल जेल में बंद 22 मुस्लिम नौजवानों को जेल के अंदर लगातार टाॅर्चर किया जा रहा है.
राजीव यादव ने आगे बताया कि, पिछले साल 31 अक्टूबर 2016 को भोपाल में हुए फ़र्ज़ी मुठभेड़ जिसमें 8 आरोपियों की हत्या पुलिस ने कर दी थी, के बाद से ही बाक़ी बचे आरोपियों को मारा-पीटा जा रहा है. पिटाई का यह क्रम हर दूसरे-तीसरे दिन होता है, जिसमें जेल अधिकारी हत्या, बलात्कार और डकैती जैसे आरोपों में बंद 8 आरोपियों से सिमी के एक आरोपी को लाठी और डंडों से पिटवाता है और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाता है. पिटाई के दौरान उनसे अल्लाह और मुसलमानों को अपशब्द कहने के लिए कहा जाता है जिससे इनकार करने पर उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा जाता है.
राजीव यादव ने कहा है कि परिजनों से मुलाक़ात के दौरान आरोपियों ने बताया है कि उन्हें पिछले साल की फ़र्ज़ी मुठभेड़ के बाद से ही लगातार पुलिस द्वारा किसी भी दिन फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार देने की धमकी दी जाती रहती है और उनसे कहा जाता है कि सरकार उन्हीं की है, वो जो चाहे कर सकते हैं. परिजनों को आरोपियों ने यह भी बताया है कि फ़र्ज़ी एनकांउटर के बाद से ही उनके खाने में कटौती कर दी गई और पानी भी दिन भर में सिर्फ़ एक बोतल दिया जा रहा है, जिससे क़ैदी पीने से लेकर शौच करने और वजू करने तक का काम करने पर मजबूर हैं.
राजीव यादव ने कहा कि भोपाल जेल में बंद क़ैदियों के परिजनों से पूछताछ में खंडवा निवासी फ़रहाद की मां सायरा बानो ने रिहाई मंच को बताया कि अबू फ़ैसल को इतना पीटा गया है कि उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया है. वहीं इक़रार शेख ने भोपाल हाईकोर्ट में हलफ़नामा दिया है कि उनके दाढ़ी के बाल नोचे जा रहे हैं तथा सर के बाल आधे काट दिए गए हैं. उसके पैरों के तलवों पर बुरी तरह मारा जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि अगर उसके बयान पर अदालत ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हो सकता है कि अगली पेशी से पहले ही उसकी हत्या कर दी जाए. इक़रार शेख़ को यह बयान देने के बाद जेल में दुबारा पीटा गया, जिसकी सूचना उसने मुलाक़ात के दौरान अपने परिजनों को दी है. रूबीना ने रिहाई मंच को भेजे सूचना में बताया है कि मुलाक़ात के दौरान क़ैदियों पर यह दबाव भी डाला जा रहा है कि वे परिजनों से अपने टाॅर्चर की बात नहीं बताएं, नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा.
राजीव यादव ने कहा है कि भोपाल जेल में बंद सिमी के आरोपियों के ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं है और वे जल्दी ही छूटने वाले हैं, इसीलिए पिछले साल उनमें से 8 लोगों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में एटीएस ने मार दिया था और बाक़ी बचे लोगों को भी मारने की साज़िश की जा रही है या उन्हें इस स्थिति में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि वे खुद बीमारी और कमज़ोरी से मर जाएं.
राजीव यादव ने कहा कि सायरा बानो के दो बेटों फ़रहाद और अरशद को एटीएस ने 2011 में उठाकर सिमी का आतंकी बताते हुए 2009 में रतलाम में एटीएस इंस्पेक्टर सीताराम की हत्या का आरोपी बना दिया. इनमें से अरशद अभी ज़मानत पर बाहर है. इन दोनों की मौजूदा उम्र 28-30 है जबकि सिमी पर सितम्बर 2001 से ही प्रतिबंध है, जिसके चलते कहीं पर भी उसकी शाखा नहीं है और यह संगठन प्रतिबंध के बाद से ही न्यायालय में अपने प्रतिबंध के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ रहा है.
राजीव यादव ने कहा कि एटीएस के आरोप के मुताबिक़ सिमी पर प्रतिबंध लगने के समय आरोपियों अरशद और फ़रहाद की उम्र 14-15 साल रही होगी जो उसके इस दावे को मज़ाक़ साबित करने के लिए पर्याप्त है कि वे कभी सिमी से जुड़े होंगे और उसके कहने पर उसके प्रतिबंध के 8 साल बाद किसी अपराध को अंजाम दिया होगा.
राजीव यादव ने कहा कि निराधार और खोखले आरोपों के कारण ही इनके मामले में सुनवाई और गवाहियों को लगातार टाला जा रहा है और उनके बरी हो जाने की सूरत में एटीएस को होने वाली बदनामी से बचाने के लिए उन्हें जेल में ही मार देने की साज़िश रची जा रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है.
Courtesy: Two Circles