इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा के उत्थान में कमसे कम 75 % योगदान मुस्लिम विद्वेष के प्रसार रहा है.ऐतिहासिक कारणों से कुछ ऐसे हालात बने हैं कि शुद्ध हिन्दू अर्थात सवर्णों के पक्ष में चित्त और पट दोनों जा रहा है. इन राष्ट्र विरोधियों के कारण ही देश हजारों साल तक गुलाम रहा और वे गुलामी के हर दौर में विदेशियों के सहायक बनकर सत्ता का जूठन चाटते रहे. बाद में विदेशियों के वही सहायक आजाद भारत में गुलामी के दौर की हीन मानसिकता को भुनाने की जुगत शुरू किये.इस काम में चैम्पियन बने हेडगेवार .आज उन्ही हेडगेवार के अनुसरणकारी हिन्दुओं के रग-रग में व्याप्त हीन मानसिकता को भुनाने में पिक पर पहुँच गए हैं. वे सत्ता का लाभ उठाकर ऐसा कुछ करने लगे हैं जो दुनिया की सबसे हीन कौम को अपार संतुष्टि दे रही है .
कल शाम मैं एक मारवाड़ी प्रकाशक के यहाँ बैठा हुआ था. प्रसंगवश जब भाजपा की चर्चा चली उसने कहा,' मैं आप लोगो की इस बात से सहमत हूँ कि मोदी एक व्यर्थ शासक हैं, बावजूद इसके मोदी की भाजपा का समर्थन सिर्फ इसलिए करता हूँ और करता रहूँगा क्योंकि वह दूसरे दलों की तरह मुसलमानों की बात नहीं करते.' मतलब समझ गए न कि यदि कोई दल मुसलमानों के पक्ष में कुछ कहा, हिन्दू उसकी प्रतिक्रिया में भाजपा के पक्ष में चले जायेंगे.
इसलिए गुजरात विधानसभा चुनाव में अगर विपक्ष मुसलमानों के पक्ष में कुछ नहीं कह रहा है तो उस उपेक्षा को रणनीति का एक हिस्सा मानते हुए, मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज कर देना चाहिए. स्मरण रहे जो लोग निरीह हिन्दुओं की हीनमानसिकता को भुनाने की तरह-तरह की जुगत भिड़ा रहे हैं, उनका मेन टारगेट मुस्लिम नहीं, दलित-पिछड़ा हिन्दू समुदाय है, जिसके खिलाफ ये हजारों साल से षड्यंत्र रचते रहे हैं.इस षड्यंत्र के तहत ही उन्होंने विदेशियों के लिए लाल कारपेट बिछाया, अपनी बहु-बेटियां देकर उन्हें खुश किया. लेकिन जब -ज़ब यह वंचित हिन्दू समुदाय उठ खड़ा होने की कोशिश करता है: जब-जब उसमे अधिकार चेतना करवट लेती है , उनके जन्मजात शत्रु इसी किस्म का चक्रांत रचते हैं. इस षड्यंत्र की तहत गुजरात में मुस्लिम समुदाय को रिएक्ट करने लिए बहुत कुछ कर सकते.हैं. ऐसे में जज्बाती मुस्लिम समुदाय अगर अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए, रिएक्ट करने से खुद को बचा ले तो वह बहुजन भारत और खुद उसके अपने हित में बहुत बड़ा काम होगा.
कल शाम मैं एक मारवाड़ी प्रकाशक के यहाँ बैठा हुआ था. प्रसंगवश जब भाजपा की चर्चा चली उसने कहा,' मैं आप लोगो की इस बात से सहमत हूँ कि मोदी एक व्यर्थ शासक हैं, बावजूद इसके मोदी की भाजपा का समर्थन सिर्फ इसलिए करता हूँ और करता रहूँगा क्योंकि वह दूसरे दलों की तरह मुसलमानों की बात नहीं करते.' मतलब समझ गए न कि यदि कोई दल मुसलमानों के पक्ष में कुछ कहा, हिन्दू उसकी प्रतिक्रिया में भाजपा के पक्ष में चले जायेंगे.
इसलिए गुजरात विधानसभा चुनाव में अगर विपक्ष मुसलमानों के पक्ष में कुछ नहीं कह रहा है तो उस उपेक्षा को रणनीति का एक हिस्सा मानते हुए, मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज कर देना चाहिए. स्मरण रहे जो लोग निरीह हिन्दुओं की हीनमानसिकता को भुनाने की तरह-तरह की जुगत भिड़ा रहे हैं, उनका मेन टारगेट मुस्लिम नहीं, दलित-पिछड़ा हिन्दू समुदाय है, जिसके खिलाफ ये हजारों साल से षड्यंत्र रचते रहे हैं.इस षड्यंत्र के तहत ही उन्होंने विदेशियों के लिए लाल कारपेट बिछाया, अपनी बहु-बेटियां देकर उन्हें खुश किया. लेकिन जब -ज़ब यह वंचित हिन्दू समुदाय उठ खड़ा होने की कोशिश करता है: जब-जब उसमे अधिकार चेतना करवट लेती है , उनके जन्मजात शत्रु इसी किस्म का चक्रांत रचते हैं. इस षड्यंत्र की तहत गुजरात में मुस्लिम समुदाय को रिएक्ट करने लिए बहुत कुछ कर सकते.हैं. ऐसे में जज्बाती मुस्लिम समुदाय अगर अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए, रिएक्ट करने से खुद को बचा ले तो वह बहुजन भारत और खुद उसके अपने हित में बहुत बड़ा काम होगा.