रीवा के छात्रवृत्ति घोटाले में तीन कॉलेजों पर छापा

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: August 10, 2018
मध्यप्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले भी भाजपा सरकार में काफी हुए हैं। ऐसा ही एक चर्चित छात्रवृत्ति घोटाला है रीवा का, जो 2012-2013 में हुआ था। इसमें करीब 700 एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का घोटाला हुआ था। इसी सिलसिले में ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को रीवा के तीन कॉलेजों में छापा मारा और कई अहम दस्तावेज जब्त किए।

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जिन कॉलेजों में ईओडब्ल्यू की टीम ने छापे मारे, उनमें पेंटियम प्वाइंट टेक्निकल कॉलेज, टीआरएस कॉलेज और आयुर्वेद कॉलेज शामिल हैं। बताया जाता है कि इन कॉलेजों में ही एक करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है।

घोटाले में 2012-13 में एससी-एसटी और ओबीसी के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति फर्जी दस्तावेज़ लगाकर अधिकारियों और कॉलेज के प्रबंधकों ने निकाल ली। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू भोपाल कर रही है।

ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि इन कॉलेजों का दाखिला ही बिना मूल टीसी के किया गया और उन्हें कॉलेजों का नियमित छात्र बताकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाली गई। इतना ही नहीं, छात्रवृत्ति की रकम छात्रों के खातों में न भेजकर सीधे संस्थाओं के खातों में जमा कराई गई।

नईदुनिया के अनुसार, इस मामले में जो एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है, उनमें पीपीटी टेक्निकल कॉलेज के संचालक ब्रह्मानंद त्रिपाठी, टीआरएस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य अखंड प्रताप मिश्रा और तत्कालीन लिपिक प्रभाशंकर कोल,  एसएस सांईनाथ पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ दीपक कुलश्रेष्ठ, आयुर्वेद कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. एलएम कुशवाहा, एसएस पैरामेडिकल संस्थान के प्राचार्य डॉ विनोद पांडेय और संचालक कमलेश्वर प्रसाद पांडेय, एसएस मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डीन डॉ. एसएस कुशवाहा और कॉलेज की प्रभारी अधिकारी, छात्र शाखा डॉ चंद्रा रजक, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सीएल सोनी और विभाग के कनिष्ठ लेखाधिकारी टीपी अहिरवार, आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन जिला संयोजक एसडी सिंह और विभाग के कनिष्ठ लेखा अधिकारी के नाम शामिल हैं। 

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