मध्यप्रदेश में खनन माफिया ने एक और अधिकारी की जान ले ली। मुरैना में खनन माफिया ने सूबेदार सिंह कुशवाहा नाम के डिप्टी रेंजर को ही ट्रैक्टर से कुचल दिया जिसमें उनकी मौत हो गई।
नेशनल हाइवे 3 पर स्थित वन जांच नाके पर तैनात डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को खनन माफिया द्वारा ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार देने से एक बार फिर शिवराज सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खुल गई है।
(Courtesy: jantantratv.com)
जनतंत्र टीवी के अनुसार, डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह ट्रैक्टर के साथ करीब 20 फुट तक घिसटे जिसके बाद ट्रैक्टर का पहिया उनके सिर पर से गुजर गया। पुलिस को देखकर माफिया ने ट्रैक्टर को करीब 12 किलोमीटर तक भगाया। माफिया और पुलिस के बीच फायरिंग भी हुई, जिसके बाद माफिया अपना ट्रैक्टर छोड़कर भाग गया।
उनके साथ वनरक्षक रामनाथ शर्मा, संजय, भगवान सोलंकी और आकाश तोमर भी थे। करीब 10 बजकर 20 मिनट पर सूबेदार सिंह कुशवाहा अपने साथी रामनाथ शर्मा के साथ हाइवे की दूसरी ओर जाकर खड़े थे। तभी उन्हें एक रेत का ट्रैक्टर आता दिखा। उन्होंने देखा कि माफिया के दो बाइक सवार साथ उस कांटा प्लेट को पलट रहे हैं ताकि वनकर्मी इस प्लेट से ट्रैक्टर के पहिए पंक्चर न कर सकें।
इसी बीच श्री कुशवाह लाठी लेकर प्लेट को पलट रहे माफिया के लोगों की तरफ दौड़े। वे बीच सड़क पर पहुंचे ही थे कि पीछे से आ रहे माफिया के ट्रैक्टर ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और श्री कुशवाह को टक्कर मार दी। टक्कर उनके सिर में लगी और वे ट्रैक्टर में फंसकर घिसट गए, और फिर ट्रैक्टर उनके ऊपर से गुजर गया।
घटना के समय एक खाली एंबुलेंस हाईवे से गुजर रही थी। जिसे रोककर वन कर्मियो ने डिप्टी रेंजर को अस्पताल पहुंचाया, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बाद में पुलिस ने ट्रैक्टर को पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान खनन माफिया के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई। इसके बाद माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर भाग गए।
किरकिरी होते देख वन विभाग ने मृतक डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया और 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि उनके परिवार को देने का आश्वासन दिया।
नेशनल हाइवे 3 पर स्थित वन जांच नाके पर तैनात डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को खनन माफिया द्वारा ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार देने से एक बार फिर शिवराज सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खुल गई है।
(Courtesy: jantantratv.com)
जनतंत्र टीवी के अनुसार, डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह ट्रैक्टर के साथ करीब 20 फुट तक घिसटे जिसके बाद ट्रैक्टर का पहिया उनके सिर पर से गुजर गया। पुलिस को देखकर माफिया ने ट्रैक्टर को करीब 12 किलोमीटर तक भगाया। माफिया और पुलिस के बीच फायरिंग भी हुई, जिसके बाद माफिया अपना ट्रैक्टर छोड़कर भाग गया।
उनके साथ वनरक्षक रामनाथ शर्मा, संजय, भगवान सोलंकी और आकाश तोमर भी थे। करीब 10 बजकर 20 मिनट पर सूबेदार सिंह कुशवाहा अपने साथी रामनाथ शर्मा के साथ हाइवे की दूसरी ओर जाकर खड़े थे। तभी उन्हें एक रेत का ट्रैक्टर आता दिखा। उन्होंने देखा कि माफिया के दो बाइक सवार साथ उस कांटा प्लेट को पलट रहे हैं ताकि वनकर्मी इस प्लेट से ट्रैक्टर के पहिए पंक्चर न कर सकें।
इसी बीच श्री कुशवाह लाठी लेकर प्लेट को पलट रहे माफिया के लोगों की तरफ दौड़े। वे बीच सड़क पर पहुंचे ही थे कि पीछे से आ रहे माफिया के ट्रैक्टर ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और श्री कुशवाह को टक्कर मार दी। टक्कर उनके सिर में लगी और वे ट्रैक्टर में फंसकर घिसट गए, और फिर ट्रैक्टर उनके ऊपर से गुजर गया।
घटना के समय एक खाली एंबुलेंस हाईवे से गुजर रही थी। जिसे रोककर वन कर्मियो ने डिप्टी रेंजर को अस्पताल पहुंचाया, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बाद में पुलिस ने ट्रैक्टर को पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान खनन माफिया के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई। इसके बाद माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर भाग गए।
किरकिरी होते देख वन विभाग ने मृतक डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया और 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि उनके परिवार को देने का आश्वासन दिया।