मुख्य मंत्री योगी को उच्च न्यायालय के २ अप्रेल के कार्यक्रम में ना आमंत्रित किया जाए: इलाहाबाद मुख्य न्यायाधीश को खुला पत्र

Published on: March 27, 2017
इलाहाबाद के प्रबुद्ध नागरिकों ने, २५-०३-२०१७ को, मा. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि गंभीर किस्म के अपराधिक वादों व दर्ज प्राथमिकी आदि के कारण प्रदेश के मुख्य मंत्री को उच्च न्यायालय के २ अप्रेल के प्रस्तावित कार्यक्रम में न आमंत्रित किया जाय।

Yogi adityanath
 
ज्ञातव्य है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के १५० वर्ष पुरे होने के समापन समारोह में मा. प्रधान मंत्री एवम भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत कई उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश, राज्यपाल, न्याय विद आदि आ रहे है। पत्र के उन २२ प्राथमिकी की सूची दी गयी जो गंभीर किस्म के हैं, और गोरखपुर के विभिन्न थानो में दर्ज है।
 
इन अपराधिक केसो के अलावा मा. मुख्य मंत्री जी के विरुद्ध गोरखपुर में दंगा करवाने के लिए उसकी सी.बी.आई. द्वारा जाँच करवाने की याचिका लंबित है।
 
मा. सर्वोच्च न्यायालय ने कतिपय याचिकाओं में यह स्पष्ट आदेश दिया है कि संसद एवम विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के विरुद्ध यदि कोई अपराधिक वाद लंबित है तो उसे शीघ्रता शीघ्र और सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ निस्तारित किया जाय।
 
इस विधिक प्रस्थापना को मा. उच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णयों में स्वीकार किया है।
 
मा. मुख्य मंत्री के विरुद्ध इतनी गंभीर अपराधिक वादो के चलते न्यायपालिका के उच्च आसन पर बिठाना न्यायपालिका के सम्मान को गिराना होगा। यह न्यायपालिका के निष्पक्षता व पारदर्शिता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाता है।
 
पत्रक पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुखतः एड., अंशु मालवीय, सामाजिक कार्यकर्ता, ओ. डी. सिंह, पी यू सी एल, डा. आशीष मित्तल, राजनितिक कार्यकर्ता, आर.बी. द्विवेदी, डी. बी. यादव, के. के. राय, एडवोकेट्स।
 
पत्रक भेजने का संयोजन व हस्ताक्षर अभियान श्री जावेद मोहम्मद द्वारा किया गया।
 

बाकी ख़बरें