बीस सवाल, जो मीडिया नरेंद्र मोदी से नहीं पूछता

Written by Dilip Mandal | Published on: June 15, 2017


बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में भारत की जनता से कुछ वादे किए थे, जिन्हें पांच साल में पूरा किया जाना था. बीजेपी ने यह भी कहा था कि जो कहते हैं, वह करते हैं. बीजेपी ने जो कहा था, और नहीं किया, उससे संबंधित कुछ सवाल. ये सारे सवाल बीजेपी के 2014 लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र से निकले हैं. कार्यकाल के तीन साल पूरे होने के बाद इन वादों और उन पर हुई प्रगति के बारे में पूछा जाना चाहिए.
 
  1. देश में 100 नए शहर कब तक बसाए जाएंगे?
  2. देश के सबसे पिछड़े 100 जिलों को विकसित जिलों में शामिल होना था, वह काम कब शुरू होगा.
  3. राष्ट्रीय वाइ-फाई नेटवर्क बनना था. वह काम कब शुरू होगा?
  4. बुलेट ट्रेन की हीरक चतुर्भुज योजना का काम कहां तक आगे बढ़ा है?
  5. कृषि उत्पाद के लिए अलग रेल नेटवर्क कब तक बनेगा?
  6. हर घर को नल द्वारा पानी की सप्लाई कब तक शुरू होगी?
  7. जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष न्यायालयों का गठन कब होगा?
  8. बलात्कार पीड़ितों और एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष कोष कब तक बनेगा?
  9. वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सहायता देने के वादे का क्या हुआ?
  10. किसानों को उनकी लागत का कम से कम 50% लाभ देने की व्यवस्था होने वाली थी. उसका क्या हुआ?
  11. 50 टूरिस्ट सर्किट बनने वाले थे. कब बनेंगे?
  12. अदालतों की संख्या दोगुनी करने के लक्ष्य का क्या हुआ?
  13. न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की दिशा में पहला कदम कब उठाया जाएगा?
  14. जजों की संख्या दोगुनी करने की दिशा में कितनी प्रगति हुई है?
  15. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को तीन हिस्सों में बांटने की योजना का क्या हुआ?
  16. महिला आईटीआई की स्थापना कब होगी?
  17. महिलाओं द्वारा संचालित बैंकों की स्थापना होनी थी. ऐसे कितने बैंक बने?
  18. हर राज्य में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना होनी थी. कितने राज्यों में इनका काम शुरू हुआ है? बाकी राज्यों में कब काम शुरू होगा?
  19. बैंकों के खराब कर्ज यानी एनपीए को कम करने की सरकार के पास क्या योजना है?
  20. नदियों को साफ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के काम में कितनी प्रगति हुई है?
 
ऐसे वादों की लिस्ट बहुत लंबी है. और फिर ये तो लिखित वादे हैं. नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं में जो वादे किए थे, उनकी तो फिलहाल बात भी नहीं हो रही है.

बाकी ख़बरें