योगी के जनता दरबार पहुंचे युवक की संदिग्ध मौत, पिता ने पुलिस की थ्योरी पर उठाए सवाल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 13, 2022
जनता दरबार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ आए ललितपुर के एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। लखनऊ पुलिस के मुताबिक ललितपुर का रहने वाला 32 वर्षीय राजकुमार पाल सीएम योगी के जनता दरबार में आया था। आरोप है कि उसने दीवार फांदकर अंदर घुसने की कोशिश की। इस दौरान वह दीवार से फिसल गया। गंभीर रूप से घायल राजकुमार को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।



इस मामले पर लखनऊ कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया, ‘राजकुमार जनता दरबार में नहीं, पीछे बने एक दूसरे मकान की दीवार कूदने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान नीचे गिरने से घायल हो गया और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।’

पुलिस की थ्योरी पर पिता ने उठाए सवाल
लखनऊ पुलिस ने सोमवार, 11 अप्रैल को राजकुमार की मौत की सूचना उसके पिता अच्छेलाल पाल को फोन पर दी। जिसके बाद अच्छे लाल लखनऊ आए। ललितपुर में बानपुर थानाक्षेत्र के उदयापुर गांव के रहने वाले अच्छेलाल पाल ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि महज 5 फीट की दीवार से गिरकर किसी की मौत कैसे हो सकती है।  

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छेलाल ने बताया, ‘मेरा बेटा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने जनता दरबार में आया था। शनिवार, 9 अप्रैल को अधिकारियों ने एप्लीकेशन ले ली लेकिन मिलने नहीं दिया। इस वजह से वह सोमवार को फिर जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा। लेकिन उसको मिलने नहीं दिया। लखनऊ पहुंचे तो पुलिस ने बताया कि जनता दरबार में जाने के लिए सीएम आवास की बाउंड्री कूद रहा था। इसी दौरान गिरकर घायल हो गया फिर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 5 फीट की दीवार से गिरकर कैसे मौत हो सकती है। मेरी गरीबी ऐसी है कि हम गांव के प्रधान का विरोध नहीं कर पाए, तो सरकार से कैसे लड़ेंगे। मेरा जवान चला गया अब मैं यही चाहता हूं कि सही से मेरे बेटे की मौत की जांच की जाए और परिवार को कुछ मुआवजा मिले।’

अपने बेटे राजकुमार का शव लेने आए लखनऊ पहुंचे अच्छेलाल पाल और उनके भाई ललित ने मीडिया को यह भी बताया कि उनका बेटा क्यों जनता दरबार में सीएम योगी से मिलना चाहता था। उनके मुताबिक उन्होंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया था जिस वजह से उनके गांव का प्रधान राम रतन यादव नाराज हो गया और आये दिन उनसे मारपीट करता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अच्छेलाल ने बताया, ‘प्रधान राम रतन यादव हमारे घर के बिलकुल सामने रहता है। उसने विधानसभा चुनाव में हमसे साइकिल को वोट देने को कहा था, लेकिन यादवों को छोड़ बाकी पूरे गांव ने कमल (बीजेपी) को वोट दिया, मैंने भी कमल को ही वोट दिया। इस बात से राम रतन नाराज हो गया, उसने हमारी पिटाई की। अभी कुछ रोज पहले हम अपनी जमीन पर घर बनाने के लिए नींव भर रहे थे, तो राम रतन और उसके पांच भाइयों का परिवार हमसे लड़ने लगा, वो बोले ये जमीन हमारी है तो तुम कैसे बना सकते हो, इस बात पर झगड़ा बढ़ गया फिर राम रतन को उसके दबंग भाइयों ने मेरी और मेरे परिवार की पिटाई की। मेरी बूढ़ी मां को भी लातें मारीं।’

मृतक राजकुमार के पिता अच्छेलाल ने यह भी कहा कि लोकल थाने में इस मामले की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद एसपी ऑफिस के भी कई चक्कर लगाए लेकिन कुछ नहीं हुआ। अच्छेलाल के मुताबिक, ‘कहीं न सुनवाई होने के बाद बेटे राजकुमार ने मुख्यमंत्री के पास आने का फैसला लिया। उसे उम्मीद थी कि जनता दरबार में जब वह अपनी शिकायत बताएगा तो ग्राम प्रधान और उसके दबंग भाइयों पर कार्रवाई होगी और हमारी जमीन भी प्रधान से वापस मिल जाएगी। उसने दो बार प्रयास किया लेकिन सीएम से नहीं मिल सका…मेरी जमीन तो पहले ही चली गई, अब जवान बेटा भी चला गया।’

क्या कह रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
लखनऊ पुलिस इस मामले पर कुछ भी कह रही हो, लेकिन दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक राजकुमार के शव का पोस्टमार्टम हुआ तो सिर में बाईं तरफ गंभीर चोट के निशान मिले। डॉक्टरों का कहना है कि किसी भारी चीज से सिर पर वार करने से ऐसी चोट आ सकती है। राजकुमार के दाएं कान से खून निकला था। ख़बर के मुताबिक़, इसे भी डॉक्टर मारपीट की वजह से बता रहे हैं।

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