छत्तीसगढ़ के बिजली विभाग ने एक दिहाड़ी मजदूर के घर 40 हजार रुपए का बिजली का बिल भेजने का कारनामा कर दिखाया है। वैसे तो मनमाने बिल भेजने का विद्युत विभाग का रिकॉर्ड पुराना है, लेकिन इस बार तो हद ही कर दी गई है।
हालात ये है कि पीड़ित उपभोक्ता हरिश्चंद्र सेन विद्युत विभाग में शिकायत कर रहा है, लेकिन उसकी शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं, उल्टे बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटने की धमकी भी बिजली विभाग के कर्मचारी दे रहे हैं।
घटना राजनांदगांव के जंगलपुर की हैं, जहां के हरिश्चंद्र सेन ने नया मीटर लगवाने का आवेदन देने के बाद तीन माह तक बिना रीडिंग के औसत, 450 रुपए का बिल भी जमा किया लेकिन चौथे माह में बिजली विभाग ने लापरवाही दिखाई और उसके पास 40 हजार रुपए का बिल भेज दिया।
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, हरिश्चंद्र सेन ने जब सब स्टेशन अर्जुनी में शिकायत की तो कर्मचारियों ने बिल में सुधार का आश्वासन दिया लेकिन अगले माह फिर से 20 हजार रुपए का बिल भेज दिया गया। कर्मचारियों ने यह भी कह दिया कि बिल में यहां सुधार मुमकिन नहीं है, और उसके लिए राजनांदगांव के मुख्यालय जाना पड़ेगा।
बेचारा हरिश्चंद्र राजनांदगांव भी शिकायत करने गया लेकिन वहां भी सुधार का आश्वासन ही मिला और अगले माह फिर से उसी तरह का बिल आ गया। इसके बाद तो बिजली विभाग के कर्मचारी कनेक्शन काटने की भी धमकी देने लगे हैं।
पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि बीच में 4-5 माह मीटर रीडिंग करने वाला रीडिंग लेने ही नहीं आता था और एवरेज बिल भेज दिया जाता था। जब मीडिया में इस गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो गांव के कई लोगों के बिलों में तो सुधार हो गया लेकिन हरिश्चंद्र की परेशानी कायम है।
हालात ये है कि पीड़ित उपभोक्ता हरिश्चंद्र सेन विद्युत विभाग में शिकायत कर रहा है, लेकिन उसकी शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं, उल्टे बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटने की धमकी भी बिजली विभाग के कर्मचारी दे रहे हैं।
घटना राजनांदगांव के जंगलपुर की हैं, जहां के हरिश्चंद्र सेन ने नया मीटर लगवाने का आवेदन देने के बाद तीन माह तक बिना रीडिंग के औसत, 450 रुपए का बिल भी जमा किया लेकिन चौथे माह में बिजली विभाग ने लापरवाही दिखाई और उसके पास 40 हजार रुपए का बिल भेज दिया।
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, हरिश्चंद्र सेन ने जब सब स्टेशन अर्जुनी में शिकायत की तो कर्मचारियों ने बिल में सुधार का आश्वासन दिया लेकिन अगले माह फिर से 20 हजार रुपए का बिल भेज दिया गया। कर्मचारियों ने यह भी कह दिया कि बिल में यहां सुधार मुमकिन नहीं है, और उसके लिए राजनांदगांव के मुख्यालय जाना पड़ेगा।
बेचारा हरिश्चंद्र राजनांदगांव भी शिकायत करने गया लेकिन वहां भी सुधार का आश्वासन ही मिला और अगले माह फिर से उसी तरह का बिल आ गया। इसके बाद तो बिजली विभाग के कर्मचारी कनेक्शन काटने की भी धमकी देने लगे हैं।
पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि बीच में 4-5 माह मीटर रीडिंग करने वाला रीडिंग लेने ही नहीं आता था और एवरेज बिल भेज दिया जाता था। जब मीडिया में इस गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो गांव के कई लोगों के बिलों में तो सुधार हो गया लेकिन हरिश्चंद्र की परेशानी कायम है।