यूपी: चुनाव में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर हुई पंचायत ने लड़कियों के जींस पहनने पर पाबंदी लगा दी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 10, 2021
मेरठ। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर प्रदेशभर में चर्चाओं का माहौल है। इस बीच दिल्ली-हरियाणा से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पंचायतों का दौर शुरू हो चुका है। इसी क्रम में मंगलवार को मुजफ्फरनगर के चरथावल विधानसभा के पिप्पलशाह गांव में क्षत्रिय समाज की पंचायत हुई। 



यह पंचायत तो ग्राम पंचायतों के आरक्षण के विरोध में थी लेकिन अचानक सामाजिक कुरीतियों पर बहस होने लगी। इसके बाद पंचायत की अध्यक्षता कर रहे ठाकुर पूरण सिंह ने लड़कों के हाफ पैंट और लड़कियों के जींस-टॉप पहनने पर बैन लगा दिया। कहा कि यदि किसी ने इस फरमान का उल्लंघन किया तो वह दंडित किया जाएगा। नियमों का पालन न करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंचायत में ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि जिस देश और समाज की संस्कृति नष्ट होगी वो देश और वो समाज अपने आप समाप्त हो जाता है। उसे समाप्त करने के लिए किसी तोप या बंदूक की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए इस बार चुनाव में शराब जैसी कोई भी चीज लागू नहीं होगी। दूसरी व्यवस्था ये है की जो गांव में नई उम्र के लड़के हैं, वो गांव में नेकर जिसे हाफ पैंट कहते हैं, हम ये कह रहे हैं की आज के बाद किसी भी गांव में कोई भी लड़का यदि हाफ पैंट पहनकर घूमता मिला तो समाज उसे दंडित करे।

तीसरी बात ये है की हम सभी के घर में लड़कियां हैं और आज हमारी लड़कियां पढ़ने जा रही हैं। ठीक है, उन्हें पढ़ाओ। बिना दहेज के उनका विवाह करो। ये सब ठीक है लेकिन लड़कियां जींस पहनकर या आपत्तिजनक कपडे़ पहनकर बाहर जाएं ये समाज के लिए अच्छा नहीं है। इस पर भी समाज एक मत होकर पाबंदी लगाए। जो भारत की संस्कृति है और जो हमारी संस्कृति के परिधान हैं। उन्ही कपड़ों का वो प्रयोग करें। न की जींस-टॉप पहनकर गांव से बाहर जाएं। अगर स्कूल कॉलेजों में पैंट-स्कर्ट यूनिफॉर्म पहनने की परंपरा है तो उन स्कूल कॉलेजों का भी बहिष्कार किया जाएगा। पंचायत में उपस्थिति लोगों ने पूरण सिंह की बात पर सहमति जताई है।
 
अंत में पंचायत में कहा गया कि सरकार सभी गांवों में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करे। सभी गांव को सामान्य में करे। जिससे प्रत्येक गांव में समान्य, OBC और SC वर्ग को चुनाव लड़ने का हक मिले।

 

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