किसान आंदोलन: भूख हड़ताल पर अन्नदाता, देशभर में जिलेवार भी होगा प्रदर्शन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 14, 2020
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज और तेज हो रहा है। नवंबर महीने के अंत से दिल्ली के बॉर्डर पर डेट हजारों किसान आज एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा जो किसान नहीं पहुंच पाए हैं वे देशभर में धरना देंगे। एक हफ्ते के भीतर किसानों का यह दूसरा देशव्यापी प्रदर्शन है। 



पिछले मंगलवार को किसानों ने 'भारत बंद' का आह्वान किया था। विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया था। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद, किसानों का कहना है कि जब तक नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों का कहना है कि प्रदर्शनकारी सोमवार को देशभर में कलेक्ट्रेट कार्यालयों का घेराव करेंगे और सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अनशन करेंगे। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल आंदोलन तेज करने के किसानों की योजना का एक हिस्सा है। 

रविवार को किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए रविवार को दिल्ली-जयपुर हाइवे को कुछ देर के लिए बंद किया था। राजस्थान और हरियाणा से किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च किया था। मार्च को रोकने के लिए गुड़गांव और फरीदाबाद में 4,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

किसान आंदोलन को लेकर रविवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश ने गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उसके साथ बैठक की। इस दौरान बीजेपी ने अन्य नेता भी मौजूद रहे।

आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान के किसानों का लगातार दिल्ली कूच जारी है। किसानों के पक्ष में बहुत सारे अवॉर्डी सरकार को अपने अवॉर्ड वापस कर चुके हैं। इसके अलावा पंजाब के उप महानिरीक्षक (कारागार) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। डीआईजी जाखड़ ने बताया कि उन्होंने शनिवार को अपना इस्तीफा राज्य सरकार को दिया।
 

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