सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को झटका, कोर्ट से आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'विवेक' को मिली स्क्रीनिंग की अनुमति

Written by Sabrangindia Staff | Published on: June 25, 2019
केरल हाईकोर्ट ने मशहूर फिल्मकार आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'विवेक' की स्क्रीनिंग पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया है। कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'विवेक' को स्क्रीनिंग की अनुमति दे दी है। 



हाईकोर्ट ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ये तर्क सही नहीं है कि इस फिल्म को दिखाने से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इस कारण के आधार पर फिल्म की स्क्रीनिंग रोकना सही नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों के आधार पर भी इस फिल्म के स्क्रीनिंग की अनुमति है। हालांकि जस्टिस शाजी पी. चाली ने ये स्पष्ट किया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कही और नहीं होनी चाहिए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति नहीं मिलने पर फिल्म फेस्टिवल के आयोजनकर्ता, केरल राज्य चलचित्र आकादमी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और ‘विवेक’ फिल्म की स्क्रीनिंग करने की इजाजत मांगी थी।

‘विवेक’ के निर्देशक आनंद पटवर्धन इस मामले में दूसरे नंबर पर याचिकाकर्ता थे। पटवर्धन ‘राम के नाम’, ‘फादर, सन एंड होली वार’, ‘नर्मदा डायरी’ जैसी कई प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

चार घंटे की यह फिल्म नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्याओं और सनातन संस्था की भूमिका को दिखाते हुए दक्षिणपंथी उग्रवादी हिंसा फैलाने की कहानी से शुरू होती है। इसके बाद फिल्म में हाल के वर्षों में हुए दलित आंदोलन और दलित नेताओं के उत्थान की कहानी है। उत्तर प्रदेश के दादरी गांव में मोहम्मद अखलाक की गोहत्या के शक में हुई हत्या की कहानी के साथ इस फिल्म का अंत होता है।

फिल्म ने दुनिया भर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें एम्स्टर्डम के 31वें अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फीचर-लेंथ डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार शामिल है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दावा था कि इस फिल्म के प्रदर्शन से कानून-व्यवस्था में समस्या पैदा हो सकती है।

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