हेमा समिति की रिपोर्ट पर आधारित सभी 35 मामले बंद, राज्य सरकार ने केरल हाई कोर्ट को बताया

Written by sabrang india | Published on: June 28, 2025
यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि कोई भी शिकायतकर्ता अपना बयान दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आया।


फोटो साभार : द हिंदू

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए केरल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले से जुड़े सभी 35 मामलों को बंद कर दिया है। उच्च न्यायालय को बुधवार को यह जानकारी दी गई। बार एंड बेंच ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

केरल सरकार ने न्यायमूर्ति ए.के. जयरामन नांबियार और न्यायमूर्ति सी.एस. सुधा की विशेष पीठ को बताया कि शिकायतकर्ताओं में से कोई भी बयान देने के लिए आगे नहीं आया जिसके चलते मामलों को बंद करना पड़ा।

यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता से संबंधित न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट अगस्त में जारी होने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई महिलाओं ने वर्षों से अपने पुरुष सहकर्मियों पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे।

इसके जवाब में राज्य सरकार ने यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक सात सदस्यीय समिति गठित की थी।

120 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें से 35 मामले पुलिस ने हेमा समिति को दिए गए बयानों के आधार पर दर्ज किए थे। शेष 85 मामले सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों और महिलाओं द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर दर्ज किए गए थे।

26 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए थे।

इस महीने की शुरुआत में, विशेष जांच दल (SIT) ने अदालतों को बताया कि वह मामलों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ा पा रहा है क्योंकि महिलाएं अपने बयान नहीं दे रही हैं। जब और महिलाएं अपने बयान देंगी, तब जांच दोबारा शुरू की जाएगी।

हाल ही में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान केरल उच्च न्यायालय ने एडवोकेट जनरल गोपालकृष्ण कुरुप से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण से निपटने के उद्देश्य से प्रस्तावित कानून की स्थिति के बारे में पूछा।

पीठ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि नया कानून कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, प्रतिषेध और निवारण अधिनियम, 2013 के प्रावधानों की पुनरावृत्ति नहीं करेगा।

कुरुप ने अदालत को बताया कि अगस्त 2025 में प्रस्तावित फिल्म कन्क्लेव के दौरान सभी पक्षों से परामर्श के बाद कानून का मसौदा अंतिम रूप दिया जाएगा।

अदालत इस मामले की अगली सुनवाई कन्क्लेव के बाद करेगी।

न्यायमूर्ति हेमा समिति केरल सरकार द्वारा 2017 में हुई फिल्म इंडस्ट्री की फीमेल एक्टर्स पर यौन हमले की घटना के बाद गठित की गई थी। समिति ने अगले ही साल अपनी रिपोर्ट सौंपी, लेकिन यह रिपोर्ट 2024 में सार्वजनिक की गई जिससे भारी विरोध और हंगामा खड़ा हो गया। इसके नतीजे में मलयालम सिनेमा के संपूर्ण शक्तिशाली अभिनेताओं के संगठन को भंग कर दिया गया।

समिति की पूरी रिपोर्ट केरल हाई कोर्ट को सौंपी गई, जिसने निर्देश दिया था कि इसे फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंपा जाए।

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