झारखंड: हेमंत सोरेन ने खत्म किए पत्थलगड़ी मामले में देशद्रोह के 19 केस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 30, 2019
झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक्शन मोड में आ गए। शपथ लेने के तीन घंटे के भीतर ही हेमंत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई बैठक में साल 2017 में सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने और पत्थगड़ी करनेवालों के 172 लोगों के खिलाफ दर्ज सभी केस वापस लेने का फैसला लिया गया।



इसमें देशद्रोह के 19 मामले भी शामिल हैं। कैबिनेट ने महिलाओं तथा नाबालिगों के यौन उत्पीड़न एवं उनके खिलाफ अन्य अपराधों के बारे में सुनवाई करने के लिए प्रत्येक जिले में फास्टट्रैक कोर्ट के गठन और इस उद्देश्य से न्यायिक अधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी निर्णय लिया। इसके अलावा राज्य के पैरा टीचर्स एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं समेत सभी अनुबंधर्किमयों के बकाये का अविलंब भुगतान किया जाएगा।

कैबिनेट की बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर बनाने का फैसला हुआ। मंत्रिमंडल सचिव ने बताया कि मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन का विरोध करने तथा पत्थलगड़ी करने के संबंध में दर्ज किए गए मामले वापस लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी और संबद्ध अधिकारियों को तदनुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

राज्य के प्रतीक चिह्न में होगा बदलावः मंत्रिमंडल में झारखंड राज्य सरकार के प्रतीक चिह्न (लोगो) पर विमर्श किया गया। इसे झारखंड राज्य की संस्कृति, परंपरा, इतिहास एवं स्वर्णिम भविष्य के अनुरूप संशोधित करने की आवश्यकता बतायी गयी और निर्णय लिया गया कि इस संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित कर इसे नया स्वरूप देने की प्रक्रिया की जायेगी।

साल 2017-18 में हुआ था पत्थलगड़ी आंदोलनः साल 2017-18 में जिले के कई गांवों के बाहर पत्थर गाड़ कर यह घोषित कर दिया गया था कि सिर्फ ग्राम सभी ही संप्रभु अथॉरिटी है। पत्थरों पर पंचायत एक्ट उकेरा गया था। पत्थलगड़ी आदिवासियों की एक प्राचीन परंपरा है। इसमें क्षेत्र विशेष का मौजा, सीमाना, ग्रामसभा और अधिकार की जानकारी रहती है।

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