भ्रष्टाचार और घोटालों का गढ़ बन चुके जयपुर विकास प्राधिकरण में अब करोड़ों का मिट्टी घोटाला सामने आया है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है।

जेडीए की सैकड़ों बीघा जमीन से अवैध मिट्टी खनन अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है, लेकिन इस मामले के खुलासा होने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
यह मिट्टी घोटाला रिंग रोड सीमा के आसपास की सरकारी जमीन से अवैध खुदाई के जरिए हो रही मिट्टी चोरी के जरिए हो रहा है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, जेडीए के रिजर्व प्लॉटों में करीब दस-दस फुट मिट्टी की अवैध खुदाई हो चुकी है। इस कारण कई गांवों के रास्ते तक कट चुके हैं।
जेडीए के अधिकारी सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन में अवैध मिट्टी खुदाई की बात को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कारर्वाई किसको करनी है, ये बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। उधर जेडीए के कमिश्नर तक इस घोटाले को स्वीकार करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दे चुके हैं, लेकिन जेडीए की किसी भी शाखा ने उस पर पालन नहीं किया है।
दैनिक भास्कर ने पता किया था कि जेडीए के पास मिट्टी खनन करने वाले वाहनों की फोटो भी मौजूद हैं, लेकिन उनके आधार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जा रही है, इसलिए रिकवरी का भी सवाल पैदा नहीं होता।
दैनिक भास्कर ने अपनी खबर में जोन 14 के उपायुक्त मधुसूदन पालीवाल के एक नोट का भी जिक्र किया गया है जिसमें बताया गया है कि जेडीए की ही जमीन से खुदाथई करके रिंग रोड और अन्य सड़कों के लिए जेडीए को ही सप्लाई करके दोहरा नुकसान भी किया जा रहा है। इसके बावजूद इस भ्रष्टाचार को खामोशी से चलने दिया जा रहा है। पालीवाल का कहना है कि अभी तक के आकलन में करीब 40 लाख के नुकसान का पता चला है।