मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का कार्यकाल तो खत्म हो रहा है लेकिन उसके घोटाले की सूची खत्म नहीं हो रही है। ताजा मामले में ग्वालियर में एक बड़ा शौचालय घोटाला सामने आया है जिसमें करीब 11 लाख रुपए की हेराफेरी केवल एक जनपद पंचायत में पकड़ी गई है।
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ग्वालियर जिले की घाटीगांव जनपद पंचायत के उम्मेदगढ़ क्षेत्र में ओडीएफ प्रोग्राम के तहत शौचालय बनाने के लिए आई राशि 8 मृतक, 7 सरकारी कर्मियों सहित 238 हितग्राहियों के नाम से जारी हुई थी लेकिन इनमें 92 हितग्राहियों की राशि दूसरों के खाते में जमा करा दी गई। इस तरह से लगभग 11 लाख 4 हजार रुपए का यह गोलमाल सामने आने पर स्थानीय लोगों ने शिकायत की। जांच के दौरान 64 हितग्राहियों ने बताया कि उनको राशि नहीं मिली है, जबकि 43 शौचालयों का कहीं नामोनिशान तक नहीं था और राशि निकाल ली गई थी।
जांच में पता चला कि 29 हितग्राही गांव में रहते ही नहीं थे। जांच के दौरान केवल 128 शौचालय ही बने हुए मिले। जांच में अधिकारियों ने भी लीपापोती की जिसके बाद लोगों ने फिर से शिकायत की है।
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, कई नाम ऐसे हैं जो पात्र नहीं थे लेकिन उनके नाम से राशि निकाली गई और शौचालय भी नहीं बनाए गए। रिपोर्ट में बाकायदा नाम और बैंक खाते नंबर देकर जानकारी दी गई है कि किस तरह से नेताओं और अधिकारियों ने ये घोटाला किया है। माना जा रहा है कि ऐसे घोटाले बाकी ग्वालियर जिले में ही नहीं, प्रदेश के हर जिले में हुए हैं और इसका पैसा ऊपर तक गया है।
लोगों का कहना है कि गांव में जितने भी शौचालय और प्रधानमंत्री आवास बने हैं, उन सबमें आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं। हितग्राहियों के हिस्से के 11 लाख 4 हजार रुपए दूसरों के खाते में अंतरित किए गए हैं। मृतकों को हितग्राही बनाकर पैसा निकाला गया है, और अब इसकी जांच में भी गड़बड़ी की जा रही हैं,।