पड़तालः क्या किसानों की आय दोगुनी हो गई?

Written by राज कुमार | Published on: January 21, 2023
प्रोपगेंडा खूब किया गया लेकिन वास्तविक सच्चाई से जनता को अवगत नहीं कराया। आख़िर सच्चाई क्या है?


प्रतीकात्मक तस्वीर। PTI

वर्ष 2022 जा चुका है। ये साल आज़ादी का 75वां साल भी था। जिसे सरकार आज़ादी के अमृत महोत्सव के नाम से मना रही है। भाजपा सरकार ने वर्ष 2022 तक के लिए कई टारगेट रखे थे। जिनमें से एक महत्वपूर्ण टारगेट था किसानों की आय दोगुना करना। वर्ष 2022 जा चुका है और नया साल 2023 आ चुका है। नये साल में सरकार से ये पूछना तो बनता है कि किसानों की आय दोगुना करने के टारगेट का क्या हुआ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टारगेट लिया था और दावा किया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना कर देंगे। इस दौरान किसानों के जीवन में बहुत सी उथल-पुथल हुईं। इसी बीच सरकार तीन कृषि क़ानून ले आई। जिनका देशभर के किसानों ने अद्भुत ढंग से प्रतिरोध किया और एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन को देश ही नहीं पूरी दुनिया ने विटनेस किया। चुनाव के आस-पास अजीब दावे किए जाने लगे। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने तो दावा ही कर डाला कि यूपी में किसानों की आय कई गुणा बढ़ चुकी है। जबकि सच्चाई ये थी कि वर्ष 2015-16 और वर्ष 2021 की तुलना में किसानों की आय में मात्र तीन रुपये की वृद्धि हुई थी। प्रोपगेंडा खूब किया गया लेकिन वास्तविक सच्चाई से जनता को अवगत नहीं कराया। आखिर सच्चाई क्या है? क्या किसानों की आय दोगुना हो चुकी है? आइये, पड़ताल करते हैं। सबसे पहले तय करते हैं कि आखिर किसानों की आय की तुलना का आधार क्या हो?

किसानों की आय की तुलना का आधार क्या हो?

सबसे पहला सवाल है कि आय दोगुना हुई या नहीं हुई इसे मापने का पैमाना क्या हो? सरकार किस मासिक आय को आधार बना रही है और मूल्यांकन किस प्रकार करेगी? इस बारे 23 जुलाई 2021 को राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सवाल पूछा गया। जिसके लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2015-16 में किसानों अनुमानित औसत आय 96,703 रुपये वार्षिक है। इस हिसाब से किसानों की मासिक औसत आय 8,058 रुपये हुई। इस मासिक आय के आधार पर सरकार के वायदे और टारगेट के अनुसार वर्ष 2022 में किसानों की मासिक आय 16,116 रुपये हो जानी चाहिये थी। तो क्या ऐसा हो चुका है?

क्या किसानों की आय दोगुना हुई?

जैसा कि सरकार ने टारगेट रखा था और मोदी ने दावा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना यानी 16,116 रुपये मासिक हो जाएगी। क्या आय दोगुना हो गई? अगर नहीं हुई तो आखिर देश किसानों की मासिक औसत आय क्या है?

16 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में किसानों की आय के बारे में कृषि मंत्रालय से सवाल पूछा गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जिसका लिखित जवाब दिया है। जिसके अनुसार देश के किसान की मासिक औसत आय 10,218 रुपये है।

भाजपा सरकार के वायदे के अनुसार ये आंकड़ा 16,116 रुपये मासिक हो जाना चाहिये था। सच्चाई ये है कि किसान की मासिक आय 8,058 से बढ़कर मात्र 10,218 हुई है। यानी मात्र 26% की बढ़ोतरी हुई है। किसानों की आय दोगुना करने का भाजपा और नरेंद्र मोदी का टारगेट एक जुमला साबित हुआ है। नये साल यानी वर्ष 2023 में सरकार से पूछना चाहिये कि किसानों की आय दोगुना करने के टारगेट का क्या हुआ? सरकार क्यों फेल हुई? किसानों की आय दोगुना कब होगी?


हालांकि सरकार के इस टारगेट में ही कई खामियां थी। क्योंकि सरकार राष्ट्रीय औसत आय के आंकड़े को दोगुना करना चाह रही थी, जबकि देश के अलग-अलग राज्यों में स्थिति अलग-अलग है। कई राज्यों में किसानों की पहले से ही राष्ट्रीय औसत आय से कई गुणा ज्यादा आय है। तो कई राज्य अब तक वर्ष 2015-16 की राष्ट्रीय औसत के आंकड़े को भी नहीं छू पाए हैं। तो कायदे से प्रत्येक राज्य की औसत आय दोगुना करने का टारगेट होना चाहिये था। लेकिन सरकार ने राष्ट्रीय औसत दोगुना करने का टारगेट लिया जिससे किसान की स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं होना था। दुर्भाग्य की बात ये है कि सरकार इस टारगेट को भी पूरा करने में फेल हुई है।

किसानों की आय की राज्यवार स्थिति

ऊपर हमने देश के किसानों की राष्ट्रीय औसत आय की स्थिति बताई है। लेकिन ऐसा नहीं है कि ये हर एक राज्य पर ज्यों की त्यों लागू होती है। देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों की आय की स्थिति अलग-अलग है। औसत मासिक की दृष्टि से देश में पहले नंबर पर मेघालय है। मेघालय में किसानों की मासिक औसत आय 29,348 रुपये है। दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां किसानों की मासिक औसत आय 26,701 रुपये है। तीसरे नंबर पर हरियाणा है जहां किसानों की मासिक औसत आय 22,841 रुपये है। 19,225 रुपये मासिक आय के साथ चौथे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश है और पांचवे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है जहां किसानों की मासिक औसत आय 18,918 रुपये है।

देश के अधिकतम औसत आय वाले पहले पांच राज्यों में दो राज्य पूर्वोत्तर के हैं। देश में किसानों की न्यूनतम मासिक आय वाला राज्य झारखंड है जहां किसानों की मासिक आय मात्र 4,895 रुपये है। यानी राष्ट्रीय औसत से भी लगभग आधी। ओडिशा में 5,112 रुपये, पश्चिम बंगाल में 6,762 रुपये और बिहार में 7,542 रुपये मासिक है।

देश के दस राज्यों में किसानों की मासिक आय राष्ट्रीय औसत आय यानी 10,218 रुपये से भी कम है। तो कुछ राज्यों में राष्ट्रीय औसत आय से नाम मात्र ज्यादा है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश में किसानों की औसत आय 8,061 रुपये है। यानी वर्ष 2015-16 राष्ट्रीय औसत से मात्र 3 रुपये की वृद्धि हुई और फिलहाल की राष्ट्रीय औसत से 2,157 रुपये कम है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि देश के किसानों की स्थिति बदहाल है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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