इतिहासकार इरफान हबीब बोले- फारसी मूल का शब्द है शाह, भाजपा बदले अमित शाह का नाम

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 12, 2018
नई दिल्ली। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने से शुरू किया नए नामकरण का सिलसिला फैजाबाद तक जा पहुंचा है। इस बीच गुजरात की भाजपा सरकार अहमदाबाद का नाम बदलने की तैयारी कर रही है। भाजपा के नामकरण के एजेंडे में पिछड़ते विकास को लेकर विभिन्न सवाल उठ रहे हैं। विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारों द्वारा नाम बदलने की कवायद पर जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब ने टिप्पणी की है। हबीब ने कहा है कि पार्टी को पहले उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम बदलना चाहिए। उनका तर्क है ,”​उनका उपनाम ‘शाह’ फारसी मूल का है, ये गुजराती शब्द नहीं है।”

बदलना चाहिए गुजरात का भी नाम: टीओआई ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर 87 वर्षीय इरफान हबीब से बातचीत के बाद रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर हबीब ने कहा, ‘‘यहां तक कि गुजरात शब्द का उद्भव फारसी भाषा से हुआ है। पहले इसे ‘गुर्जरात्र’ कहा जाता था। उन्हें इसे भी बदलना चाहिए।”

प्रोफेसर हबीब ने कहा, ‘‘भाजपा का नाम बदलने का अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हिंदुत्व नीति पर आधारित है। ये बिल्कुल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरह है, जहां जो भी चीज इस्लामिक नहीं है, उसे हटा दिया जाता है। भाजपा और दक्षिणपंथी समर्थक उन चीजों को बदल देना चाहते हैं जो गैर हिंदू है और खासतौर पर इस्लामिक मूल की हैं।”

कई भाषा विज्ञानी मानते हैं कि शाह शब्द का मूल फारसी से है जिसका ​​अर्थ राजा होता है। शाह उपनाम भारत में अधिकतर सैय्यद मुस्लिमों के द्वारा लगाया जाता है। लेकिन शाह शब्द संस्कृत भाषा के शब्द साधु से भी आता है, जिसका अर्थ भला व्यक्ति होता है। भारत में शाह उपनाम का इस्तेमाल अधिकतर कारोबारी समुदाय जैसे वैश्य समुदाय करता है। इसके अलावा शाह/साह उपनाम गुजरात, राजस्थान और यूपी में जैन और वैष्णव भी करते हैं। शाह उपनाम दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का जैन समुदाय भी इस्तेमाल करता है। कुछ भाषा विज्ञानी मानते हैं कि शाह शब्द का मूल हिंदी के शब्द साहूकार से आता है। साहूकार शब्द का अर्थ पैसे का लेन-देन करने वाला होता है।

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