दिल्ली दंगा: दिल्ली HC ने शाहिद मर्डर केस में जुनैद, चांद मोहम्मद और इरशाद को जमानत दी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 20, 2021
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 फरवरी 2020 को हुए दंगों में शाहिद नामक व्यक्ति को मारने के आरोप में गिरफ्तार किए गए जुनैद, चांद मोहम्मद और इरशाद नाम के तीन अभियुक्तों को जमानत दे दी। इन आरोपियों को दयालपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 84/2020 के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी किया था।



लाइव लॉ के मुताबिक कोर्ट ने कहा, "न तो हत्या का उनका कोई उद्देश्य (मोटिव) था, न ही उनमें से कोई व्यक्ति कथित रूप से सप्तऋषि बिल्डिंग पर अपराध की नियत से मौजूद था। न ही अभियोजन पक्ष ने पूरे केस में अपराध करने के मकसद का उल्लेख किया। इस प्रकार, यह मानना ​​मुश्किल है कि सांप्रदायिक दंगा याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने ही समुदाय के व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है।"
 
24 फरवरी 2020 के दिन उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में लगभग 3 बजे पथराव की घटनाएँ हुई थीं। पुलिस द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि सीएए की समर्थक एक हिंदू भीड़ ने मुस्लिम समुदाय पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे वे पीछे हटने को मजबूर हो गए। इसके बाद, मुस्लिम दंगाई मुस्लिम बहुल चंद्रबाग क्षेत्र की ओर चले गये थे, जबकि हिंदू दंगाई यमुना विहार क्षेत्र की ओर मौजूद थे। 
इस तरह की एक घटना में क्षेत्र की विभिन्न इमारतों की छतों पर भीड़ ने कब्जा करना शुरू कर दिया। मोहन नर्सिंग होम में कुछ दंगाइयों ने कब्जा कर लिया था, जबकि मुस्लिम भीड़ ने सप्तऋषि, इस्पात और एलॉए प्राइवेट लिमिटेड इमारतों की छतों पर कब्जा कर लिया था।
 
इन याचिकाकर्ताओं का मामला यह था कि पुलिस ने उन्हें केवल चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि वे गैरकानूनी रूप से इक्ट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा थे, जिन्होंने वास्तविक निवासियों से जबरदस्ती सपऋषि इमारत खाली करवाने के बाद उस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और सीसीटीवी कैमरा भी तोड़ दिया था। तदनुसार, याचिकाकर्ताओं को उनके सीएएफ, कॉल डेटा रिकॉर्ड्स और मोबाइल फोन के बाद अपराध स्थल पर सक्रिय पाया गया था।

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