मधु किश्वर ने जेडीएस की नजमा नज़ीर की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि वह हिजाब विवाद वाली लड़की है
Image Courtesy: thenewsminute.com
हिजाब न पहने एक युवती की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मांड्या में भगवाधारी भीड़ से भिड़ने वाली छात्रा है। दक्षिणपंथी ट्रोल दावा कर रहे हैं कि आमतौर पर हिजाब न पहनने वाली लडकी मुस्कान है जो कि हिजाब के कारण भगवा भीड़ से भिड़ गई थी। ट्रोलर्स के दावे के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने बड़ी तादाद में फेक्ट चेक कर सच्चाई पता लगाने की कोशिश की तो मालूम हुआ कि वायरल हो रही फोटो कर्नाटक के जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की सदस्य नजमा नजीर चिक्कनराले की है, जो हिजाब नहीं पहनती हैं।
दक्षिणपंथी मधु पूर्णिमा किश्वर ने तीस्ता सीतलवाड़, शेहला राशिद, उमर खालिद, अभिनेता प्रकाश राज, राजनेता कन्हैया कुमार सहित कार्यकर्ताओं के साथ कर्नाटक की राजनेता नजमा नजीर की एक और तस्वीर भी साझा की। किश्वर ने फोटो शेयर कर इन सभी का मजाक उड़ाने के अंदाज में हमला बोला। किश्वर भी दक्षिणपंथी दावों को हवा दे रही थीं कि हिजाब पहनने वाली छात्रा मुस्कान अन्य जगह पर अपना सिर उघाड़ लेती है और इस तरह उसके दोहरे मापदंड हैं। उसने दावे को सत्यापित करने के लिए फैक्ट चेकर ऑल्ट न्यूज़ को भी टैग किया, शायद एक सुरक्षा वाल्व के रूप में।
फैक्ट चेक ने रिकॉर्ड में डाला कि फोटो में दिख रही महिला कर्नाटक के जेडीएस की सदस्य नजमा नजर थी। ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार, राजनेता नजमा नज़ीर चिक्कनराले ने उस तस्वीर में अपनी पहचान बनाई, जिसे अब नकली दावों के साथ साझा किया जा रहा है। उसने अपनी फेसबुक वॉल पर यह भी पोस्ट किया कि, "झूठ हमेशा झूठ है, सच सच है" और कहा कि "कुछ अंध भक्तों ने झूठी खबर फैलाई थी और मेरे चरित्र पर चोट पहुंचाने की कोशिश की थी।"
कई दक्षिणपंथी आउटलेट बुर्का में मुस्कान के कोलाज के साथ-साथ 'पश्चिमी' परिधान में या हिजाब के बिना अन्य महिलाओं की मॉर्फ्ड तस्वीरें साझा कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे एक झूठी कहानी बना रहे हैं कि मुस्कान और अन्य मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर दोहरे मापदंड अपनाती हैं और 'प्रोपेगेंडा' में शामिल होती हैं।
मधु किश्वर का पिछला फेक रिकॉर्ड
किश्वर ने "जिहादी तीस्ता", "नफरत फैलाने वाले", "बिकाऊ" जैसे शब्दों का खुलकर इस्तेमाल करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ को सालों तक निशाना बनाया, गाली दी और बदनाम किया। किश्वर ने नकली और भड़काऊ बयान साझा किए हैं जैसे "तीस्ता सीतलवाड़ ब्रिगेड, जो आईएसआईएस और अन्य जेहादी समूहों को भारत में जड़ जमाने के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।"
9 नवंबर, 2020 को, कोलकाता पुलिस ने मधु पूर्णिमा किश्वर के खिलाफ एक फर्जी दावे के साथ वीडियो शेयर करने को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। किश्वर ने बांग्लादेश में एक रैली का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया था कि यह कोलकाता में एक 'इस्लामी रैली' थी। पुलिस के मुताबिक, वीडियो में चलाए जा रहे गाने में साफ तौर पर बांग्लादेश का जिक्र है। रिकॉर्डिंग में कई बांग्लादेशी झंडे भी दिखाए गए हैं। हालांकि, किश्वर ने वीडियो शेयर करते हुए इसे “कोलकाता में” कैप्शन दिया। पुलिस ने उसके कार्यों को "बिल्कुल गलत और भ्रामक बताया और कहा कि यह कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है।" तदनुसार, उन्होंने किश्वर के ट्वीट को 'फेक न्यूज अलर्ट' हैशटैग लगा दिया, जबकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) इकाई ने मामले की जांच शुरू की।
Related:
Image Courtesy: thenewsminute.com
हिजाब न पहने एक युवती की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मांड्या में भगवाधारी भीड़ से भिड़ने वाली छात्रा है। दक्षिणपंथी ट्रोल दावा कर रहे हैं कि आमतौर पर हिजाब न पहनने वाली लडकी मुस्कान है जो कि हिजाब के कारण भगवा भीड़ से भिड़ गई थी। ट्रोलर्स के दावे के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने बड़ी तादाद में फेक्ट चेक कर सच्चाई पता लगाने की कोशिश की तो मालूम हुआ कि वायरल हो रही फोटो कर्नाटक के जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की सदस्य नजमा नजीर चिक्कनराले की है, जो हिजाब नहीं पहनती हैं।
दक्षिणपंथी मधु पूर्णिमा किश्वर ने तीस्ता सीतलवाड़, शेहला राशिद, उमर खालिद, अभिनेता प्रकाश राज, राजनेता कन्हैया कुमार सहित कार्यकर्ताओं के साथ कर्नाटक की राजनेता नजमा नजीर की एक और तस्वीर भी साझा की। किश्वर ने फोटो शेयर कर इन सभी का मजाक उड़ाने के अंदाज में हमला बोला। किश्वर भी दक्षिणपंथी दावों को हवा दे रही थीं कि हिजाब पहनने वाली छात्रा मुस्कान अन्य जगह पर अपना सिर उघाड़ लेती है और इस तरह उसके दोहरे मापदंड हैं। उसने दावे को सत्यापित करने के लिए फैक्ट चेकर ऑल्ट न्यूज़ को भी टैग किया, शायद एक सुरक्षा वाल्व के रूप में।
फैक्ट चेक ने रिकॉर्ड में डाला कि फोटो में दिख रही महिला कर्नाटक के जेडीएस की सदस्य नजमा नजर थी। ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार, राजनेता नजमा नज़ीर चिक्कनराले ने उस तस्वीर में अपनी पहचान बनाई, जिसे अब नकली दावों के साथ साझा किया जा रहा है। उसने अपनी फेसबुक वॉल पर यह भी पोस्ट किया कि, "झूठ हमेशा झूठ है, सच सच है" और कहा कि "कुछ अंध भक्तों ने झूठी खबर फैलाई थी और मेरे चरित्र पर चोट पहुंचाने की कोशिश की थी।"
कई दक्षिणपंथी आउटलेट बुर्का में मुस्कान के कोलाज के साथ-साथ 'पश्चिमी' परिधान में या हिजाब के बिना अन्य महिलाओं की मॉर्फ्ड तस्वीरें साझा कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे एक झूठी कहानी बना रहे हैं कि मुस्कान और अन्य मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर दोहरे मापदंड अपनाती हैं और 'प्रोपेगेंडा' में शामिल होती हैं।
मधु किश्वर का पिछला फेक रिकॉर्ड
किश्वर ने "जिहादी तीस्ता", "नफरत फैलाने वाले", "बिकाऊ" जैसे शब्दों का खुलकर इस्तेमाल करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ को सालों तक निशाना बनाया, गाली दी और बदनाम किया। किश्वर ने नकली और भड़काऊ बयान साझा किए हैं जैसे "तीस्ता सीतलवाड़ ब्रिगेड, जो आईएसआईएस और अन्य जेहादी समूहों को भारत में जड़ जमाने के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।"
9 नवंबर, 2020 को, कोलकाता पुलिस ने मधु पूर्णिमा किश्वर के खिलाफ एक फर्जी दावे के साथ वीडियो शेयर करने को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। किश्वर ने बांग्लादेश में एक रैली का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया था कि यह कोलकाता में एक 'इस्लामी रैली' थी। पुलिस के मुताबिक, वीडियो में चलाए जा रहे गाने में साफ तौर पर बांग्लादेश का जिक्र है। रिकॉर्डिंग में कई बांग्लादेशी झंडे भी दिखाए गए हैं। हालांकि, किश्वर ने वीडियो शेयर करते हुए इसे “कोलकाता में” कैप्शन दिया। पुलिस ने उसके कार्यों को "बिल्कुल गलत और भ्रामक बताया और कहा कि यह कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है।" तदनुसार, उन्होंने किश्वर के ट्वीट को 'फेक न्यूज अलर्ट' हैशटैग लगा दिया, जबकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) इकाई ने मामले की जांच शुरू की।
Related: