हरियाणा में पास हुआ प्रदर्शनकारियों से वसूली का बिल, विपक्ष ने कहा निशाने पर किसान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 19, 2021
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा ने गुरुवार को "विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई संपत्ति नष्ट होने पर आंदोलनकारियों से हर्जाना वसूलने" के लिए एक विधेयक पारित किया। डिस्टर्बेंस टू पब्लिक ऑर्डर बिल, 2021 के तहत सरकार और प्रशासन को किसी भी आंदोलन, दंगों और हिंसा दौरान व्यक्तियों द्वारा संपत्तियों के नुकसान की वसूली प्रदर्शन में शामिल लोगों से करने का अधिकार देता है।



इस बिल के पास होने के बाद, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा के 2.5 करोड़ लोगों के पास जमीन पर हर अधिकार है और इसकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। विधानसभा में विपक्ष ने सीधा आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए यह बिल लाया जा रहा है। सरकार जब नहीं मानी तो सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी भी की।

खट्टर ने विधानसभा बजट सत्र की समाप्ति के बाद संवाददाताओं से कहा, "ये कानून बहुत पहले बन जाना चाहिए था। राज्य की संपत्ति की सुरक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, चाहे वो निजी हो या सरकारी। संपत्ति के नुकसान से किसी को कोई लाभ नहीं होता, असल में संपत्ति के नुकसान से आर्थिक नुकसान होता है।"

उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सभी को शांतिपूर्ण तरीके से बोलने और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक उन लोगों की जिम्मेदारी तय करेगा, जो संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं और साथ ही पीड़ितों को मुआवजा भी सुनिश्चित करेगा।

एक सवाल के जवाब में, खट्टर ने कहा कि इस विधेयक का वर्तमान में आंदोलनकारी किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के मन में भय पैदा करना जरूरी है और ये हमारी संवैधानिक कानूनी व्यवस्था है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा ने भी इस महीने की शुरुआत में, प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान की वसूली के लिए एक विधेयक पारित किया था। हालांकि, तब विपक्ष ने इस बिल सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी।

 

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