गुजरात दंगों के दौरान गैंग रेप की शिकार बिलकिस बानो केस के दोषी आईपीएस अफसर को गृह मंत्रालय ने उनके रिटायरमेंट से एक दिन पहले बर्खास्त कर दिया है। आईपीएस अफसर आरएस भगोरा को 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने कार्रवाई करते हुए 30 मई को उनको पद से हटा दिया। गुजरात सरकार के सीनियर अधिकारी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
द क्विंट हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात गृह विभाग के उप सचिव (पूछताछ) एम आर सोनी ने कहा, जब उनका बर्खास्तगी आदेश आया, तब भगोरा अहमदाबाद पुलिस के साथ पुलिस उपायुक्त (यातायात) के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, "राज्य के गृह विभाग ने 29 मई को भगोरा को सेवा से बर्खास्त करने का केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश मिला।"
गुजरात गृहविभाग के उपसचिव (पूछताछ) एआर सोनी ने कहा कि हमने 30 मई को भगोरा को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया था, जिसका मतलब यह है कि रिटायर होने से एक दिन पहले उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी भगोरा को 2006 में IPS कैडर में पदोन्नत किया गया था। बर्खास्त करने का मतलब है कि भगोरा को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की तरह फायदा नहीं मिलेगा।
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान गैंग रेप की शिकार बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये, नौकरी और घर देने का निर्देश दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सबूत मिटाने के लिए एक आईपीएस अफसर भगोरा को दो पद डिमोट करने की राज्य सरकार की सिफारिश को भी मान लिया था।
स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को बिलकिस बानो का रेप करने और उनके परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाले 11 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मामले में पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों समेत सात लोगों को छोड़ दिया गया था।
2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में फैले दंगों के दौरान अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था और 7 लोगों की हत्या कर दी थी। बिलकिस के साथ गैंग रेप किया गया था। उस वक्त वह 5 महीने की गर्भवती थीं। उनकी दो साल की बच्ची को पीट-पीट कर मार डाला गया था। उस वक्त बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी। इसके बाद वह लगातार न्याय के लिए लड़ रही थीं।
द क्विंट हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात गृह विभाग के उप सचिव (पूछताछ) एम आर सोनी ने कहा, जब उनका बर्खास्तगी आदेश आया, तब भगोरा अहमदाबाद पुलिस के साथ पुलिस उपायुक्त (यातायात) के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, "राज्य के गृह विभाग ने 29 मई को भगोरा को सेवा से बर्खास्त करने का केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश मिला।"
गुजरात गृहविभाग के उपसचिव (पूछताछ) एआर सोनी ने कहा कि हमने 30 मई को भगोरा को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया था, जिसका मतलब यह है कि रिटायर होने से एक दिन पहले उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी भगोरा को 2006 में IPS कैडर में पदोन्नत किया गया था। बर्खास्त करने का मतलब है कि भगोरा को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की तरह फायदा नहीं मिलेगा।
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान गैंग रेप की शिकार बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये, नौकरी और घर देने का निर्देश दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सबूत मिटाने के लिए एक आईपीएस अफसर भगोरा को दो पद डिमोट करने की राज्य सरकार की सिफारिश को भी मान लिया था।
स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को बिलकिस बानो का रेप करने और उनके परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाले 11 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मामले में पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों समेत सात लोगों को छोड़ दिया गया था।
2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में फैले दंगों के दौरान अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था और 7 लोगों की हत्या कर दी थी। बिलकिस के साथ गैंग रेप किया गया था। उस वक्त वह 5 महीने की गर्भवती थीं। उनकी दो साल की बच्ची को पीट-पीट कर मार डाला गया था। उस वक्त बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी। इसके बाद वह लगातार न्याय के लिए लड़ रही थीं।