देश की आजादी से पहले कृषि सुधारों की वकालत करने वाले सर छोटू राम के धेवते (पोते) और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है। जहां भाजपा खेमे में इसे बड़ी बगावत के तौर पर देखा जा रहा है वहीं किसान आंदोलन को इससे ताकत मिलती दिख रही है।
दरअसल चौधरी बीरेंद्र सिंह का हरियाणा की राजनीति में अच्छा खासा दखल है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह वर्तमान में हिसार से भाजपा के सांसद हैं। बृजेंद्र आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए थे।
आजादी के पहले से कृषि सुधारों की वकालत करने के लिए सर छोटू राम को किसानों का रहबरे आजम के तौर पर जाना जाता है। तो स्वतंत्रता से पहले किसानों के लिए साहूकारों से लड़ने वाले सर छोटू राम, खुद अपने समय के सबसे बड़े जाट नेता थे। किसान चिंतक प्रीतम चौधरी कहते हैं कि मंडी एक्ट और मंडी में 'टैक्स किसान की बजाय व्यापारी पर लगेगा', के दोनों कानून सर छोटू राम की ही देन हैं वही एमएसपी और एपीएमसी भी सर छोटू राम के ही कन्सेप्ट थे।
कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच विवाद में भाजपा के नेताओं के बगावती तेवर बहुत कुछ कहते हैं। इनमें ताजा नाम भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह का है, जिन्होंने झज्जर जिले के सांपला में किसानों के समर्थन में धरना शुरू कर दिया है। खास बात ये है कि धरने का आयोजन सर छोटू राम मंच के सदस्यों ने किया हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने राजनीतिक हलकों में यह कहकर हलचल पैदा कर दी है कि उनके लिए पार्टी और राजनीति से बढ़कर किसानों का हित है। उन्होंने कहा कि मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए तैयार था। अब किसानों के समर्थन में रोहतक में धरना देंगे।
बीरेंद्र सिंह का कहना है, “आप किसी से भी बात कर लें- कोई छात्र हो या महिला या मजदूर। सभी इस आंदोलन को लेकर चिंतित हैं और हल चाहते हैं। ठंड में किसान खुले में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की बात करना कोई पार्टी के खिलाफ नहीं है। इस मामले में संवाद होना चाहिए, जो लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान की बात करना मेरा धर्म है।
खास बात यह भी है कि उनके साथ दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) विधायक जोगीराम सिहाग भी धरना स्थल पर पहुंचे और किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जोगीराम सिहाग ने कहा कि मैं शुरू से ही कृषि कानूनों के विरोध में हूं जो भी किसान होगा वो इनका विरोध करेगा। सरकार से समर्थन लेने को लेकर मेरी पार्टी या दुष्यंत चौटाला क्या स्टैंड लेंगे ये उनका निजी मामला है। मगर कृषि कानूनों को लेकर मेरा स्टैंड साफ है कि मैं सरकार के साथ नहीं हूं।
दरअसल चौधरी बीरेंद्र सिंह का हरियाणा की राजनीति में अच्छा खासा दखल है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह वर्तमान में हिसार से भाजपा के सांसद हैं। बृजेंद्र आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए थे।
आजादी के पहले से कृषि सुधारों की वकालत करने के लिए सर छोटू राम को किसानों का रहबरे आजम के तौर पर जाना जाता है। तो स्वतंत्रता से पहले किसानों के लिए साहूकारों से लड़ने वाले सर छोटू राम, खुद अपने समय के सबसे बड़े जाट नेता थे। किसान चिंतक प्रीतम चौधरी कहते हैं कि मंडी एक्ट और मंडी में 'टैक्स किसान की बजाय व्यापारी पर लगेगा', के दोनों कानून सर छोटू राम की ही देन हैं वही एमएसपी और एपीएमसी भी सर छोटू राम के ही कन्सेप्ट थे।
कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच विवाद में भाजपा के नेताओं के बगावती तेवर बहुत कुछ कहते हैं। इनमें ताजा नाम भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह का है, जिन्होंने झज्जर जिले के सांपला में किसानों के समर्थन में धरना शुरू कर दिया है। खास बात ये है कि धरने का आयोजन सर छोटू राम मंच के सदस्यों ने किया हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने राजनीतिक हलकों में यह कहकर हलचल पैदा कर दी है कि उनके लिए पार्टी और राजनीति से बढ़कर किसानों का हित है। उन्होंने कहा कि मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए तैयार था। अब किसानों के समर्थन में रोहतक में धरना देंगे।
बीरेंद्र सिंह का कहना है, “आप किसी से भी बात कर लें- कोई छात्र हो या महिला या मजदूर। सभी इस आंदोलन को लेकर चिंतित हैं और हल चाहते हैं। ठंड में किसान खुले में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की बात करना कोई पार्टी के खिलाफ नहीं है। इस मामले में संवाद होना चाहिए, जो लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान की बात करना मेरा धर्म है।
खास बात यह भी है कि उनके साथ दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) विधायक जोगीराम सिहाग भी धरना स्थल पर पहुंचे और किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जोगीराम सिहाग ने कहा कि मैं शुरू से ही कृषि कानूनों के विरोध में हूं जो भी किसान होगा वो इनका विरोध करेगा। सरकार से समर्थन लेने को लेकर मेरी पार्टी या दुष्यंत चौटाला क्या स्टैंड लेंगे ये उनका निजी मामला है। मगर कृषि कानूनों को लेकर मेरा स्टैंड साफ है कि मैं सरकार के साथ नहीं हूं।