“वे मेरे पति को पुलिस चौकी ले गए, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया। हमने उनसे मिन्न्त की और कहा कि वह बीमार है और उसे दवा खाने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने हमारी एक भी नहीं सुनी।"
उत्तर प्रदेश के संभल कस्बे में सोमवार को पुलिस हिरासत में 35 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गई। नकासा थाना क्षेत्र के रत्ती पुलिस चौकी पर इरफान का शव मिला।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार और सैकड़ों स्थानीय लोगों ने पुलिस पर धोखाधड़ी और यातना का आरोप लगाते हुए इरफान की मौत का विरोध किया। हंगामे के बाद शांति बनाए रखने के लिए दो पुलिस थानों से सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
इरफान की मौत की खबर मिलने पर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शव देखने पहुंचे परिवार के लोगों का बुरा हाल है।
पीड़ित की पत्नी ने मीडिया से कहा, “वे मेरे पति को पुलिस चौकी ले गए, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया। हमने उनसे मिन्न्त की और कहा कि वह बीमार है और उसे दवा खाने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने हमारी एक भी नहीं सुनी।"
परिवार के अनुसार, इरफान का एक दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ था। उसे चार पुलिसकर्मी जबरन ले गए और दवा नहीं लेने दी।
पुलिस के अनुसार इरफान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
उसने कहा, "उन्होंने उसे अपनी जीप में धकेल कर बैठाया। अगर उसे दवा लेने दी जाती, तो वह आज जिंदा होता।"
पुलिस ने कहा कि इरफान की एक चाची ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने कुछ महीने पहले उससे उधार लिए गए पैसे वापस नहीं किए हैं।
मृतक की पत्नी रेशमा ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, "हमारी शादी को 22 साल हो गए हैं और हमारे पांच बच्चे हैं जो अब अनाथ हो गए हैं। उसकी चाची परिवार की मुखिया थी और इरफान ने उसे कुछ पैसे दिए थे। यह उसकी मौसी का बेटा था जिसने धोखा दिया, लेकिन पुलिस ने इरफान पर उससे पैसे लेने और वापस न करने का आरोप लगाया है।
संभल के एसपी ने मीडिया को बताया, "आज सुबह 11:30 बजे नखासा थाने की रईसत्ती पुलिस चौकी पर एक महिला ने आवेदन दिया कि उसका बेटा अरमान उसके साथ मारपीट करता है और घर के शेयर के 6 लाख रुपये इरफान के जरिए दिलवाए थे और अब वह पैसे वापस नहीं कर रहा है। मामले की जांच के लिए एक टीम उसके घर भेजी गई और उसे चौकी लाया गया। इरफान दवा लेना चाहता था जो दी गई, लेकिन उसने सीने में दर्द की शिकायत की और उसे उसके बेटे के साथ अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।"
इरफान के बेटे अफरान रजा ने आरोप लगाया, "पुलिस मेरे पिता को जबरदस्ती घर से ले गई, उन्होंने उन्हें दवा नहीं लेने दी।" पुलिस ने बताया कि इरफान और उसका बेटा कुछ ही मिनट के लिए चौकी में रुके थे और उन्हें समय पर दवाइयां दी गईं। परिवार ने उनके दावों को खारिज कर दिया है।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के लिए जब इरफान को ले जाया गया तो जो कुछ हुआ, इसकी जांच की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के संभल कस्बे में सोमवार को पुलिस हिरासत में 35 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गई। नकासा थाना क्षेत्र के रत्ती पुलिस चौकी पर इरफान का शव मिला।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार और सैकड़ों स्थानीय लोगों ने पुलिस पर धोखाधड़ी और यातना का आरोप लगाते हुए इरफान की मौत का विरोध किया। हंगामे के बाद शांति बनाए रखने के लिए दो पुलिस थानों से सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
इरफान की मौत की खबर मिलने पर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शव देखने पहुंचे परिवार के लोगों का बुरा हाल है।
पीड़ित की पत्नी ने मीडिया से कहा, “वे मेरे पति को पुलिस चौकी ले गए, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया। हमने उनसे मिन्न्त की और कहा कि वह बीमार है और उसे दवा खाने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने हमारी एक भी नहीं सुनी।"
परिवार के अनुसार, इरफान का एक दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ था। उसे चार पुलिसकर्मी जबरन ले गए और दवा नहीं लेने दी।
पुलिस के अनुसार इरफान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
उसने कहा, "उन्होंने उसे अपनी जीप में धकेल कर बैठाया। अगर उसे दवा लेने दी जाती, तो वह आज जिंदा होता।"
पुलिस ने कहा कि इरफान की एक चाची ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने कुछ महीने पहले उससे उधार लिए गए पैसे वापस नहीं किए हैं।
मृतक की पत्नी रेशमा ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, "हमारी शादी को 22 साल हो गए हैं और हमारे पांच बच्चे हैं जो अब अनाथ हो गए हैं। उसकी चाची परिवार की मुखिया थी और इरफान ने उसे कुछ पैसे दिए थे। यह उसकी मौसी का बेटा था जिसने धोखा दिया, लेकिन पुलिस ने इरफान पर उससे पैसे लेने और वापस न करने का आरोप लगाया है।
संभल के एसपी ने मीडिया को बताया, "आज सुबह 11:30 बजे नखासा थाने की रईसत्ती पुलिस चौकी पर एक महिला ने आवेदन दिया कि उसका बेटा अरमान उसके साथ मारपीट करता है और घर के शेयर के 6 लाख रुपये इरफान के जरिए दिलवाए थे और अब वह पैसे वापस नहीं कर रहा है। मामले की जांच के लिए एक टीम उसके घर भेजी गई और उसे चौकी लाया गया। इरफान दवा लेना चाहता था जो दी गई, लेकिन उसने सीने में दर्द की शिकायत की और उसे उसके बेटे के साथ अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।"
इरफान के बेटे अफरान रजा ने आरोप लगाया, "पुलिस मेरे पिता को जबरदस्ती घर से ले गई, उन्होंने उन्हें दवा नहीं लेने दी।" पुलिस ने बताया कि इरफान और उसका बेटा कुछ ही मिनट के लिए चौकी में रुके थे और उन्हें समय पर दवाइयां दी गईं। परिवार ने उनके दावों को खारिज कर दिया है।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के लिए जब इरफान को ले जाया गया तो जो कुछ हुआ, इसकी जांच की जाएगी।