पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री ने कहा- इस पर हमारा कंट्रोल नहीं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 20, 2021
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। आज लगातार 12वें दिन पेट्रोल और डीजल में भारी बढ़ोतरी हुई। तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों से जनता परेशान है और विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर और अहम मुद्दा है। केंद्र और राज्य सरकारों को उपभोक्ताओं को उचित स्तर पर खुदरा ईंधन उपलब्ध कराने के लिए बात करनी चाहिए।



सीतारमण ने कहा “यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें कीमत में कटौती के अलावा कोई भी उत्तर जनता को स्तुष्ट नहीं कर पाएगा। इसलिए वास्तविकता सामने लाने के लिए मैं जो भी कहूं, उससे लोग यही कहेंगे कि मैं उत्तर देने से बच रही हूं। इसलिए मैंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार का पेट्रोल की कीमत पर कोई नियंत्रण नहीं है, तेल कंपनियां कच्चे तेल का आयात करतीं हैं, रिफाइन करती हैं और वितरित करती हैं।”

शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 39 पैसे प्रति लीटर चढ़ कर 90.58 रुपये पर चला गया। डीजल भी 37 पैसे का छलांग लगा कर 80.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। इस समय लगभग हर शहरों में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई पर चल रहे हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के ऊपर चली गई है। तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस आज कई राज्यों में प्रदर्शन कर रही है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा  ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के राज में केवल महंगाई का विकास हो रहा है।

इस बीच ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने केंद्रीय करों में कटौती करके डीजल की कीमतों में तुरंत कमी करने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) में कटौती के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को तुरंत एडवाइजरी जारी करनी चाहिए और पूरे देश में डीजल की कीमत बराबर होनी चाहिए।' सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी मांग को पूरा करने के लिए सरकार को 14 दिन का समय दिया है। अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हमारे पास देशभर में रोड ट्रांसपोर्ट सर्विसेज रोकने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।
 

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