"जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने एक पूर्व छात्र नेता के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। नोकझोंक के बाद छात्रों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। इस दौरान आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग के बीच जमकर बवाल हुआ।"
Image: Amar Ujala
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला परिसर के पास विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने एक पूर्व छात्र नेता के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उनके साथ मारपीट की। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुल्हारी पुलिस बल के साथ परिसर पहुंचे और आक्रोशित छात्रों को शांत करने की कोशिश की। पूरे मामले में जहां प्रशासन हिंसा का कारण फीस वृद्धि बता रहा है तो वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर दावे किए जा रहे हैं कि सिक्योरिटी गार्डों द्वारा एक छात्र नेता पर कथित रूप से हमला किए जाने के बाद मामला उग्र हो गया और छात्र हिंसा पर उतर आए।
अमर उजाला के स्थानीय अंक के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई के बाद सोमवार को जमकर बवाल हुआ। उग्र भीड़ ने पथराव, तोड़फोड़ के साथ आगजनी की। कार्यालयों के दरवाजे-खिड़कियों के साथ ही दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए। दो बाइकें व जनरेटर फूंकने के साथ कैंटीन को भी आग के हवाले कर दिया। आरोप है कि सुरक्षा गार्डों ने छात्रों की पिटाई के साथ ही फायरिंग भी की। इसमें छात्रनेता व विवि के पांच छात्र जख्मी हुए हैं।
अखबार के अनुसार, बवाल पूर्व छात्रनेता व कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेकानंद पाठक से अभद्रता से शुरू हुआ। वह यूनियन हॉल के पास स्थित एसबीआई शाखा में जा रहे थे। आरोप है कि सुरक्षा गार्डों ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। इसे लेकर नोकझोंक हुई तो एक असिस्टेंट प्रोफेसर के बीचबचाव पर मामला शांत हो गया और विवेकानंद भीतर चले गए। आरोप है कि कुछ देर बाद बड़ी संख्या में गार्ड डंडे व लोहे की रॉड व असलहों से लैस होकर आए और छात्रों को पीटना शुरू कर दिया। निहत्थे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। आरोप है कि विरोध पर फायरिंग भी की गई। इसकी जानकारी पर बड़ी संख्या में छात्र जुट गए और उन्होंने पथराव करते हुए गार्डों को खदेड़ लिया। पथराव करते हुए आगे बढ़े छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक, रजिस्ट्रार समेत कई कार्यालयों के दरवाजे-खिड़कियां तोड़ दिए। पुलिस के खदेड़ने पर केंद्रीय पुस्तकालय की तरफ स्टैंड में खड़े शिक्षकों-कर्मचारियों के आठ वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए।
इसके साथ ही परिसर में खड़ी तीन और यूनियन भवन रोड व बैंक रोड पर एक-एक कारों में भी तोड़फोड़ की। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार कार्यालय के पास खड़ी दो बाइकें फूंक दीं। प्रॉक्टर कार्यालय के पास स्थित कैंटीन व जनरेटर में भी आग लगा दी। सूचना पर कमिश्नर रमित शर्मा, एडिशनल कमिश्नर आकाश कुलहरि, डीएम संजय खत्री डेढ़ दर्जन थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे और किसी तरह स्थिति नियंत्रित की।
यह हुए जख्मी
सुरक्षा गार्डों की पिटाई में छात्रनेता विवेकानंद पाठक का सिर फूट गया। इसके अलावा एमए के छात्र अभिषेक यादव का आरोप है कि वह फायरिंग में छर्रे लगने से घायल हुआ है। इसके अलावा छात्र हरेंद्र यादव, मंजीत पटेल, मुबस्सिर हारून, मसूद अंसारी भी जख्मी हुए हैं। इन सभी का मेडिकल कराया गया है।
स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। छात्रों को समझा दिया गया है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि निष्पक्ष कार्रवाई होगी। सीसीटीवी व वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी। - रमित शर्मा, पुलिस कमिश्नर
विवि एक दिन के लिए पूर्ण रूप से बंद
उधर बवाल के चलते इविवि प्रशासन ने 20 दिसंबर को विवि पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है। बता दें कि 17 दिसंबर से ही विवि में शीतकालीन अवकाश के चलते शिक्षण कार्य स्थगित है। लेकिन विभागीय कार्य संपादित किए जा रहे थे। हालांकि स्थिति को देखते हुए एक दिन के लिए विवि पूर्ण रूप से बंद करने की घोषणा की गई है।
बता दें कि आरोप के मुताबिक इलाहाबाद विवि परिसर में छात्रों ने आगजनी करने के साथ सुरक्षा गार्डों पर हमला भी बोला। इस घटना से जुड़े कुछ वीडिया भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। जिसमें उपद्रवी लोगों को पुलिस खदेड़ती नजर आ रही है। बता दें कि परिसर में खड़ी गाड़ियों को भी गुस्साए छात्रों ने अपना निशाना बनाया।
एक अध्यापक डॉक्टर विनम्रसेन सिंह ने आरोप लगाया कि उपद्रवी छात्रों को जिला प्रशासन काबू में नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि उपद्रवी लोगों ने विश्विविद्यालय परिसर में खड़ी मेरी गाड़ी पर पत्थर फेंके और शीशा तोड़ दिया। मैं अपनी ड्यूटी करने गया था लेकिन जब लौटकर आया तो देखा कि मेरी गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। बता दें कि इलाहाबाद विश्विविद्यालय परिसर में खड़ी एक बाइक और बुलेट को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर छाया मामला
छात्रों की पिटाई के बाद हुए बवाल की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त चर्चा रही। अमर उजाला की ही रिपोर्ट की मानें तो आलम यह रहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय सोमवार को ट्विटर के टॉप ट्रेंडिंग टॉपिकों में शामिल रहा। इस संबंध में कुल 5196 ट्वीट रात 12 बजे तक किए जा चुके थे। राज्यसभा सांसद और इविवि के पूर्व छात्र कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया। घटना से संबंधित वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि पंडित मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय जैसी विभूतियां देने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हाल यह है।
चीफ प्रॉक्टर की शह पर हमले का आरोप
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रों पर हुए हमले के मामले में छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि चीफ प्रॉक्टर की शह पर गार्डों ने छात्रों पर हमला किया। वहीं, छात्र संगठनों ने पूरे मामले में चीफ प्रॉक्टर और दोषी गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इविवि में बवाल के दौरान भी कई छात्र पुलिस अफसरों से कह रहे थे कि फीस वृद्धि और छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को दबाने के लिए चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार ने कई छात्रों के प्रवेश निरस्त कर दिए और कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। छात्रों ने आरोप लगाया कि गार्डों ने चीफ प्रॉक्टर के इशारे पर ही हमला किया है।
छात्र संगठनों ने की कार्रवाई की मांग
आइसा ने इस मामले की निंदा करते हुए चीफ प्रॉक्टर और इविवि के सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आइसा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कुलपति विश्वविद्यालय को बुलेट और बूट के दाम पर चलाना चाहती हैं, जिसे यहां के छात्र कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। आइसा की इविवि इकाई के सचिव मनीष कुमार ने छात्रों पर हुए जानलेवा हमने की निंदा की है।
दिशा छात्र संगठन ने भी छात्रों पर हुए हमले की निंदा की है और इसके लिए चीफ प्रॉक्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके निलंबन की मांग की है। संगठन के अविनाश ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन परिसर को पूरी तरह से कैदखाना में बदलने की कोशिश कर रहा है। मनमाने तरीके से दरवाजों पर ताला जड़ दिया जा रहा है। अगर हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अदील हमजा ने भी छात्रों पर हमले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छवि पर पड़ेगा बुरा असर : रीता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्रों की पिटाई के बाद हुए बवाल पर सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि घटना से विश्वविद्यालय की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। सांसद ने कहा कि छात्र विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन विवि प्रशासन की ओर से उनसे वार्ता नहीं की गई। यह वार्ता की गई होती तो शायद यह घटना न होती। सुरक्षा कर्मियों की ओर से फायरिंग करना भी गलत है। छात्रों की समस्या का समाधान सिर्फ वार्ता से ही किया जाना चाहिए। छात्रों का भी कर्तव्य है कि वह विश्वविद्यालय की संपत्ति की रक्षा करें, वहं तोड़फोड़ करना गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव कर रही है।
छात्रों की पिटाई का वीडियो भी सामने आया
घटना के कुछ देर बाद ही छात्रों की पिटाई का वीडियो भी सामने आ गया। इसमें यूनियन हाल गेट के पास सुरक्षागार्ड छात्रों पर लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान छात्र बचने के लिए इधर उधर भागते भी दिखाई दे रहे हैं। जिस वक्त यह घटना हुई, गेट बंद था। इसी दौरान बाहर मौजूद किसी शख्स ने मोबाइल से छात्रों की पिटाई का वीडियो बना लिया। इस दौरान वह यह कहता भी सुनाई दे रहा है कि देखिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में किस तरह छात्रों को पीटा जा रहा है। वीडियो में अगले ही पल कुछ युवक गेट खोलकर भीतर जाते और सुरक्षा गार्डों को ईंट-पत्थर मारकर खदेड़ते हुए भी नजर आते हैं।
Related:
Image: Amar Ujala
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला परिसर के पास विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने एक पूर्व छात्र नेता के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उनके साथ मारपीट की। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुल्हारी पुलिस बल के साथ परिसर पहुंचे और आक्रोशित छात्रों को शांत करने की कोशिश की। पूरे मामले में जहां प्रशासन हिंसा का कारण फीस वृद्धि बता रहा है तो वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर दावे किए जा रहे हैं कि सिक्योरिटी गार्डों द्वारा एक छात्र नेता पर कथित रूप से हमला किए जाने के बाद मामला उग्र हो गया और छात्र हिंसा पर उतर आए।
अमर उजाला के स्थानीय अंक के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई के बाद सोमवार को जमकर बवाल हुआ। उग्र भीड़ ने पथराव, तोड़फोड़ के साथ आगजनी की। कार्यालयों के दरवाजे-खिड़कियों के साथ ही दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए। दो बाइकें व जनरेटर फूंकने के साथ कैंटीन को भी आग के हवाले कर दिया। आरोप है कि सुरक्षा गार्डों ने छात्रों की पिटाई के साथ ही फायरिंग भी की। इसमें छात्रनेता व विवि के पांच छात्र जख्मी हुए हैं।
अखबार के अनुसार, बवाल पूर्व छात्रनेता व कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेकानंद पाठक से अभद्रता से शुरू हुआ। वह यूनियन हॉल के पास स्थित एसबीआई शाखा में जा रहे थे। आरोप है कि सुरक्षा गार्डों ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। इसे लेकर नोकझोंक हुई तो एक असिस्टेंट प्रोफेसर के बीचबचाव पर मामला शांत हो गया और विवेकानंद भीतर चले गए। आरोप है कि कुछ देर बाद बड़ी संख्या में गार्ड डंडे व लोहे की रॉड व असलहों से लैस होकर आए और छात्रों को पीटना शुरू कर दिया। निहत्थे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। आरोप है कि विरोध पर फायरिंग भी की गई। इसकी जानकारी पर बड़ी संख्या में छात्र जुट गए और उन्होंने पथराव करते हुए गार्डों को खदेड़ लिया। पथराव करते हुए आगे बढ़े छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक, रजिस्ट्रार समेत कई कार्यालयों के दरवाजे-खिड़कियां तोड़ दिए। पुलिस के खदेड़ने पर केंद्रीय पुस्तकालय की तरफ स्टैंड में खड़े शिक्षकों-कर्मचारियों के आठ वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए।
इसके साथ ही परिसर में खड़ी तीन और यूनियन भवन रोड व बैंक रोड पर एक-एक कारों में भी तोड़फोड़ की। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार कार्यालय के पास खड़ी दो बाइकें फूंक दीं। प्रॉक्टर कार्यालय के पास स्थित कैंटीन व जनरेटर में भी आग लगा दी। सूचना पर कमिश्नर रमित शर्मा, एडिशनल कमिश्नर आकाश कुलहरि, डीएम संजय खत्री डेढ़ दर्जन थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे और किसी तरह स्थिति नियंत्रित की।
यह हुए जख्मी
सुरक्षा गार्डों की पिटाई में छात्रनेता विवेकानंद पाठक का सिर फूट गया। इसके अलावा एमए के छात्र अभिषेक यादव का आरोप है कि वह फायरिंग में छर्रे लगने से घायल हुआ है। इसके अलावा छात्र हरेंद्र यादव, मंजीत पटेल, मुबस्सिर हारून, मसूद अंसारी भी जख्मी हुए हैं। इन सभी का मेडिकल कराया गया है।
स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। छात्रों को समझा दिया गया है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि निष्पक्ष कार्रवाई होगी। सीसीटीवी व वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी। - रमित शर्मा, पुलिस कमिश्नर
विवि एक दिन के लिए पूर्ण रूप से बंद
उधर बवाल के चलते इविवि प्रशासन ने 20 दिसंबर को विवि पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है। बता दें कि 17 दिसंबर से ही विवि में शीतकालीन अवकाश के चलते शिक्षण कार्य स्थगित है। लेकिन विभागीय कार्य संपादित किए जा रहे थे। हालांकि स्थिति को देखते हुए एक दिन के लिए विवि पूर्ण रूप से बंद करने की घोषणा की गई है।
बता दें कि आरोप के मुताबिक इलाहाबाद विवि परिसर में छात्रों ने आगजनी करने के साथ सुरक्षा गार्डों पर हमला भी बोला। इस घटना से जुड़े कुछ वीडिया भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। जिसमें उपद्रवी लोगों को पुलिस खदेड़ती नजर आ रही है। बता दें कि परिसर में खड़ी गाड़ियों को भी गुस्साए छात्रों ने अपना निशाना बनाया।
एक अध्यापक डॉक्टर विनम्रसेन सिंह ने आरोप लगाया कि उपद्रवी छात्रों को जिला प्रशासन काबू में नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि उपद्रवी लोगों ने विश्विविद्यालय परिसर में खड़ी मेरी गाड़ी पर पत्थर फेंके और शीशा तोड़ दिया। मैं अपनी ड्यूटी करने गया था लेकिन जब लौटकर आया तो देखा कि मेरी गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। बता दें कि इलाहाबाद विश्विविद्यालय परिसर में खड़ी एक बाइक और बुलेट को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर छाया मामला
छात्रों की पिटाई के बाद हुए बवाल की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त चर्चा रही। अमर उजाला की ही रिपोर्ट की मानें तो आलम यह रहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय सोमवार को ट्विटर के टॉप ट्रेंडिंग टॉपिकों में शामिल रहा। इस संबंध में कुल 5196 ट्वीट रात 12 बजे तक किए जा चुके थे। राज्यसभा सांसद और इविवि के पूर्व छात्र कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया। घटना से संबंधित वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि पंडित मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय जैसी विभूतियां देने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हाल यह है।
चीफ प्रॉक्टर की शह पर हमले का आरोप
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रों पर हुए हमले के मामले में छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि चीफ प्रॉक्टर की शह पर गार्डों ने छात्रों पर हमला किया। वहीं, छात्र संगठनों ने पूरे मामले में चीफ प्रॉक्टर और दोषी गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इविवि में बवाल के दौरान भी कई छात्र पुलिस अफसरों से कह रहे थे कि फीस वृद्धि और छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को दबाने के लिए चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार ने कई छात्रों के प्रवेश निरस्त कर दिए और कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। छात्रों ने आरोप लगाया कि गार्डों ने चीफ प्रॉक्टर के इशारे पर ही हमला किया है।
छात्र संगठनों ने की कार्रवाई की मांग
आइसा ने इस मामले की निंदा करते हुए चीफ प्रॉक्टर और इविवि के सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आइसा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कुलपति विश्वविद्यालय को बुलेट और बूट के दाम पर चलाना चाहती हैं, जिसे यहां के छात्र कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। आइसा की इविवि इकाई के सचिव मनीष कुमार ने छात्रों पर हुए जानलेवा हमने की निंदा की है।
दिशा छात्र संगठन ने भी छात्रों पर हुए हमले की निंदा की है और इसके लिए चीफ प्रॉक्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके निलंबन की मांग की है। संगठन के अविनाश ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन परिसर को पूरी तरह से कैदखाना में बदलने की कोशिश कर रहा है। मनमाने तरीके से दरवाजों पर ताला जड़ दिया जा रहा है। अगर हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अदील हमजा ने भी छात्रों पर हमले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छवि पर पड़ेगा बुरा असर : रीता
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्रों की पिटाई के बाद हुए बवाल पर सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि घटना से विश्वविद्यालय की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। सांसद ने कहा कि छात्र विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन विवि प्रशासन की ओर से उनसे वार्ता नहीं की गई। यह वार्ता की गई होती तो शायद यह घटना न होती। सुरक्षा कर्मियों की ओर से फायरिंग करना भी गलत है। छात्रों की समस्या का समाधान सिर्फ वार्ता से ही किया जाना चाहिए। छात्रों का भी कर्तव्य है कि वह विश्वविद्यालय की संपत्ति की रक्षा करें, वहं तोड़फोड़ करना गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव कर रही है।
छात्रों की पिटाई का वीडियो भी सामने आया
घटना के कुछ देर बाद ही छात्रों की पिटाई का वीडियो भी सामने आ गया। इसमें यूनियन हाल गेट के पास सुरक्षागार्ड छात्रों पर लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान छात्र बचने के लिए इधर उधर भागते भी दिखाई दे रहे हैं। जिस वक्त यह घटना हुई, गेट बंद था। इसी दौरान बाहर मौजूद किसी शख्स ने मोबाइल से छात्रों की पिटाई का वीडियो बना लिया। इस दौरान वह यह कहता भी सुनाई दे रहा है कि देखिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में किस तरह छात्रों को पीटा जा रहा है। वीडियो में अगले ही पल कुछ युवक गेट खोलकर भीतर जाते और सुरक्षा गार्डों को ईंट-पत्थर मारकर खदेड़ते हुए भी नजर आते हैं।
Related: