NRC लागू होने की आशंका से पश्चिम बंगाल में अफरा-तफरी, दो लोगों ने आत्महत्या की

Written by sabrang india | Published on: September 26, 2019
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू होने की आशंका के कारण कोलकाता और के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों लोग अपना जन्म प्रमाणपत्र और जरूरी दस्तावेज एकत्र करने के लिए सरकारी और निगम कार्यालयों में जुट रहे हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस सरकार कह चुकी है वह राज्य में एनआरसी की अनुमति नहीं देगी। इसके बावजूद लोगों में भय का माहौल है। 



भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों के नाम बाहर रह जाने के कारण लोगों के बीच दहशत फैल गई है और राज्य में इसकी वजह से कथित तौर पर अब तक छह से आठ लोगों की मौत होने की सूचना है। राज्य में एनआरसी लागू होने की अटकलों के बीच सैकड़ों लोग जन्म प्रमाण-पत्र और जरूरी दस्तावेज लेने और पश्चिम बंगाल के तमाम अन्य हिस्सों में सरकारी एवं नगर निगम कार्यालयों के बाहर कतार में खड़े देखे जा रहे हैं। टीएमसी सरकार की ओर से इसे लागू नहीं करने के आश्वासन के बावजूद लोग भाग-दौड़ कर रहे हैं।

द वायर ने समाचार एजेंसी का हवाला देते हुए लिखा है, पुलिस ने बताया कि उत्तर बंगाल के धूपगुड़ी और जलपाईगुड़ी से 25 वर्षीय एक युवक और 50 वर्षीय एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना है। पुलिस ने बताया कि दोनों मामलों में कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं किया जा सका है। पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मृतकों के परिजनों और पड़ोसियों ने दावा किया कि दोनों नागरिकता साबित करने वाले उचित दस्तावेज जमा नहीं कर पाने की आशंका के चलते तनाव में थे। हम दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं।’

सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि दो अन्य लोगों ने पुराने दस्तावेज न जुटा पाने के कारण खुदकुशी कर ली। इसके अलावा अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में अपने दस्तावेज लेने के लिए लाइन में खड़े रहने के दौरान चार लोगों की मौत बीमार पड़ने की वजह से होने की सूचना है। इस बीच बुधवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा में एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह निराशाजनक है कि राज्य में एनआरसी कराए जाने के डर से लोगों ने आत्महत्या की है।

दरअसल पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू किए जाने के संबंध में भाजपा नेताओं की ओर से लगातार दिए जा रहे बयान के कारण राज्य में दहशत का माहौल है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने पर जोर दिया था। बुधवार को ही भाजपा महासचिव और बंगाल में पार्टी के रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू किया जाएगा। वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार एनआरसी का विरोध कर रही हैं।

बहरहाल कोलकाता में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) मुख्यालय और अन्य संभागीय कार्यालय तथा राज्य के अन्य हिस्सों में बीडीओ कार्यालयों के बाहर मंगलवार को लंबी-लंबी कतारों में लोग भूमि और अन्य जरूरी दस्तावेज निकालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। केएमसी मुख्यालय के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे 75 वर्षीय अजित रे ने कहा, ‘मैं अपना जन्म प्रमाण-पत्र लेने के लिए केएमसी कार्यालय आया हूं क्योंकि बहुत पहले मैंने इसे खो दिया था। मैंने सुना है कि बंगाल में एनआरसी लागू होने की स्थिति में इस देश का नागरिक साबित करने के लिए हमें अपने जन्म प्रमाण पत्र चाहिए होंगे।’

केएमसी के भूमि अभिलेख विभाग के बाहर 55 वर्षीय विमल मंडल जमीन के कागजात निकालने आए थे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी और पंचायत कार्यालयों के बाहर की भी यही स्थिति है। दक्षिण 24 परगना जिले के 25 वर्षीय खलीक मुल्ला ने कहा, ‘इस देश में जन्म लेने, पलने-बढ़ने के बावजूद अगर हमें विदेशी घोषित कर दिया गया तो हम क्या करेंगे। इस देश में जन्म लेने के संबंध में अपने पिता का दस्तावेज मैं कहां से लाऊंगा।’

कोलकाता के मेयर और वरिष्ठ मंत्री फरहाद हाकिम ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम हर जगह लोगों से नहीं घबराने को कह रहे हैं। बंगाल में एनआरसी लागू नहीं की जाएगी। तृणमूल कांग्रेस सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी। जब तक तृणमूल कांग्रेस सरकार सत्ता में हैं एक भी व्यक्ति को नहीं छुआ जाएगा।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बीते सोमवार को भाजपा पर एनआरसी को लेकर दहशत फैलाने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह राज्य में एनआरसी की प्रक्रिया नहीं होने देंगी।

हालांकि प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में एनआरसी के संबंध में हिंदुओं के बीच दहशत फैलाने का आरोप लगाया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘राज्य में एनआरसी पर मौतों के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस ही जिम्मेदार होगी। हमने साफ कहा है कि दूसरे देशों से आने वाले हिंदुओं को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के अंतर्गत नागरिकता दी जाएगी और फिर घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी लागू की जाएगी।’

पश्चिम बंगाल में लागू होगा एनआरसी: कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा और एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा। बंगाल में भाजपा के रणनीतिकार विजयवर्गीय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का नाम लिए बिना कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता एनआरसी पर भ्रम फैला कर आम लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा, ‘भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी को लागू किया जाएगा लेकिन किसी भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा। प्रत्येक हिंदू को नागरिकता दी जाएगी।’ उन्होंने टीएमसी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘कुछ लोग हैं जो असत्य फैलाने और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’

पश्चिम बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को लोगों में इस डर को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य में एनआरसी कराया जाएगा। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह निराशाजनक है कि राज्य में एनआरसी कराए जाने के डर से लोगों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा, ‘बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं होगी।’ मुख्यमंत्री ने पहले भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं लागू होगा।

 

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