कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर से शुरू हुए आंदोलन को धार देने के लिए शनिवार को बड़ौत में खाप चौधरियों के नेतृत्व में किसानों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर कब्जा कर नया मोर्चा खोल दिया। चौरासी गांव की देश खाप ने इसका ऐलान किया था। जिले की चौबीसी खाप छपरौली, चौगामा खाप, लाकड़ा चौहान और राठी समेत अन्य खाप पंचायतों का समर्थन मिल जाने से किसानों की ताकत बढ़ेगी।
किसान आंदोलन के समर्थन में खाप चौधरियों के उतरने और दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर कब्जे और जाम के ऐलान के साथ ही लखनऊ तक हलचल मच गई है। खास बात ये है कि कृषि कानूनों का विरोध पंजाब व हरियाणा होते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ। सिंघु व टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब के किसान जमा हैं, जबकि यूपी गेट पर भाकियू और सहयोगी संगठन के किसान धरना दे रहे हैं।
पश्चिमी उप्र के किसान अभी दिल्ली के धरनों में शामिल हो ही रहे थे कि किसानों के आंदोलन को और अधिक ताकत देने के लिए शनिवार को बड़ौत में नया मोर्चा खोला गया है। देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि खाप के थांबेदारों के सुझाव पर आज से हाईवे जाम और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। इस निर्णय को जिले की दूसरी खाप पंचायतों का समर्थन है।
देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बड़ौत के आंदोलन को चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह, पंवार खाप के चौधरी धर्मवीर सिंह पंवार, धनकड़ खाप के प्रतिनिधि बिजेंद्र सिंह, लाकड़ा चौहान खाप के प्रतिनिधि धर्मपाल चेयरमैन, चौगामा खाप के चौ कृषपाल राणा ने समर्थन दिया है। इसके अलावा शामली की गठवाल व मुस्लिम खाप पंचायतों का भी समर्थन मिला है। शामली की गठवाल खाप के चौधरी हरिकिशन मलिक के बेटे राजेंद्र मलिक ने किसानों के साथ पहुंचकर समर्थन दिया। कहा अब किसान आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
किसानों का कहना है कि जब तक कृषि विरोधी तीनों कानून सरकार वापस नहीं लेती तब तक जाम और धरना हाईवे के बीच पर जारी रहेगा। देश खाप के चौधरी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह जाम व धरना देशखाप के सभी लोगों की सहमति पर लिया गया है और इसमें क्षेत्र की दांगी खाप, राठी खाप, चौहान खाप आदि भी समर्थन दे रही हैं और सभी खापों के चौधरी जाम स्थल पर पहुंचे हैं। उधर, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर धरना दे रहे कई किसान हाथ में गन्ना लेकर पहुंच गए। गन्ने को हाईवे पर रखकर किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए विरोध जारी रखने का ऐलान किया।
किसान आंदोलन के समर्थन में खाप चौधरियों के उतरने और दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर कब्जे और जाम के ऐलान के साथ ही लखनऊ तक हलचल मच गई है। खास बात ये है कि कृषि कानूनों का विरोध पंजाब व हरियाणा होते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ। सिंघु व टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब के किसान जमा हैं, जबकि यूपी गेट पर भाकियू और सहयोगी संगठन के किसान धरना दे रहे हैं।
पश्चिमी उप्र के किसान अभी दिल्ली के धरनों में शामिल हो ही रहे थे कि किसानों के आंदोलन को और अधिक ताकत देने के लिए शनिवार को बड़ौत में नया मोर्चा खोला गया है। देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि खाप के थांबेदारों के सुझाव पर आज से हाईवे जाम और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। इस निर्णय को जिले की दूसरी खाप पंचायतों का समर्थन है।
देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बड़ौत के आंदोलन को चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह, पंवार खाप के चौधरी धर्मवीर सिंह पंवार, धनकड़ खाप के प्रतिनिधि बिजेंद्र सिंह, लाकड़ा चौहान खाप के प्रतिनिधि धर्मपाल चेयरमैन, चौगामा खाप के चौ कृषपाल राणा ने समर्थन दिया है। इसके अलावा शामली की गठवाल व मुस्लिम खाप पंचायतों का भी समर्थन मिला है। शामली की गठवाल खाप के चौधरी हरिकिशन मलिक के बेटे राजेंद्र मलिक ने किसानों के साथ पहुंचकर समर्थन दिया। कहा अब किसान आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
किसानों का कहना है कि जब तक कृषि विरोधी तीनों कानून सरकार वापस नहीं लेती तब तक जाम और धरना हाईवे के बीच पर जारी रहेगा। देश खाप के चौधरी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह जाम व धरना देशखाप के सभी लोगों की सहमति पर लिया गया है और इसमें क्षेत्र की दांगी खाप, राठी खाप, चौहान खाप आदि भी समर्थन दे रही हैं और सभी खापों के चौधरी जाम स्थल पर पहुंचे हैं। उधर, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर धरना दे रहे कई किसान हाथ में गन्ना लेकर पहुंच गए। गन्ने को हाईवे पर रखकर किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए विरोध जारी रखने का ऐलान किया।