उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव कई बार आचार संहिता का उल्लंघन न करने हिदायत दे चुकी है. लेकिन इसके बावजूद उनपर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है. चुनाव आयोग ने मेरठ में एक रैली के दौरान ‘अली’ और ‘बजरंगबली’ वाली टिप्पणी करने को लेकर गुरुवार को फिर योगी आदित्यनाथ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
आयोग का मानना है कि प्रथम दृष्टया योगी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. आयोग ने उनसे शुक्रवार की शाम तक जवाब देने को कहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में अहम शख्सियत ‘अली’ और हिंदू देवता ‘बजरंगबली’ के बीच मुकाबले से की थी.
योगी ने कहा था, ‘अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली पर विश्वास है.’ योगी ने देवबंद में बसपा प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी.
योगी ने कहा था, ‘जब गठबंधन के नेताओं को अली पर विश्वास है और वे अली-अली कर रहे हैं तो हम भी बजरंगबली के अनुयायी हैं और हमें बजरंगबली पर विश्वास है.’ यह पहला मौका नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने अली-बजरंगबली को लेकर कोई बयान दिया है. इससे पहले पिछले साल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ने ऐसा ही बयान दिया था.
आयोग का मानना है कि प्रथम दृष्टया योगी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. आयोग ने उनसे शुक्रवार की शाम तक जवाब देने को कहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम में अहम शख्सियत ‘अली’ और हिंदू देवता ‘बजरंगबली’ के बीच मुकाबले से की थी.
योगी ने कहा था, ‘अगर कांग्रेस, सपा, बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली पर विश्वास है.’ योगी ने देवबंद में बसपा प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी.
योगी ने कहा था, ‘जब गठबंधन के नेताओं को अली पर विश्वास है और वे अली-अली कर रहे हैं तो हम भी बजरंगबली के अनुयायी हैं और हमें बजरंगबली पर विश्वास है.’ यह पहला मौका नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने अली-बजरंगबली को लेकर कोई बयान दिया है. इससे पहले पिछले साल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ने ऐसा ही बयान दिया था.