पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दरबार शुरू होने से पहले महाराष्ट्र पुलिस ने आयोजकों को भेजा नोटिस

Written by sabrang india | Published on: March 19, 2023
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के 18-19 मार्च को मीरा-भायंदर इलाके में होने वाले कार्यक्रम का कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने विरोध किया था इसके बावजूद कार्यक्रम को नहीं रोका गया। इस बीच कार्यक्रम के आयोजकों को मुंबई पुलिस ने दिशानिर्देश जारी करते हुए नोटिस भेजा है। 



आज से मुंबई में बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दो दिवसीय दरबार शुरू हो गया है। लेकिन दरबार शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले मीरा रोड़ पुलिस ने दिव्य दरबार के आयोजकों को  CrPC-149 का नोटिस भेज दिया है। 



इस नोटिस में मीरा रोड पुलिस की तरफ से कहा गया है कि, 'कार्यक्रम में लोगों की भारी उम्मीद उमड़ सकती है ऐसे में वहां की कानून व्यवस्था बनाए रखना आयोजकों की जिम्मेदारी होगी। बाबा बागेश्वर इसके पहले भी संत तुकाराम महाराज जी के बारे में बोल चुके हैं। ऐसी कोई बयानबाजी न की जाए जिससे कि लोगों की भावना आहत हो, इसका भी ख्याल आयोजकों को रखना होगा।'

बता दें कि बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले काफी समय से चर्चा में हैं। वह देश भर के शहरों में सत्संग कार्यक्रम कर रहे हैं। वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अभियान भी चला रहे हैं जो कि पूरी तरह असंवैधानिक वक्तव्य है। इस सत्संग के अगले क्रम में 18-19 मार्च को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम मुंबई में हो रहा है। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का विरोध करने का फैसला किया था।

महाराष्ट्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस आयोजन के खिलाफ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि मुंबई से सटे मीरा-भायंदर इलाके में बाबा बागेश्वर धाम के कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।  

बता दें कि महाराष्ट्र के इसी इलाके में हिंदू जन आक्रोश मोर्चा की रैलियां हुई थीं जिसमें विभाजनकारी व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले भाषण दिए गए। यहां दशकों से सद्भाव से रह रहे लोगों को यह रास नहीं आया और उन्होंने इस तरह के आयोजनों की निंदा की व पुलिस से शिकायत की है। वे इस तरह की रैलियों में हेट स्पीच देने वाले दक्षिणपंथी हेट मोंगर्स पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। 

अब यह देखना बाकी है कि क्या महाराष्ट्र सरकार धीरेंद्र शास्त्री के बयानों पर नजर बनाए रखेगी या जो हो रहा है वह सरलता से होने देगी। 

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