हेट स्पीच: बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा के बारे में दिया विवादित बयान, कार्रवाई की मांग

Written by sabrang india | Published on: April 3, 2023
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और बीजेपी नेता राधाकृष्ण विक्खे पाटिल ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि शास्त्री के खिलाफ क्रिमिनल कंप्लेंट होनी चाहिए और उनके खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना बयान को लेकर एक्शन भी लिया जाए।



 बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं। गत महीने उनके मीरा भायंदर में कार्यक्रम को लेकर विवाद हुआ था। इससे पहले वे अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा चेलैंज किए जाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे अब उन्होंने महाराष्ट्र स्थित शिरडी वाले साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया है जिससे विवाद खड़ा हो गया है। 

साईं बाबा को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि वह (साईं बाबा) संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं, मगर भगवान नहीं हो सकते। यह कहना कंट्रोवर्सी हो जाएगी पर गीदड़ की खाल पहनने से कोई शेर नहीं बन जाता। शास्त्री की इस टिप्पणी को लेकर शरद पवार की एनसीपी ने साईं बाबा के अपमान का आरोप लगाया, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भड़कते हुए बागेश्वर वाले बाबा पर एक्शन की मांग उठाई।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है, क्योंकि वह हमारे धर्म के प्रधानमंत्री हैं। कोई भी संत...चाहे हमारे धर्म के हों या फिर कोई और हों (तुलसीदास या सूरदास भी)...वे संत, महापुरुष, युगपुरुष और कल्पपुरुष हो सकते हैं, मगर भगवान नहीं हैं।"

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, लोगों की अपनी-अपनी निजी आस्थाएं हैं और हम किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं। इतना कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं, मगर भगवान नहीं हो सकते । अब आपने कहा कि हिंदू धर्म और वैदिक धर्म से होती है...देखो भाई, यह बोलना बड़े विवाद का विषय हो जाएगा मगर यह बोलना भी जरूरी है कि गीदड़ की खाल पहन लेने से कोई शेर नहीं हो जाता है।

वीडियो यहां देखा जा सकता है:



पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले सूबे के कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विक्खे पाटिल ने शास्त्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा- उन्हें बाबा पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है? अगर उन्हें किसी खास धर्म या संगठन के लिए कैंपेन करना है, तब वह अपनी चार-दीवारी में रहकर यह काम करें, पर ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दे सकते हैं।

उधर, शिंदे-फणडवीस सरकार पर निशाना साधते हुए जितेंद्र आह्वाड ने कहा, "महाराष्ट्र में हर किसी को महापुरुषों का अपमान करने दिया जा रहा है। जिसे जो बोलना है, वह बोल रहा है...।" इस बीच, एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील बोले- साईं के करोड़ों भक्त हैं। बाबा पर इस तरह की टिप्पणी से बचा जाना चाहिए। शास्त्री पर सही एक्शन हो...इन बाबाओं का भविष्य में क्या होता है, यह सभी को पता है।

बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री हिंदुत्वादी चरमपंथियों की पसंद रहे हैं क्योंकि वे अकसर भड़काऊ भाषण के जरिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित विपक्षी नेता भी उनकी शरण में जाकर आशीर्वाद लेते नजर आ चुके हैं। हालांकि पिछले महीने ही उनके भाई पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ तो उन्होंने उस विवाद से खुद को अलग कर लिया था और संवैधानिक प्रक्रिया के आगे उनका राजनीतिक सम्पर्क भी काम नहीं आया। 

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