CBI विवादः दिल्ली हाईकोर्ट ने दी आलोक वर्मा को अस्थाना केस डायरी के निरीक्षण की इजाजत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 28, 2018
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और ज्वाइंट डायरेक्टर एके शर्मा को सीवीसी में स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ दायर एफआईआर की केस डायरी का निरीक्षण करने की इजाजत दे दी है।



जस्टिस नाजिम वजीरी ने ये आदेश आलोक वर्मा और एके शर्मा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया। वर्मा के वकील ने कहा था कि अस्थाना की याचिका में उनके खिलाफ बदनीयती से आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि आलोक वर्मा के वकील गुरूवार को यानि 29 नवंबर को शाम 4.30 बजे सीवीसी जाकर केस डायरी का निरीक्षण कर सकते हैं। इस दौरान सीबीआई के एसपी सतीश डागर वहां मौजूद रहेंगे।

वहीं, कोर्ट ने राकेश अस्थाना के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर लगी रोक 7 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले कोर्ट ने यह रोक आज तक के लिए बढ़ाई थी। 

सुनवाई के दौरान ज्वाइंट डायरेक्टर एके शर्मा ने राकेश अस्थाना के केस से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपे। 19 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर विस्तार से सुनवाई नहीं की थी क्योंकि राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार की एफआईआर निरस्त करने की याचिका की प्रति सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को तामील नहीं हो पाई थी।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में राकेश अस्थाना द्वारा आलोक वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट आलोक वर्मा द्वारा केंद्र सरकार के 23 अक्टूबर के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) सुप्रीम कोर्ट जज एके पटनायक की निगरानी में आलोक वर्मा पर लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते में पूरी करे।

हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर ही इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया।

दोनों अफसरों के बीच का झगड़ा सार्वजनिक हो गया तो केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही अस्थाना के ख़िलाफ जांच कर रहे 13 सीबीआई अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था। इसके अलावा वर्मा की जगह पर एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया।  

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