दिल्ली हिंसा पर हाई कोर्ट ने कहा- 1984 रिपीट नहीं होने देंगे, दिशा निर्देश जारी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 26, 2020
नई दिल्ली। दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्सों में दंगों में घायल हुए लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दिशा- निर्देश जारी किए हैं।
 


जस्टिस आर मुरलीधर की पीठ ने इस दौरान टिप्पणी करते हुए कहा, "इस कोर्ट के रहते दिल्ली में फिर से '1984' नहीं होने दिया जा सकता। पीठ ने कहा कि ये समय लोगों में भरोसा दिलाने का है। लोगों में मन में डर खत्म करने के लिए अधिकारी पीड़ितों से जाकर मिलें। अदालत ने जुबैदा बेगम को एमिक्स क्यूरी भी नियुक्त किया है।

हाईकोर्ट ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिन लोगों की मृत्यु हो गई है उनके लिए सुरक्षित मार्ग और यह आश्वासन हो कि उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ हो। पीठ ने तुरंत हेल्पलाइन स्थापित करने और उन्हें प्रचारित करने को कहा है। पुलिस को समय पर पहुंचने और पर्याप्त निजी एम्बुलेंस के लिए सुरक्षित मार्ग एम्बुलेंस सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

पीठ ने कहा कि यदि पर्याप्त आश्रय स्थल नहीं हैं , तो सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर निपटना चाहिए कि पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थल स्थापित किए जा सकें। इन आश्रय स्थलों में, कंबल, दवाइयां, स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल सहित बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। न्यायालय ने जिला कानूनी सेवाओं के अधिकारियों के विभिन्न सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पीड़ितों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी हेल्पलाइन कम से कम अगले दो सप्ताह तक 24x7 काम करें।

पीठ ने दंगा पीड़ितों की मदद के लिए मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान के निदेशक को पर्याप्त संख्या में पेशेवरों को प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं। पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। दरअसल इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के आवास पर मंगलवार रात 12.30 बजे एक आपातकालीन मध्यरात्रि सुनवाई हुई।
 
यह याचिका सुविधाओं की कमी वाले छोटे अस्पताल मुस्तफाबाद के अल हिंद अस्पताल से गंभीर रूप से घायल पीड़ितों को दिलशाद गार्डन में जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए थी।

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