यूपी के रायबरेली में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

Written by sabrang india | Published on: October 6, 2025
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने दावा किया कि हमलावर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थक थे।



उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 38 वर्षीय एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। पुलिस ने कहा है कि यह घटना "ड्रोन चोरों" की दहशत के कारण हुई है। पुलिस का कहना है कि यह घटना उन अफवाहों के कारण हुई है जिनमें कहा गया था कि कुछ लोग घरों से सामान चुराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

फतेहपुर निवासी 38 वर्षीय हरिओम नाम के दलित व्यक्ति की कुछ लोगों द्वारा पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद सहित कई नेताओं ने इस अपराध के एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए रविवार को दावा किया कि पीट-पीटकर हत्या करने वाली भीड़ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थक शामिल थे। मोहम्मद ने X पर लिखा, "जब उन्होंने बार-बार 'राहुल गांधी' कहा, तो उन अपराधियों ने दावा किया कि वे योगी के समर्थक थे।"

उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार, दोनों से सवाल करते हुए कहा, "भाजपा सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है।"

सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है जिसमें कुछ लोग फतेहपुर निवासी हरिओम नाम के दलित व्यक्ति की पिटाई करते दिख रहे हैं।

मानसिक रूप से विक्षिप्त बताए जा रहे इस व्यक्ति को "राहुल गांधी" जैसे कुछ शब्द कहते हुए कमजोर आवाज में सुना जा सकता है।

इसके बाद वे लोग हंसते हैं और उसे पीटना जारी रखते हैं। वे हिंदी में कहते हैं, "यहां सब लोग बाबा के साथ हैं।" कांग्रेस इसे योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में ले रही है।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शनिवार को रायबरेली में हरिओम को "ड्रोन चोर" समझकर उसकी कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि हरिओम दांडेपुर जमुनापुर स्थित अपने ससुराल जा रहा था, तभी भीड़ ने उसे घेर लिया और उस पर चोरी के लिए ड्रोन से घरों को चिन्हित करने वाले गिरोह का सदस्य होने का आरोप लगाया।

उसे बेल्ट और लाठियों से पीटा गया और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।

रायबरेली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. यशवीर सिंह ने गिरफ्तारियों की पुष्टि की और कहा कि ऊंचाहार थाना प्रभारी (एसएचओ) संजय कुमार का लापरवाही के आरोप में तबादला कर दिया गया है। डॉ. सिंह ने पीटीआई को बताया, "स्थानीय पुलिस को पता था कि इलाके में अफवाहें फैल रही हैं।"

चोरों द्वारा ड्रोन से घरों को चिन्हित करने की अफवाहें जंगल में आग की तरह फैल गई हैं। ये अब जानलेवा हो गई हैं और थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

पहले भी हो चुकी हैं दलितों के खिलाफ बर्बरता

बता दें कि हाल ही में यूपी के बांदा में 'राम-राम' न कहने पर ऊंची जाति के लोगों ने कथित तौर पर दो दलित बुजुर्गों पर हमला किया।

उत्तर प्रदेश के फतेहगंज थाना क्षेत्र के जबरापुर गांव में 30 सितंबर को अनुसूचित जाति के दो बुज़ुर्गों, भगत वर्मा (60) और कल्लू श्रीवास (70) पर ऊंची जाति के लोगों ने कथित तौर पर लाठी-डंडों और चाकू से हमला कर दिया। आरोप था कि यह हमला तब हुआ जब पीड़ितों ने खड़े होकर हमलावरों को "राम-राम" नहीं कहा। हमलावरों ने कथित तौर पर जातिसूचक गालियां दीं और एक बुज़ुर्ग से 500 रुपये छीन लिए।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब पीड़ित अपने खेतों में काम कर रहे थे। भगत को लाठियों से पीटा गया और बीच-बचाव करने की कोशिश करने पर कल्लू पर चाकू से हमला किया गया। आस-पास के ग्रामीणों ने हस्तक्षेप नहीं किया और हमलावर धमकाकर वहां से भाग निकले। भगत के बेटे गंगाराम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

ज्ञात हो कि बीते हफ्ते शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल के एक 12 वर्षीय दलित लड़के ने कथित तौर पर पड़ोसी द्वारा अपमानित किए जाने और गौशाला में बंद कर दिए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। पुलिस ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के चाचा सुरेश बंता के अनुसार, बच्चा एक ऊंची जाति के पड़ोसी के घर गया था, तभी एक महिला ने उसे पकड़ लिया और उस पर उसके घर को अपवित्र करने का आरोप लगाया। बंता ने बताया, "उसने उसे एक गौशाला में बंद कर दिया। बाद में, उसने लड़के से कहा कि उसके माता-पिता को घर की शुद्धि के लिए उसे एक बकरा देना होगा।" लड़का किसी तरह बचकर घर लौटा, जहां उसने जहर खा लिया। उसे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन एक दिन बाद उसकी मौत हो गई।

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