मध्य प्रदेश में दलित परिवार को दुर्गा पूजा पंडाल में पूजा करने से रोका गया

Written by sabrang india | Published on: September 27, 2025
"खेत से लौटने के बाद, मुझे मेहरबान सिंह ठाकुर ने रोक लिया और मुझ पर उनके खिलाफ शिकायत करने का आरोप लगाया। बाद में, जब मैं दान देने पंडाल में गया, तो नरेश ठाकुर और नारायण यादव ने मुझे जातिसूचक गालियां दीं और मेरा दान लेने से इनकार कर दिया। जब मेरे भतीजे ने दान देने की कोशिश की, तो उन्होंने उसे मंच से धक्का दे दिया।"


साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक दलित परिवार को सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल में पूजा करने से कथित तौर पर रोका गया। घटना का वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद आक्रोश फैल गया।

मामला छपारा थाना क्षेत्र के सड़क सिवनी गांव का है। शिकायत के अनुसार, दिहाड़ी मजदूर श्यामलाल अहिरवार बुधवार शाम अपनी पत्नी और बेटे के साथ दुर्गा चौक स्थित पंडाल में पूजा-अर्चना करने गए थे। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि वे वहां पूजा नहीं कर सकते।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अहिरवार ने आरोप लगाया, "खेत से लौटने के बाद, मुझे मेहरबान सिंह ठाकुर ने रोक लिया और मुझ पर उनके खिलाफ शिकायत करने का आरोप लगाया। बाद में, जब मैं दान देने पंडाल में गया, तो नरेश ठाकुर और नारायण यादव ने मुझे जातिसूचक गालियां दीं और मेरा दान लेने से इनकार कर दिया। जब मेरे भतीजे ने दान देने की कोशिश की, तो उन्होंने उसे मंच से धक्का दे दिया।"

घटनास्थल से एक वीडियो में एक बुज़ुर्ग व्यक्ति लाठी लिए हुए परिवार को धमकाता हुआ दिखाई दे रहा है। यह क्लिप तेजी से वायरल हो गई, जिसकी आलोचना हुई और क्षेत्र में जारी जातिगत भेदभाव उजागर हुआ।

पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने पुष्टि की है कि तीन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा, "मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ़्तारियां की जाएंगी।"

ज्ञात हो कि दलित लोगों के साथ इस तरह की कोई अकेली घटना नहीं है। हाल ही में राजस्थान में सरदारशहर के साडासर गांव में जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया जहां भागवत कथा के बाद दर्शन को पहुंचे युवकों से मारपीट की गई। वीडियो वायरल होने पर FIR दर्ज किया गया।

चारू जिले की सरदारशहर तहसील में स्थित सादासर गांव के मंदिर में प्रवेश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। बताया गया कि दलित समुदाय के कुछ युवाओं को मंदिर में प्रवेश से न केवल रोका गया बल्कि उनके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट भी की गई। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना उस समय हुई जब गांव में आयोजित एक भागवत कथा के समापन पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। शोभायात्रा के बाद, 19 वर्षीय कानाराम मेघवाल अपने दोस्त संदीप, मुकेश, विष्णु और कालूराम के साथ गांव के ठाकुरजी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। पीड़ित कानाराम द्वारा दर्ज कराई गई FIR के अनुसार, मंदिर परिसर में पहले से मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें जाति का हवाला देकर रोक लिया।

शिकायत के अनुसार, जब दलित समुदाय के युवकों ने मंदिर में प्रवेश से रोके जाने और भेदभाव का विरोध किया, तो आरोपियों - सुरजदास स्वामी, शंकरलाल, हिम्मत कुमार और अनिल - ने उनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने कथित रूप से युवकों के साथ थप्पड़ और मुक्कों से मारपीट की। पीड़ित कानाराम का आरोप था कि शंकरलाल ने उनके हाथ पर डंडे से वार किया, जिससे वह घायल होकर गिर पड़े। दर्ज एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि आरोपी भीड़ के सामने चिल्ला-चिल्लाकर धमकी दे रहे थे कि "किसी भी दलित को मंदिर में घुसने नहीं दिया जाएगा।"

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