इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर लिंचिंग होने के डर से अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए हैं। इतिहास विभाग के दलित असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन (40) ने कहा कि अगस्त में वायरल हुए एक वीडियो में कुछ टिप्पणियों को लेकर पिछले दिनों कैंपस के छात्रों के समूह ने उनका घेराव किया था और उन्हें धमकी दी थी, जिसके बाद वह लिंचिंग होने के डर छुट्टी पर चले गए।
यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने वायरल हुए इस वीडियो में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विक्रम को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जिस पर प्रोफेसर को जवाब दाखिल करना बाकी है। वहीं, आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने भी इस वीडियो को लेकर प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है।
प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ शिकायत करने वालों का आरोप है कि वायरल हो रहे वीडियो में विक्रम ने कथित रूप से हिंदू भगवान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। हालांकि, 20 अगस्त को वायरल हुए 2.3 मिनट के वीडियो को लेकर विक्रम का कहना है कि यह वीडियो दो साल पुराना 14 अप्रैल, 2017 का है और इसमें बीआर अंबेडकर की जयंती के दौरान दिए गए भाषण के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है। इस मौके पर कैंपस के बाहर एक छोटा सा मिलन समारोह रखा गया था, जिसमें मैंने यह समझाने के लिए एक घटना का जिक्र किया था कि हम कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ सकते हैं और भाग्य पर निर्भर नहीं हैं। मैं अपने बयान के माध्यम से तर्कसंगतता को बढ़ावा देना चाहता था।
प्रोफेसर विक्रम ने शनिवार को एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि दरअसल यह वीडियो उस घटना के बाद वायरल हुआ जब रिसर्च के एक स्कॉलर रणजीत ने मुझे परेशान करने के लिए 14 अप्रैल, 2017 के वीडियो को संपादित और प्रसारित किया, क्योंकि मैंने उसके खिलाफ मुख्य प्रॉक्टर और कुलपति से शिकायत की और कहा था कि एक छात्र के रूप में उसका आचरण असंतोषजनक है। मैंने यह भी कहा कि रणजीत मुझे ब्लैकमेल कर रहा है क्योंकि मैंने उसके साथ अपने निजी जीवन के बारे में चर्चा की थी।
एडिट किए गए वीडियो के वायरल होने के बाद छात्रों के एक समूह ने मुझे निशाना बनाना शुरू कर दिया। 26 अगस्त को एबीवीपी के छात्रों ने मुझे परिसर में घेरा और मुझे वीडियो में इस तरह की टिप्पणी करने के लिए धमकाया। उस दौरान मैं एक सुरक्षा गार्ड की मदद से बच गया। उन्होंने कहा कि उन्हें धमकी भले फोन भी आ रहे हैं। इस डर से उन्होंने 26 अगस्त के बाद यूनिवर्सिटी जाना बंद कर दिया है।
विक्रम ने कहा कि इस घटना के बाद मैंने अपने विभाग के प्रमुख योगेश्वर तिवारी को छुट्टी का आवेदन भेजा। मेरी छुट्टी आज समाप्त हो रही है, इसलिए मैं इसे बढ़ाने के लिए एक और ई-मेल भेज रहा हूं। मैंने एक छात्र के माध्यम से मुख्य प्रॉक्टर और वाइस-चांसलर को पत्र भेजा था, जिसमें मैंने लिखा कि मेरी जान को खतरा हो सकता है और कैंपस में खलबली मच सकती है।
वहीं, वीडियो पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एनके. शुक्ला ने विक्रम को एक नोटिस भेजकर तीन दिनों में जवाब मांगा। विक्रम ने इस नोटिस पर जवाब देने के लिए रजिस्ट्रार से कुछ और समय मांगा।
यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने वायरल हुए इस वीडियो में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विक्रम को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जिस पर प्रोफेसर को जवाब दाखिल करना बाकी है। वहीं, आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने भी इस वीडियो को लेकर प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है।
प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ शिकायत करने वालों का आरोप है कि वायरल हो रहे वीडियो में विक्रम ने कथित रूप से हिंदू भगवान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। हालांकि, 20 अगस्त को वायरल हुए 2.3 मिनट के वीडियो को लेकर विक्रम का कहना है कि यह वीडियो दो साल पुराना 14 अप्रैल, 2017 का है और इसमें बीआर अंबेडकर की जयंती के दौरान दिए गए भाषण के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है। इस मौके पर कैंपस के बाहर एक छोटा सा मिलन समारोह रखा गया था, जिसमें मैंने यह समझाने के लिए एक घटना का जिक्र किया था कि हम कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ सकते हैं और भाग्य पर निर्भर नहीं हैं। मैं अपने बयान के माध्यम से तर्कसंगतता को बढ़ावा देना चाहता था।
प्रोफेसर विक्रम ने शनिवार को एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि दरअसल यह वीडियो उस घटना के बाद वायरल हुआ जब रिसर्च के एक स्कॉलर रणजीत ने मुझे परेशान करने के लिए 14 अप्रैल, 2017 के वीडियो को संपादित और प्रसारित किया, क्योंकि मैंने उसके खिलाफ मुख्य प्रॉक्टर और कुलपति से शिकायत की और कहा था कि एक छात्र के रूप में उसका आचरण असंतोषजनक है। मैंने यह भी कहा कि रणजीत मुझे ब्लैकमेल कर रहा है क्योंकि मैंने उसके साथ अपने निजी जीवन के बारे में चर्चा की थी।
एडिट किए गए वीडियो के वायरल होने के बाद छात्रों के एक समूह ने मुझे निशाना बनाना शुरू कर दिया। 26 अगस्त को एबीवीपी के छात्रों ने मुझे परिसर में घेरा और मुझे वीडियो में इस तरह की टिप्पणी करने के लिए धमकाया। उस दौरान मैं एक सुरक्षा गार्ड की मदद से बच गया। उन्होंने कहा कि उन्हें धमकी भले फोन भी आ रहे हैं। इस डर से उन्होंने 26 अगस्त के बाद यूनिवर्सिटी जाना बंद कर दिया है।
विक्रम ने कहा कि इस घटना के बाद मैंने अपने विभाग के प्रमुख योगेश्वर तिवारी को छुट्टी का आवेदन भेजा। मेरी छुट्टी आज समाप्त हो रही है, इसलिए मैं इसे बढ़ाने के लिए एक और ई-मेल भेज रहा हूं। मैंने एक छात्र के माध्यम से मुख्य प्रॉक्टर और वाइस-चांसलर को पत्र भेजा था, जिसमें मैंने लिखा कि मेरी जान को खतरा हो सकता है और कैंपस में खलबली मच सकती है।
वहीं, वीडियो पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एनके. शुक्ला ने विक्रम को एक नोटिस भेजकर तीन दिनों में जवाब मांगा। विक्रम ने इस नोटिस पर जवाब देने के लिए रजिस्ट्रार से कुछ और समय मांगा।