भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए धार्मिक राजनीति आयोजन जिम्मेदार: WHO

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 13, 2021
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए धार्मिक और राजनीतिक घटनाक्रम को जिम्मेदार बताया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत में कोविड-19 की हाल की स्थिति के जोखिम के आकलन में पाया गया है कि देश में कोरोना ट्रांसमिशन के लिए कई संभावित कारण है, जिसमें मुख्य रूप से धार्मिक और राजनीतिक घटनाक्रम शामिल हैं, जिसमें कोविड निमयों का पालन नहीं किया गया। 



बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से थोड़े दिन पहले देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में सभी राजनीतिक पार्टियों ने कई रैलियां और जनसभाएं की थी। वहीं हरिद्वार में कुंभ मेला 2021 का भी आयोजन किया गया था। जहां से कोविड-19 नियमों के अनदेखी के मामले सामने आए थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार (12 मई) को प्रकाशित अपने कोविड19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट में कहा कि भारत में पहचाने गए कोरोना वायरस के B.1.617 के वैरिएंट पहली बार भारत में अक्टूबर 2020 में सामने आए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना के मामले और बढ़ती मौतों की संख्या के पीछे B.1.617 और B.1.1.7 जैसे वैरिएंट जिम्मेदार हैं। लेकिन सरकार ने पता चलने के बाद भी इन वैरिएंट को रोकने के लिए कोई जरूरी कार्रवाई नहीं की गई है।

डब्ल्यूएचओ ने हाल ही एक रिपोर्ट में भारत में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट B.1.617 के रूप को चिंताजनक और दुनियाभर के लिए खतरनाक कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत में पाए जाने वाला कोरोना का नया म्यूटेंट काफी संक्रामक है ये दुनिया के 44 देशों में पहुंच गया है। 

डब्ल्यूएचओ ने साप्ताहिक महामारी रिपोर्ट में कहा है कि 11 मई तक कोविड वायरस के 4,500 क्रम अपलोड किए गए हैं। जिसमें से भारत में पाए जाने वाला B.1.617 के वैरिएंट 44 देशों में मिला है।

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